Friday, November 15, 2024
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वैज्ञानिक आनंद रंगनाथन ने ‘किट्टी पार्टी जर्नलिस्ट’ सबा नकवी के झूठ, घृणा, फेक न्यूज़ को किया बेनकाब, देखें Video

वैज्ञानिक प्रोफेसर रंगनाथन ने कहा, "असल में वह काफिरों से नफरत करती है, मुझे नहीं पता कि वह हर सुबह कौन सी किताबें पढ़ती है जो उन्हें काफिर से इतना नफरत करने के लिए उकसाती है। बार-बार बेनकाब होने के बाद भी यह 'किट्टी पार्टी जर्नलिस्ट' शांत नहीं होने वाला है।"

स्वघोषित ‘पत्रकार’ सबा नकवी के लिए मंगलवार (जून 2, 2020) को बेहद ही शर्मनाक क्षण रहा, जब नैशनल टेलीविजन पर उनका झूठ और प्रोपेगेंडा उजागर हो गया।

मंगलवार को टाइम्स नाउ के डेली शो ‘India Upfront’ में AAP नेता ताहिर हुसैन के खिलाफ दिल्ली पुलिस की चार्जशीट के मुद्दे के साथ ही दिल्ली हिंदू विरोधी दंगों में भारत विरोधी प्रचारक उमर खालिद और पिंजड़ा तोड़ जैसे अल्ट्रा लेफ्ट विंग समूह के बारे में डिबेट चल रही थी।

डिबेट के दौरान, आम आदमी पार्टी के प्रति लगाव के लिए जानी जाने वाली सबा नकवी ने दिल्ली पुलिस को आरोपित AAP नेता ताहिर हुसैन सहित अन्य आरोपितों के खिलाफ आरोप लगाने के लिए यह कहते हुए फटकार लगाई कि दिल्ली पुलिस ने दंगा के संबंध में जो अपनी चार्जशीट में दावा किया है, उस पर किसी को विश्वास नहीं है। इतना ही नहीं, सब नकवी ने दंगे को ‘नागरिक अधिकार आंदोलन’ का नाम दिया और लगातार यह आरोप लगाती रही कि पुलिस ने एकतरफा कार्रवाई की है।

सबा नकवी ने एक बार फिर से अपने पुराने बयान का सहारा लेकर समुदाय विशेष को पीड़ित बताते हुए कहा कि दंगे के दौरान सबसे अधिक प्रभावित मजहबी लोग ही हुए थे और और चार्जशीट में दिल्ली दंगों के दौरान समुदाय विशेष पर किए गए कथित अत्याचारों की अनदेखी की गई।

इसके अलावा, नकवी ने दावा किया कि AAP नेता ताहिर हुसैन समेत सभी आरोपितों के खिलाफ दायर आरोप पत्र मोदी सरकार द्वारा देश में हो रहे नागरिक अधिकारों के आंदोलन को कुचलने का एक प्रयास था। कथित पत्रकार ने यह भी कहा कि आरोप पत्र आरोपितों के खिलाफ मनगढ़ंत आरोप लगाने के लिए एक कवायद है, विशेष रूप से मीडिया द्वारा। इसके साथ ही उन्होंने टाइम्स नाउ के पैनलिस्टों समेत सम्मानित वैज्ञानिक डॉ आनंद रंगनाथ पर बीजेपी का प्रवक्ता होने का आरोप लगाया।

सबा नकवी द्वारा इस तरह से अपने ऊपर किए गए व्यक्तिगत हमले के बाद डॉ आनंद रंगनाथन ने न केवल सबा नकवी के नफरत, सेलेक्टीविटी, झूठ और प्रोपेगेंडा को उजागर किया बल्कि उन्हें ‘किट्टी पार्टी जर्नलिस्ट’ (Kitty-party journalist) भी कहा। जिसके बाद आम आदमी पार्टी समर्थित पत्रकार को भारी शर्मिंदगी का सामना करना पड़ा।

प्रोफेसर रंगनाथन ने कहा कि सबा नकवी ने पहले से ही सुनिश्चित कर लिया है कि कैसे फर्जी खबरों और प्रोपेगेंडा को फैलाना है। इसके साथ ही उन्होंने नकवी पर कटाक्ष करते हुए कहा, “यह ऐसी पत्रकार हैं, जो हर रात अपनी खूबसूरत ऊँगलियों से पत्रकारिता के आदर्शों को नोंचती-खरोंचती हैं।”

“मैं ताहिर हुसैन को नहीं जानता, लेकिन वह (नकवी) निश्चित रूप हिस्ट्र्री शीटर हैं।” यह कहते हुए आनंद रंगनाथन ने AAP समर्थित ‘पत्रकार’ नकवी द्वारा फैलाए गए सभी झूठों के लिस्ट सामने रख दिए।

आनंद रंगनाथन ने कथित पत्रकार को बेनकाब करते हुए बताया कि कैसे उन्होंने कश्मीर में भीड़ इकट्ठा करने के लिए प्रोपेगेंडा फैलाया था और गोधरा दंगों एवं फेक चर्च अटैक पर भी फर्जी खबर फैलाई थी। उन्होंने सांप्रदायिक घटनाओं पर रिपोर्टिंग में नकवी के चयन और पक्षपात को उजागर किया।

प्रोफेसर रंगनाथन ने कहा कि वह केवल हिंदू हेट क्राइम को लेकर उन्मत्त रहती हैं, जबकि हिन्दुओं पर मजहबी भीड़ द्वारा किए गए 150 हमलों पर वो चुप रहती हैं।

आगे उन्होंने कहा, “असल में वह काफिरों से नफरत करती है, मुझे नहीं पता कि वह हर सुबह कौन सी किताबें पढ़ती है जो उन्हें काफिर से इतना नफरत करने के लिए उकसाती है। बार-बार बेनकाब होने के बाद भी यह ‘किट्टी पार्टी जर्नलिस्ट’ शांत नहीं होने वाला है।”

दिल्ली पुलिस ने मंगलवार (जून 2, 2020) को बड़ी कार्रवाई करते हुए फ़रवरी के अंतिम सप्ताह में दिल्ली में हुए हिन्दू-विरोधी दंगों के मामले में 2 चार्जशीट दायर किया। इसमें आम आदमी पार्टी के (अब निलंबित) पार्षद ताहिर हुसैन को मुख्य आरोपित बनाया गया है। उसके भाई शाह आलम सहित 15 अन्य लोगों को आरोपित बनाया गया है। क्राइम ब्रांच की टीम ने दस्तावेजों के साथ कड़कड़डूमा कोर्ट पहुँच कर चार्जशीट दाखिल की।

चाँदबाग और जफराबाद में हुए दंगों को लेकर ये चार्जशीट दायर की गई। ताहिर हुसैन पर इन दंगों को फंड करने और इसका मास्टरमाइंड होने की बात कही गई है। दंगों को भड़काने में 1.3 करोड़ रुपए से भी ज्यादा फूँके गए।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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