जेएनयू में रविवार (जनवरी 6, 2020) की रात हुई हिंसा के बाद कई अंतरराष्ट्रीय मीडिया संस्थानों ने इस मामले पर अपनी रिपोर्टिंग की। लेकिन, इसी बीच फाइनेंशियल टाइम्स ने इस मामले को कवर करते हुए अपनी खबर को नया एंगल देने का प्रयास किया और हेडलाइन में दंगा करने वालों के लिए उपद्रवी भीड़ (Rowdy Mob), हिंसक भीड़ (Violent MOB), दंगाइयों (Rioters) की भीड़ जैसे शब्दों का इस्तेमाल करने की बजाय ‘उत्पातियों’ को ‘राष्ट्रवादियों (nationalist)’ की भीड़ बताया।
हालाँकि, सोशल मीडिया पर एक विदेशी मीडिया द्वारा ‘राष्ट्रवादी’ शब्द का अपमान होता देख कई भारतीयों ने फाइनेंशियल टाइम्स को खरी खोटी सुनाई। लेकिन इसी दौरान भारत सरकार में केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने भी फाइनेंशियल टाइम्स को जमकर लताड़ा।
Dear @FT, Technologists across the world would be eager to get the tech possessed by you, which helps decipher that a masked mob is ‘nationalist’. Also, all universities & institutions in our country are secular.
— Prakash Javadekar (@PrakashJavdekar) January 6, 2020
उन्होंने नकाबपोश दंगाईयों को, जिन्होंने छात्रों और शिक्षकों पर हमला किया, उन्हें राष्ट्रवादी कहने पर विदेशी मीडिया को टैग करते हुए व्यंगात्मक लहजे में लिखा कि दुनिया भर के टैकनोलजिस्ट उस तकनीक का इस्तेमाल करने के लिए उत्सुक हैं, जिसका इस्तेमाल करके फाइनेंशियल टाइम्स ने मुँह पर नकाब ढके लोगों को ‘राष्ट्रवादी’ करार दिया।
गौरतलब है कि अपने इस ट्वीट में केंद्रीय मंत्री ने फाइनेंशियल टाइम्स को जवाब देते हुए ये भी लिखा कि भारत में हर विश्वविद्यालय और संस्थान धर्मनिरपेक्ष हैं। बता दें उन्होंने ऐसा इसलिए लिखा क्योंकि फाइनेंशियल टाइम्स ने अपनी हेडलाइन में लिखा था कि राष्ट्रवादियों की भीड़ ने दिल्ली स्थित सेकुलर विश्वविद्यालय पर हमला बोला।
I know it’s a bit too much for you to understand India, but here’s an effort: Stop predicting the breaking apart of India at every possible chance you get. India is a diverse democracy and it has always assimilated all differences to emerge stronger.@FT
— Prakash Javadekar (@PrakashJavdekar) January 6, 2020
अपने ट्वीट में फाइनेंशियल टाइम्स को लताड़ लगाते हुए प्रकाश जावड़ेकर ने कहा, “मैं जानता हूँ कि तुम्हारे लिए भारत को समझना थोड़ा मुश्किल हैं। लेकिन ये एक कोशिश हैं। हर मौक़ा मिलने पर देश के टुकड़े होने की भविष्यवाणी करना बंद करो। भारत विविधतापूर्ण लोकतंत्र है और सभी मतभेदों को समाहित कर हमेशा सशक्त होकर उभरा है।”
इसके बाद प्रकाश जावड़ेकर ने अपने अगले ट्वीट में ही फाइनेंशियल टाइम्स की एक पुरानी रिपोर्ट की फोटो को साझा किया। साथ ही भारत के प्रति उनकी समझ और उनकी रिपोर्टिंग को निम्न स्तर का करार दिया।
Nationalist mob goes on rampage at secular university in Delhi https://t.co/CIopFwntcO
— Financial Times (@FT) January 5, 2020
बता दें, सोशल मीडिया यूजर्स ने भी इसी तरह फाइनेंशियल टाइम्स की रिपोर्टिंग की आलोचना की है और इस तरह के लेखों को बरगलाने वाला बताया है। लोगों का कहना है कि फाइनेंशियल टाइम्स जैसे मीडिया सिर्फ़ आग में घी डालने का काम करते हैं, आखिर उन्हें कैसे पता कि नकाबपोश राष्ट्रवादी थे? ऐसे संस्थानों के ख़िलाफ़ एक्शन लिया जाना चाहिए।
I hate to break it to you, but so shallow is your reporting & understanding of India, that the last time you predicted social unrest in India was over rising onion prices!@FT pic.twitter.com/Lz9LPf99X0
— Prakash Javadekar (@PrakashJavdekar) January 6, 2020
गौरतलब है कि 5 जनवरी की शाम जेएनयू में हुई घटना के बाद और विदेशी मीडिया को जवाब देने से पहले, भाजपा नेता ने विपक्ष के हमलों का भी जवाब दिया था। जहाँ उन्होंने पूरे प्रकरण की निंदा की थी। साथ ही विपक्ष के आरोपों पर कहा था कि कॉन्ग्रेस, कम्युनिस्ट, आम आदमी पार्टी के साथ कुछ तत्व जानबूझकर देश भर में और खासकर विश्वविद्यालयों में हिंसा का माहौल तैयार करना चाहते हैं, इसलिए इसकी जाँच अच्छे से होनी चाहिए।
Union Minister Prakash Javadekar: We condemn the violence in JNU. This needs to be investigated. Congress, Communists, AAP and some elements want to create environment of violence in universities across the country. #JNUViolence pic.twitter.com/jfh4wtDkh6
— ANI (@ANI) January 6, 2020