‘आज तक’ के पत्रकार रोहित सरदाना का शुक्रवार (अप्रैल 30, 2021) को हृदयाघात के कारण निधन हो गया। वो कोरोना वायरस से संक्रमित थे। वो अपने पीछे अपनी पत्नी और दो बेटियों को छोड़ गए हैं। उनकी उम्र 41 वर्ष थी। हैरानी की बात ये है कि ‘सबसे तेज़’ चैनल को अपने पत्रकार के निधन की खबर को अपनी वेबसाइट पर डालने में पूरे 2 घंटे 16 मिनट लग गए। शायद आज तक के सब के सब कर्मचारी रोहित सरदाना के निधन को लेकर दुख और शॉक में रहे होंगे।
सोशल मीडिया पर दोपहर के 12:27 बजे ‘ज़ी न्यूज़’ के मुख्य संपादक एवं CEO सुधीर चौधरी ने अपने क्राइम एडिटर जितेंद्र शर्मा के हवाले से इस दुःखद सूचना को शेयर किया। पूरे न्यूज रूम में दुख और शॉक इतना रहा होगा कि इसके 2 घंटे 16 मिनट बाद दोपहर के 2:43 में ‘आज तक’ ने अपने पत्रकार के निधन की खबर प्रकाशित की। 43 लाख ट्विटर फॉलोवर्स और 9.15 लाख फेसबुक फॉलोवर्स वाले रोहित सरदाना सोशल मीडिया के लोकप्रिय पत्रकारों में से एक थे।
आज तक के अलावा बाकी ऐसे वेबसाइट जिनसे रोहित सरदाना डायरेक्ट नहीं जुड़े थे, जैसे ‘लाइव हिंदुस्तान’ ने कुछ ही मिनट बाद इस खबर को अपने होमपेज पर शेयर कर डाली। यहाँ तक कि NBT पर भी ये खबर अगले एक घंटे के भीतर ही आ गई थी। लेकिन, डेढ़ बजे के करीब ‘आज तक’ चैनल का हमने जो स्क्रीनशॉट लिया, उसमें कहीं भी आपको रोहित सरदाना के निधन की खबर नहीं दिखेगी – इससे आप पूरे चैनल और रोहित सरदाना से सबके मित्रवत रिश्ते को समझ सकते हैं। उसी समय के आसपास ‘अमर उजाला’, ‘जनसत्ता’, ‘ज़ी न्यूज़’ और ‘ABP न्यूज़’ पर ये खबर आ गई थी।
रोहित सरदाना के निधन की खबर अधिकतर खबरिया वेबसाइटों पर डेढ़ बजे के आसपास मौजूद थी, उदाहरण देखिए:
1:30 बजे के आसपास ‘आज तक’, ‘इंडिया टुडे’ और ‘आज तक’ लाइव चैनल पर रोहित सरदाना के निधन की खबर नहीं थी। ट्विटर पर सूचना मिलते ही लोगों ने चैनल खोला, ताकि इस सम्बन्ध में और अधिक जानकारी मिले। लेकिन, उन्हें तब निराशा हाथ लगी – शायद वो नहीं समझ सके कि रोहित सरदाना की मौत की खबर छापना आज तक न्यूज रूम के किसी पत्रकार साथी के लिए आम बात नहीं थी।
सोशल मीडिया पर लोग लगातार ‘आज तक’ को टैग कर के पूछ रहे थे कि वो रोहित सरदाना के निधन की खबर क्यों नहीं प्रकाशित कर रहा है? देश-दुनिया की ख़बरें सबसे तेज़ देने वाले चैनल ने अपने ही पत्रकार के निधन की खबर दिखाने में आखिरकार इतनी देरी क्यों की? – लेकिन सोशल मीडिया के ऐसे लोग शायद खबरों से परे मानवीय पक्षों को समझने में चूक कर रहे थे।