तथाकथित पत्रकार राना अय्यूब न सिर्फ भारत में, बल्कि भारत से बाहर भी देश विरोधी प्रोपेगंडा फैलाने में कोई कसर नहीं छोड़ती हैं। अब उनका क़तर के मीडिया संस्थान ‘अल जज़ीरा’ के साथ बातचीत का एक वीडियो सामने आया है, जिसमें वो अपने साथ एक ‘टेप’ को दिखाते हुए तरह-तरह के दावे कर रही हैं। हालाँकि, 2012 में ‘न्यूज़लॉन्ड्री’ नामक मीडिया पोर्टल को लॉन्च करने वाली मधु त्रेहान ने उनके इस प्रोपेगंडा की पोल खोल दी है, आइए, आपको बताते हैं कि मामला क्या है।
‘अल जज़ीरा’ के एक शो का वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से हिस्सा बनीं राना अय्यूब ने वहाँ दावा किया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जब गुजरात के मुख्यमंत्री हुआ करते थे (2001-2014), तब भी वो इस पद पर ‘अक्षम’ थे। उन्होंने आगे अपनी ही किताब का हवाला देते हुए नरेंद्र मोदी पर गुजरात का सीएम रहते हुए वहाँ 2002 में हुई दंगों में मिलीभगत का आरोप लगा दिया, जो झूठ वो कई वर्षों से दोहराती आई हैं। बता दें कि किसी जाँच एजेंसी या अदालत ने ऐसा नहीं पाया है।
इतना ही नहीं, राना अय्यूब ने झूठों की श्रृंखला को आगे बढ़ाते हुए गुजरात में फेक एनकाउंटर्स के आरोप लगाए। इसके बाद ‘अल जज़ीरा’ के पत्रकार ने स्टूडियो में मौजूद एक अन्य भारत विरोधी पत्रकार सदानंद धुमे से पूछा कि क्या उन्होंने उस पुस्तक को पढ़ा है और उसमें कोई सबूत है भी या नहीं? हालाँकि, धुमे ने उस पुस्तक और राना की विश्वसनीयता पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि उन्होंने अब तक न तो पुलिस को कोई सबूत दिखाए हैं और न ही उन्हें रिलीज किया है।
इस पर धुमे ने कहा कि हमारे पास 6 साल पुराने इंटरव्यूज के ट्रांसक्रिप्ट्स हैं, लेकिन टेप्स को अब तक रिलीज नहीं किया गया है। उन्होंने कहा कि अगर उनके पास ये होता तो वो उसे रिलीज करना पसंद करते। इस पर राना अय्यूब ने कहा कि उनके स्टिंग ऑपरेशन को विध्वसनीय नहीं बताया जा रहा है, जो गलत है। उन्होंने दावा किया कि गुजरात दंगों के एक मामले में उसी स्टिंग से सज़ा हुई, जिसे 2007 में उस संस्था ने जारी किया था, जिसमें वो काम करती थीं।
उन्होंने कहा कि उस मामले में जज ने उसी स्टिंग को सज़ा का आधार बनाया था। सदानंद धुमे ने इसके बाद सवाल दागा कि आपको उन टेप्स को वेबसाइट पर अपलोड कर के रिलीज करने में क्या चीज रोक रही है? उन्होंने कहा कि ये करना तो काफी आसान है। फिर राना अय्यूब ने दावा कर डाला कि उन्होंने इस देश के सभी के सभी मीडिया संस्थानों, प्रकाशकों और पोर्टलों से इन टेप्स को प्रकाशित करने के लिए संपर्क किया है, लेकिन 5 वर्षों तक ऐसा करने के बावजूद कोई तैयार नहीं हुआ।
Rana Ayub repeatedly says she has offered her tapes to every single website and they have refused. In her interview with me for @newslaundry it is on video record I offered to publish her tapes and she refused.
— madhu trehan (@madhutrehan) January 29, 2022
इसके बाद ‘न्यूज़लॉन्ड्री’ की सह-संस्थापक मधु त्रेहान ने कहा, “राना अय्यूब हमेशा कहती रहती हैं कि उन्होंने देश के हर के मीडिया पोर्टल से इन टेप्स को प्रकाशित करने के लिए संपर्क किया, लेकिन सबने नकार दिया। ‘न्यूज़लॉन्ड्री’ के लिए उनके इंटरव्यू लेते समय मैंने उन टेप्स को प्रकाशित करने का प्रस्ताव रखा तो उन्होंने ही इससे इनकार कर दिया था। ये बात वीडियो रिकॉर्ड पर भी है।” लोगों के सवाल ये भी थे कि अगर उनके पास सच में सबूत हैं तो वो सोशल मीडिया पर ही उन टेप्स को डाल दें।
राना अय्यूब ने हाल ही में हूती आतंकवादियों का समर्थन करते हुए सऊदी अरब पर यमन में कत्लेआम मचाने के आरोप लगाए, जिसके बाद सऊदी अरब और UAE वालों ने उन्हें जम कर खरी-खोटी सुनाई। इसके बाद उनके एक समर्थन ने उनकी तुलना ‘महाराणा’ से कर दी, जिसके बाद राजपूत संगठनों ने आपत्ति जताते हुए उनका विरोध किया। 2022 में उन्होंने हज जाने का सपना देखा था, ऐसे में संशय है कि अब ये पूरा हो पाएगा या नहीं। सऊदी अरब और UAE वालों ने उन्हें आतंकियों से भी ज्यादा खतरनाक बताया।