गुजरात में 2022 के अंत में विधानसभा का चुनाव होना वाला है। इससे पहले पत्रकार मौसमी सिंह का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। इस वीडियो में कॉन्ग्रेस पार्टी के सॉफ्ट हिंदुत्व की रणनीति का खुलासा किया गया है।
वीडियो में इंडिया टुडे की पत्रकार को यह कहते हुए सुना जा सकता है, “मुझे याद है कि एक बार राहुल गाँधी का गुजरात में रोड शो था और उस समय, कॉन्ग्रेस खुद को एक ‘सॉफ्ट हिंदुत्व’ पार्टी के रूप में पेश करने की कोशिश कर रही थी।”
मौसमी सिंह ने इसके बाद जो कहा, वो मजेदार है, कॉन्ग्रेस के असल चरित्र को दर्शाता है:
“उनके (राहुल गाँधी के) रोड शो को डायवर्ट किया गया, उसे मुस्लिम बहुल इलाके से नहीं गुजारा गया। क्योंकि यह पहले से ही तय किया गया था कि राहुल गाँधी का अभी हिंदुत्व वाला प्रोग्राम चल रहा है, ऐसे में मुस्लिम बहुल क्षेत्र से जाएँगे तो टोपी वाले नजर आ जाएँगे।”
मोसंबी is a frontline कांग्रेस मीडिया कार्यकर्ता with a Purie badge. We gotta give credence to her for this (not so secret) revelation
— iMac_too (@iMac_too) September 23, 2022
Btw, next round of Assembly polls in Gujarat are round the corner. @BJP4Gujarat is lucky pic.twitter.com/aATwf1z9lr
मौसमी सिंह ने इस साल 27 अगस्त को लल्लनटॉप के एंकर सौरव द्विवेदी के साथ बातचीत के दौरान कहा था कि यह पहले से तय होता है कि किसे इंटरव्यू देना है और किसे नहीं या फिर कौन सा पत्रकार इंटरव्यू लेगा। उनके मुताबिक, कॉन्ग्रेस हिंदुत्व पर विशेष ध्यान और अपनी मुस्लिम तुष्टिकरण पहचान से छुटकारा पाना चाहती थी।
इंडिया टुडे की पत्रकार के अनुसार, मुस्लिम-बहुल क्षेत्रों में जानबूझकर न जाने की रणनीति राहुल गाँधी की सुरक्षा टीम का हिस्सा रहे केबी बायजू ने बनाई थी। कथित तौर पर, बायजू पहले स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप (SPG) का हिस्सा थे, जो राहुल गाँधी के महासचिव बनने के बाद उनकी टीम में शामिल हो गए।
बायजू के पास कॉन्ग्रेस में कोई औपचारिक पद नहीं है, लेकिन पार्टी में उनका कद लगातार बढ़ता गया। पार्टी के पूर्व नेता गुलाम नबी आजाद ने अपने इस्तीफे में उनका जिक्र तक किया था। आजाद ने कहा था कि अब सोनिया गाँधी नाममात्र की नेता रह गई हैं, क्योंकि फैसले राहुल गाँधी के ‘सिक्योरिटी गार्ड और निजी सहायक’ लेते हैं।
Congress leader Ghulam Nabi Azad severs all ties with Congress Party pic.twitter.com/RuVvRqGSj5
— ANI (@ANI) August 26, 2022
राहुल गाँधी और उनका मंदिर जाना
नवंबर 2017 में, कॉन्ग्रेस पार्टी ने एक घोषणा की थी। क्या? यही कि राहुल गाँधी ‘जनेऊ धारी’ हिंदू हैं।
कॉन्ग्रेस के इस दावे पर सोशल मीडिया यूजर्स ने सवाल उठाए थे। तब लोगों ने कॉन्ग्रेस के वंशज के संभावित कैथोलिक मूल की ओर इशारा किया था। एक साल बाद राहुल गाँधी ने पुष्कर में एक पुजारी से कहा था कि वह ‘कश्मीरी ब्राह्मण’ हैं और उनका गोत्र ‘दत्तात्रेय’ है।
पूर्व वित्त मंत्री अरुण जेटली ने इसको लेकर कॉन्ग्रेस पर निशाना साधा था। उन्होंने कहा था, “बीजेपी को हमेशा हिंदुत्व समर्थक पार्टी के रूप में देखा गया है और अगर कोई हमारी नकल करना चाहता है, तो मुझे कोई शिकायत नहीं है।”
बता दें कि यूपी और लोकसभा चुनावों के दौरान खुद को ब्राह्मण बताकर राहुल गाँधी बाह्मण वोट को साधना चाहते थे। आजादी के बाद से एक दशक पहले तक ब्राह्मणों और दलितों के समीकरण पर सत्ता-सुख भोगने के बावजूद कॉन्ग्रेस को इन चुनावों में कुछ खास लाभ नहीं हुआ।
अब, कर्नाटक में विधानसभा चुनाव देखकर राहुल गाँधी ब्राह्मण से लिंगायत में दीक्षित हो गए हैं। वे इस समुदाय के संस्थापक बसवन्ना को फॉलो कर रहे हैं और उनके बारे में पढ़ रहे हैं, जिन्होंने ब्राह्मणों का विरोध किया था।