केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा है कि टीवी मीडिया के पास अपनी एक स्व-नियामक संस्था होनी चाहिए। उन्होंने बताया कि जस्टिस एके सिकरी के नेतृत्व में एक एजेंसी का गठन किया गया है, जो टीवी मीडिया न्यूज़ चैनलों के नियम तय करेगी। उन्होंने कहा कि कई टीवी चैनल इसके सदस्य भी नहीं हैं। उन्होंने बताया कि इन टीवी मीडिया चैनलों के लिए ‘कोड ऑफ कंडक्ट’ बनाने हेतु कई प्रस्ताव आए हैं।
उन्होंने ‘फ्री प्रेस’ को लोकतंत्र की आधारशिला बताते हुए कहा कि स्वतंत्रता अपने साथ कुछ जिम्मेदारी भी लाती है और न्यूज़ चैनल सनसनी फैलाना बंद करें। वो राष्ट्रीय प्रेस दिवस के अवसर पर प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया द्वारा आयोजित एक वेबिनार में बोल रहे थे। सोमवार (नवंबर 16, 2020) को इस कार्यक्रम में बोलते हुए जावड़ेकर ने फ्री प्रेस को लोकतंत्र की आत्मा बताया और मीडिया चैनलों को समझाया कि एक ‘जिम्मेदार स्वतंत्रता’ होनी चाहिए।
उन्होंने मीडिया चैनलों को याद दिलाया कि कोई खबर जान-बूझकर किसी को बदनाम करने के लिए नहीं चलाई जानी चाहिए। साथ ही उन्होंने कहा कि आज जिस तरह से मीडिया की स्वतंत्रता पर हमला किया जा रहा है, वो निंदनीय है। कुछ चैनलों द्वारा टीआरपी में घपले के आरोपों पर उन्होंने बताया कि मंत्रालय द्वारा गठित समिति इसकी जाँच कर जल्द ही रिपोर्ट देगी। उन्होंने इससे निराशा जताई कि टीवी चैनलों के लिए कोई नियामक संस्था नहीं है।
उन्होंने PCI के बारे में कहा कि यहाँ कई मीडिया संस्थानों के अलावा संसद से भी प्रतिनिधित्व है। उन्होंने कहा कि PCI को और शक्ति देने के लिए विचार किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि टीवी चैनलों के लिए ‘कोड ऑफ कंडक्ट’ बनाने को लेकर प्रक्रिया विचाराधीन है। इसी तरह उन्होंने OTT प्लेफॉर्म्स के लिए भी कोई नियामक संस्था न होने की बात पर निराशा व्यक्त की और कहा कि इस पर विचार चल रहा है।
उन्होंने कहा कि OTT प्लेटफॉर्म्स को लेकर कई शिकायतें आई हैं कि वहाँ भ्रामक तथ्य फैलाए जा रहे हैं और फेक न्यूज़ को जमकर बढ़ावा दिया जा रहा है। साथ ही उनके द्वारा धार्मिक भावनाओं को आहत किए जाने की शिकायतें भी मिल रही हैं। प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि मीडिया इंडस्ट्री में आज ‘फेक न्यूज़’ सबसे बड़ी समस्या है और इससे निपटने के लिए लगातार विचार हो रहा है। जल्द ही इनके लिए ‘कॉमन कोड ऑफ कंडक्ट’ आएगा।
In a message at the webinar on #NationalPressDay by Press Council of India, reiterated that freedom of the press is the cornerstone of our Democracy, but at the same time stressed that it is a responsible freedom. pic.twitter.com/7iosPCl9Xj
— Prakash Javadekar (@PrakashJavdekar) November 16, 2020
हाल ही में ऑपइंडिया के सम्पादक अजीत भारती ने भी केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर का इंटरव्यू लिया था, जिसमें उनसे इस विषय में सवाल पूछे गए थे। केंद्रीय मंत्री से जब पूछा गया कि डिजिटल मीडियम में फिलहाल किस तरह की चुनौतियाँ हैं? तो उन्होंने इसका जवाब देते हुए कहा था कि यह बहुत ही महत्वपूर्ण पहलू है और उनका मानना है कि डिजिटल मीडिया सेल्फ रेग्युलेट करे, लेकिन अगर उन्हें मदद चाहिए, तो वो मदद करने के लिए भी तैयार हैं।