न्यूज़ ब्रॉडकास्ट स्टैंडर्ड अथॉरिटी (NBSA) ने टाइम्स नाउ को आदेश दिया है कि वह राहुल गाँधी की घनघोर प्रशंसक संजुक्ता से माफ़ी माँगे। इसकी वजह यह है कि टाइम्स नाउ ने संजुक्ता बासु को हिन्दू हेटर (Hindu Hater) कह कर संबोधित किया था और इन दावों का खंडन करने का मौका भी नहीं दिया।
क्या है मामले की पृष्ठभूमि
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार टाइम्स नाउ ने 6 अप्रैल 2018 में एक कार्यक्रम का प्रसारण किया था, जिसमें संजुक्ता बासु को ‘हिन्दू हेटर’, ‘आर्मी हेटर’, ‘राहुल गाँधी की ट्रोल आर्मी’ और ‘वाइल क्रियेचर’ (घिनौना जीव) जैसे नामों से संबोधित किया था। इस पर संजुक्ता बासु ने आरोप लगाया था कि टाइम्स नाउ ने इस विवाद में उनका नाम बेहद अपमानजनक और अभद्र तरीके से घसीटा है। इसके बाद कॉन्ग्रेस की परम प्रिय संजुक्ता ने यह भी कहा कि इस मामले पर उन्हें अपना पक्ष रखने का अवसर भी नहीं दिया गया।
संजुक्ता ने कहा, “मेरा ऐसा मानना है कि कार्यक्रम विश्वसनीय नहीं था क्योंकि उसका आधार ही गलत था और उसमें दिए गए तर्क भी बेहद सीमित थे। मिसाल के तौर पर उन्होंने (टाइम्स नाउ) ने खुद यह बात स्वीकार की थी कि 6 अप्रैल 2018 को भाजपा नेता अमित शाह द्वारा किए गए किसी ‘कुत्ते बिल्ली हँसी मज़ाक’ की प्रतिक्रिया में यह कार्यक्रम प्रसारित किया गया था।
संजुक्ता बासु के NBSA में शिकायत दर्ज कराने के 19 महीने के बाद टाइम्स नाउ को यह आदेश दिया गया। इस मामले के संबंध में हो रही सुनवाई पर NBSA की निष्क्रियता को देखते हुए संजुक्ता बासु ने सर्वोच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था। इसके बाद समूह ने मामले में दखल दिया और टाइम्स नाउ को माफ़ी माँगने का आदेश दिया।
NBSA का आदेश – सीधे प्रसारण के दौरान माँगी जाए माफ़ी
NBSA ने अपने आदेश कहा है कि 27 अक्टूबर को टाइम्स नाउ संजुक्ता बासु के नाम का बड़े अक्षरों में उल्लेख करते हुए (ऑन एयर) माफ़ी माँगे।
आदेश में लिखा है, “हम इस बात पर खेद जताते हैं कि 6-04-2018 को टाइम्स नाउ चैनल पर रात 8 बजे प्रसारित किए गए India Upfronr@ और 9 बजे प्रसारित किए गए “The Newshour Debate’@ के संबंध में हमने संजुक्ता बासु की शिकायत का पक्ष शामिल नहीं किया। इसलिए रिपोर्टिंग के दौरान निष्पक्षता और तटस्थता के सिद्धांतों की अवहेलना करने की बात को ध्यान में रखते हुए इस बात पर स्पष्टीकरण देते हैं कि इसका उद्देश्य संजुक्ता बासु का अपमान करना नहीं था।”
News Broadcast Standards Authority directs Times Now to telecast an apology on Oct 27, 9 pm for running a program in April 2018 calling author & social activist, Sanjukta Basu, a ‘Hindu Hater’ etc without seeking her version.@sanjukta #NBSA @TimesNow pic.twitter.com/knvhVHDStR
— Bar & Bench (@barandbench) October 25, 2020
चैनल को इस बात का भी आदेश दिया गया है कि वह एक हफ़्ते के भीतर माफ़ी माँगने के प्रसारण की सीडी भी उपलब्ध कराए। इसके अलावा टाइम्स नाउ को यह आदेश भी दिया गया है कि वह एक हफ़्ते के अंदर अपनी वेबसाइट और यूट्यूब पर मौजूद इस मामले से जुड़े हर अपमानजनक वीडियो लिंक भी हटा दे।
