Sunday, December 22, 2024
Homeरिपोर्टमीडियाराजदीप सरदेसाई कॉन्ग्रेस की गोद में बैठ पाकिस्तान और 26/11 आतंकी हमले पर दे...

राजदीप सरदेसाई कॉन्ग्रेस की गोद में बैठ पाकिस्तान और 26/11 आतंकी हमले पर दे रहे थे ज्ञान, पुराने कॉन्ग्रेसी नेता ने सरेआम धो डाला

राजदीप सरदेसाई उनसे पूछ रहे थे कि शिवसेना ने विज्ञापन दिया है जिसमें लिखा है कि कॉन्ग्रेस की जीत का जश्न पाकिस्तान में मनेगा। आप क्या चाहते हैं कि आपके वोट का जश्न भारतीय मनाएँ या पाकिस्तानी।

इंडिया टुडे के पत्रकार राजदीप सरदेसाई ने कॉन्ग्रेस का बचाव करवाने के चक्कर में फिर से अपनी घोर फजीहत करवा ली। इस बार उनकी बेइज्जती पूर्व कॉन्ग्रेस नेता और वर्तमान में शिंदे गुट के शिवसेना सांसद मिलिंद देवड़ा ने की है।

राजदीप सरदेसाई उनसे पूछ रहे थे कि शिवसेना ने विज्ञापन दिया है जिसमें लिखा है- “कॉन्ग्रेस की जीत का जश्न पाकिस्तान में मनेगा… आप क्या चाहते हैं कि आपके वोट का जश्न भारतीय मनाएँ या पाकिस्तानी।”

इसी पर सरदेसाई ने उनसे पूछा कि उनकी पार्टी इस तरह के प्रचार कर रही है जबकि एनडीए तो भविष्य और विकास की बात कर रही है। इस पर मिलिंद देवड़ा ने सरदेसाई को टोंकते हुए पूछा कि क्या राष्ट्रीय सुरक्षा भारत का मुद्दा नहीं है। ये भारत को उस विकसित भारत के मुकाम तक पहुँचाने के लिए जरूरी नहीं जिसकी बात एनडीए कर रही है।

इस बीच सरदेसाई ने आहत होकर देवड़ा से कहा शिवसेना का विज्ञापन डर फैलाने वाला है। उन्होंने पूछा, “क्या मैं अगर कॉन्ग्रेस पार्टी को वोट दे रहा हूँ तो मैं पाकिस्तान समर्थक हूँ।”

इसके बाद देवड़ा ने सरदेसाई की मंशा भाँपते हुए उन्हें जवाब देना शुरू किया और समझाया कि कैसे शिवसेना का विज्ञापन सही है और कॉन्ग्रेस की मंशा गलत। मिलिंद देवड़ा ने 26/11 हमले का उल्लेख किया और याद दिलाया कि कॉन्ग्रेस नेताओं ने किस तरह से उस टाइम भारत के हित के खिलाफ काम किया था और आतंकवादी हमले के लिए हिंदुओं को दोषी ठहराया था।

उन्होंने कहा, “जब 26/11 हुआ मैं उस समय साउथ मुंबई से सांसद था। मैं प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के बहुत करीब काम करता था। उस समय सरकार और जाँच एजेंसियों की मंशा दुनिया को ये बताने की थी कि पाकिस्तान के पीछे संयुक्त राष्ट्र है जबकि पाकिस्तान इस बात को खुद स्वीकार कर चुका था कि 26/11 उन्होंने खुद किया है। हमने उस समय अजमल कसाब को पकड़ा था, उसके ऊपर केस चला था और उसको सजाए मौत हुई थी।”

देवड़ा ने आगे कॉन्ग्रेसियों की पोल खोलते हुए सरदेसाई से पूछा कि उस समय कॉन्ग्रेसी नेताओं ने आतंकी हमले के बाद क्या कहा था? उन्होंने एक किताब रिलीज की थी (26/11 आरएसएस की साजिश/लेखक अजीज बर्नी) ताकि पाकिस्तान से लोगों का ध्यान भटक जाए और सारा इल्जाम हिंदुओं पर लगे। देवड़ा पूछते हैं कि आखिर ये सब हिंदू-मुस्लिम पहले किसने किया था।

सरदेसाई ने इस जगह कॉन्ग्रेस के हिंदू विरोधी चेहरे को ढाँकने का प्रयास किया वो भी ये कहकर कि वो लोग सिर्फ किताब के विमोचन में शामिल हुए थे। इसके अलावा देवड़ा से ही सवाल किए कि उन्होंने इसके विरोध में क्या किया। तब, देवड़ा बोले कि उन्होंने पार्टी के आतंरिक मंचों पर इस मुद्दे को उठाया था।

इसके बाद मिलिंद देवड़ा ने बताया कि कैसे कॉन्ग्रेस के एक नेता ने दावा किया था कि आईपीएस हेमंत करकरे पर पीकिस्तानी अजमल कसाब ने गोली नहीं चलाई बल्कि आरएसएस के पुलिस अधिकारी ने गोली चलाई। इसके बाद उन्होंने कॉन्ग्रेस के उस पक्ष पर भी गौर करवाया जब उन्होंने चीन के साथ विवाद में भारत की कार्रवाई पर सवाल खड़े कर दिए थे।

बता दें कि देवड़ा के साथ बातचीत में सरदेसाई ने आखिर तक ये साबित करने का प्रयास किया कि ये विज्ञापन गलत है और शिवसेना के स्तर को गिराती है। इस पर देवड़ा ने फिर राजदीप को फटकार लगाते हुए कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा का मुद्दा का कोई मजाक नहीं है बल्कि जरूरी मुद्दा है और चुनावों में भी महत्वपूर्ण है।

नोट- ये लेख मूल रूप से अंग्रेजी में लिखा गया है। इसे पूरा आप इस लिंक पर क्लिक करके पढ़ सकते हैं।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

नाम अब्दुल मोहसेन, लेकिन इस्लाम से ऐसी ‘घृणा’ कि जर्मनी के क्रिसमस मार्केट में भाड़े की BMW से लोगों को रौंद डाला: 200+ घायलों...

भारत सरकार ने यह भी बताया कि जर्मनी में भारतीय मिशन घायलों और उनके परिवारों से लगातार संपर्क में है और हर संभव मदद मुहैया करा रहा है।

भारत में न्यूक्लियर टेस्ट हो या UN में दिया हिंदी वाला भाषण… जानें अटल बिहारी वाजपेयी का जीवन कैसे दूसरे नेताओं के लिए भी...

अटल बिहारी वाजपेयी न केवल एक सशक्त राजनेता थे, बल्कि वे एक संवेदनशील कवि, एक दूरदर्शी विचारक और एक फक्कड़ व्यक्तित्व के धनी थे।
- विज्ञापन -