Sunday, December 22, 2024
Homeरिपोर्टमीडियामहाराष्ट्र सरकार ने अर्नब को दिया मात्र 10 मिनट में हाजिर होने का नोटिस,...

महाराष्ट्र सरकार ने अर्नब को दिया मात्र 10 मिनट में हाजिर होने का नोटिस, रिपब्लिक लेगा अदालत की मदद

अर्नब गोस्वामी ने कहा कि विधानसभा द्वारा पेश किए गए हर पूर्व नोटिस का जवाब दिया गया है, लेकिन विधानसभा ने उनकी प्रतिक्रियाओं को स्वीकार करने से इनकार कर दिया है। अर्नब गोस्वामी ने कहा, यह गैरकानूनी है और विधानसभा जवाब को स्वीकार करने के लिए बाध्य थी।

महाराष्ट्र सरकार ने रिपब्लिक भारत के पत्रकार अर्नब गोस्वामी को चौथा नोटिस जारी करते हुए मात्र 10 मिनट में हाजिर होने को कहा है। समाचार चैनल ‘रिपब्लिक टीवी’ ने कहा है कि वह अब अदालत का रुख करने जा रहे हैं। रिपब्लिक भारत ने इसकी सूचना ट्वीट के माध्यम से दी है।

अर्नब गोस्वामी ने कहा कि यह पूरी तरह से राज्य में लोकतंत्र की प्रक्रिया की विफलता का सबूत है।


रिपब्लिक टीवी ने खबर को आज (अक्टूबर 16, 2020) दोपहर 2:50 बजे प्रकाशित किया। अर्नब गोस्वामी को महाराष्ट्र विधान सभा से नोटिस मिला, जिसने कि उन्हें व्यक्तिगत रूप से दोपहर 3:00 बजे पेश होने के लिए कहा था। राज्य सरकार ने अर्नब गोस्वामी को विधानसभा में उपस्थित होने के लिए केवल 10 मिनट दिए, और चेतावनी दी कि यदि वह ऐसा नहीं करते हैं, तो उनके खिलाफ कार्रवाई शुरू की जा सकती है।

अर्नब गोस्वामी को महाराष्ट्र विधानसभा द्वारा पहला नोटिस 16 सितंबर को विशेषाधिकार के उल्लंघन के सम्बन्ध में दिया गया था। महाराष्ट्र विधायिका सचिवालय ने पहले 16 सितंबर को अर्नब गोस्वामी से उद्धव ठाकरे और शरद पवार के खिलाफ कथित अपमानजनक टिप्पणियों के लिए राज्य विधानमंडल के दो दिवसीय मानसून सत्र के दौरान उनके खिलाफ विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव पर स्पष्टीकरण माँगा था।

सुशांत सिंह राजपूत मौत मामले की कवरेज के दौरान मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और अन्य मंत्रियों को जिस तरह से रिपब्लिक टीवी के प्रमुख अर्नब के हवाले से पेश किया गया, उसे लेकर शिवसेना विधायक प्रताप सरनाईक द्वारा विधानसभा में प्रस्ताव पेश किया गया था।

विधानसभा ने आरोप लगाया कि उन्हें अर्नब की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली ,इसके बाद अर्नब गोस्वामी को एक दूसरा नोटिस दिया गया और 20 अक्टूबर तक जवाब माँगा गया। गोस्वामी को एक तीसरा नोटिस दिया गया था, जिसमें महाराष्ट्र विधानमंडल सचिवालय ने रिपब्लिक टीवी के प्रमुख अर्नब गोस्वामी को नोटिस जारी किया था ,यह स्पीकर की अनुमति के बिना सुप्रीम कोर्ट में विधानसभा की कार्यवाही की एक प्रति प्रस्तुत करने के लिए विशेषाधिकार हनन के सम्बन्ध में था। सचिवालय ने बुधवार को एक बयान में कहा कि 13 अक्टूबर को यह नोटिस दिया गया था और 15 अक्टूबर तक गोस्वामी से लिखित स्पष्टीकरण माँगा गया था।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

कानपुर में 120 मंदिर बंद मिले: जिन्होंने देवस्थल को बिरयानी की दुकान से लेकर बना दिया कूड़ाघर… वे अब कह रहे हमने कब्जा नहीं...

कानपुर की मेयर प्रमिला पांडेय ने एलान किया है कि सभी मंदिरों को कब्ज़ा मुक्त करवा के वहाँ विधि-विधान से पूजापाठ शुरू की जाएगी

नाम अब्दुल मोहसेन, लेकिन इस्लाम से ऐसी ‘घृणा’ कि जर्मनी के क्रिसमस मार्केट में भाड़े की BMW से लोगों को रौंद डाला: 200+ घायलों...

भारत सरकार ने यह भी बताया कि जर्मनी में भारतीय मिशन घायलों और उनके परिवारों से लगातार संपर्क में है और हर संभव मदद मुहैया करा रहा है।
- विज्ञापन -