संजुक्ता बासु ने राहुल गाँधी को दिया इस जीत का श्रेय
संजुक्ता बासु ने इस बात के लिए पूरा श्रेय राहुल गाँधी को दिया है। संजुक्ता बासु ने कहा कि राहुल गाँधी से मुलाक़ात के बाद यह लड़ाई शुरू हुई और इस वजह से यह ऐतिहासिक है।
I have won my case against @TimesNow. https://t.co/95wjbJpIVw
— Sanjukta Basu (@sanjukta) October 25, 2020
वह इस बात से उत्साहित थीं कि टाइम्स नाउ द्वारा ‘हिन्दू हेटर’ कहे जाने के बावजूद राहुल गाँधी ने उनसे मुलाक़ात करने में झेंपने की बजाय ट्विटर पर फॉलो बैक किया।
संजुक्ता बासु के मुताबिक़ पुलवामा भीतर का षड्यंत्र था
पुलवामा में हुए भयावह आतंकवादी हमले के कुछ ही घंटे बाद संजुक्ता बासु ने पाकिस्तान प्रायोजित सीआरपीएफ़ जवानों पर हुए हमले को देश के भीतर की साजिश घोषित किया था। बिना किसी का नाम लिए उनका कहना था कि यह हमला भारतीय जनता पार्टी के निर्देश पर हुआ है।
राहुल गाँधी भी करते हैं फॉलो
पिछले साल 2019 के लोकसभा चुनावों में हार के कुछ हफ़्तों बाद राहुल गाँधी ने संजुक्ता बासु को फॉलो किया था। राहुल गाँधी ने ऐसा तब किया था, जब संजुक्ता बासु ने कहा था कि ट्विटर पर सिर्फ उनकी और राहुल गाँधी की बात को अहमियत दी जाती है।
इस मामले में भी बिना किसी का नाम लिए उन्होंने कहा कि ट्विटर पर ऐसे सिर्फ 2 लोग हैं, जिनकी आवाज़ कुछ महत्वपूर्ण है और इन दोनों को ही चंद्रयान 2 की लॉन्चिंग से कोई फर्क नहीं पड़ता है। आखिरकार अंतरिक्ष तकनीक के आधुनिकरण से ऐसे दो लोगों को क्यों फर्क पड़ना चाहिए, जिनकी बातों का ट्विटर पर महत्व है।
Only two people, whose voice somewhat matters here, dared to not care about the Chandrayan. They didn’t tweet enthusiastically how it was a proud moment for every Indian because they are pained and worried about the future of the nation. One is me. Guess the other.
— Sanjukta Basu (@sanjukta) July 23, 2019
इसके बाद संजुक्ता ने यहाँ तक कह दिया कि सिर्फ इन दो लोगों को ही देश के भविष्य की चिंता है। इसके बाद उन्होंने खुद ही बताया था कि उन दो लोगों में एक वह खुद हैं और दूसरा आप लोग (नेटिज़न्स/फॉलोअर्स) बताएँ।
अगले दिन जब उस दूसरे व्यक्ति को कोई नहीं पहचान पाया, तब उन्होंने खुद इस बात की घोषणा कर दी कि ट्विटर पर पूरे दिल से काम करने वाले दूसरे व्यक्ति राहुल गाँधी हैं। इसके बाद संजुक्ता बासु ने कहा कि राहुल गाँधी ने शीला दीक्षित ने निधन पर ट्वीट किया, कश्मीर को लेकर ट्रंप के बयान का पर ट्वीट किया, इन दोनों बातों को भारत ने सिरे से खारिज कर दिया था।
इतना ही नहीं राहुल गाँधी के इस्तीफ़े ने संजुक्ता बासु की आँख में आँसू ला दिए थे।
Reading Rahul Gandhi’s resignation letter brought tears to my eyes. This is the beginning of an end.
— Sanjukta Basu (@sanjukta) July 3, 2019
Goodbye Rahul Gandhi. Goodbye Congress. Goodbye Nehru. Goodbye the nation I was born in. 😢😢
संजुक्ता बासु इतनी अवसादग्रस्त को गई थीं कि उन्होंने देश को ही ‘गुडबाय/अलविदा’ कह दिया था। हालाँकि फ़िलहाल वह भारत में ही रह रही हैं।