सुशांत सिंह राजपूत की मौत के बाद से बॉलीवुड के काले सच को उजागर करने वाले मीडिया हाउस के पत्रकारों के ख़िलाफ़ कई बॉलीवुड हस्तियों ने याचिका दर्ज की है। ऐसे में कुछ मीडिया गिरोह के लोग भी इन हस्तियों के साथ हैं, जो आम दिनों में तो खुद को पत्रकारिता का संरक्षक बताते हैं मगर जब बात उसके साथ खड़े होने की आती है तो पल्ला झाड़कर दूसरे खेमे में चले जाते हैं। ऐसे ही लोगों में एक नाम पत्रकार शेखर गुप्ता का है।
द प्रिंट के शेखर गुप्ता ने मीडिया जगत के ऊपर फिल्मी हस्तियों को समर्थन देने का चुनाव किया है। शेखर गुप्ता ने लिखा है, “झूठे इल्जामों के ख़िलाफ़ सामूहिक रूप से कानूनी कार्रवाई बॉलीवुड के लिए टर्निंग प्वाइंट हो सकती हैं। इससे ‘उद्योग’ को एक संस्था की तरह देखने की हिम्मत मिलेगी और एक संस्था की हमेशा रीढ़ होती है।”
This collective legal action agains calumny can be a turning point for Bollywood. It could mark an ‘industry’ daring to see itself as an institutions. And institutions must have a spine.
— Shekhar Gupta (@ShekharGupta) October 12, 2020
दिलचस्प बात यह है कि मीडिया गिरोह का सक्रिय सदस्य होने के अलावा शेखर गुप्ता की पहचान एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया के चीफ के रूप में होती है और एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया एक ऐसी संस्था है जिसकी स्थापना प्रेस की आजादी की रक्षा करने के लिए हुई थी।
हालाँकि, इसी संस्था के प्रमुख अपने कर्तव्यों को भूलकर बॉलीवुड के फैन बने नजर आ रहे हैं। उन्हें पढ़ कर ऐसा लगता है कि पत्रकारिता की जगह चाटुकारिता में निहित दायित्वों का निर्वाहन ही अब उनके लिए अभियव्यक्ति की आजादी बन गया है।
अपने प्रतिद्वंदी चैनल या विपरीत विचारधारा के पत्रकार को वह इतना भी नहीं सह पा रहे कि अपने प्रोफेशन का ही लिहाज कर लें। वह खुलकर उसी बॉलीवुड का समर्थन कर रहे हैं जो उनकी ही इंडस्ट्री के लोगों पर उंगली उठा रही है वो भी सिर्फ़ इसलिए क्योंकि उन्होंने चंद सवाल पूछे।
क्या शेखर गुप्ता बॉलीवुड के इस प्रयास को पत्रकारिता पर हमला नहीं मानते? या वह ठान चुके हैं कि उनकी आइयॉलिजी नैतिकता से और लेफ्ट जर्नलिज्म भारतीय मीडिया, से ऊपर है ।
गौरतलब है कि हाल में फ़िल्मी दुनिया से जुड़े 34 फिल्म निर्माताओं जिसमें अभिनेता और निर्देशक भी शामिल हैं, इन्होंने 4 पत्रकारों के विरुद्ध दिल्ली की उच्च न्यायालय में याचिका दर्ज कराई थी। याचिका मीडिया वालों द्वारा बॉलीवुड पर अभद्र और अपमानजनक टिप्पणी करने के चलते दायर की गई थी।
इसके बाद ट्विटर पर यूजर्स की प्रतिक्रिया आनी शुरू हुई, इस ख़बर के सामने आते ही ट्विटर पर एक हैशटैग ट्रेंड करने लगा #BoycottBollywood। लोग इस बात को लेकर बॉलीवुड की जम कर आलोचना करने लगे और कुछ ने इसका मजाक भी उड़ाया।
इंडिया टुडे के राहुल कंवल भी इस पर अपनी प्रतिक्रिया देने से नहीं चूके। अर्नब गोस्वामी के धुर विरोधी राहुल कंवल ने लिखा, “ये अच्छा है कि बॉलीवुड एकजुट होकर जहरीले चैनलों का सामना करने को तैयार है। ऐसा नहीं हो सकता कि कोई अनर्गल आरोप लगाकर आपकी छवि खराब करे और आप खामोश रहें। पगलाए एंकर्स और एडिटर्स को समझना चाहिए कि बिना सबूत किसी पर आरोप लगाने का अंजाम बुरा हो सकता है। ये बहुत पहले हो जाना चाहिए था।” जबकि ये बात उल्लेखनीय है कि सुशांत सिंह राजपूत केस में उनके चैनल आजतक ने ही रिया के काले जादू से लेकर नई-नई रचनात्मक हेडलाइनों से सुशांत के लिए आवाज उठाने का नाटक किया था।
आज शेखर गुप्ता का ऐसा ट्वीट सामने आने के बाद सोशल मीडिया यूजर्स भी उनकी छीछालेदर करने में लगे हैं। आम लोगों तक को मीडिया गिरोह के दोहरे चेहरे का ज्ञान है। लोगों का पूछना है कि यह बेहद हास्यास्पद है कि अभिव्यक्ति की आजादी को तहस-नहस करने वाले बाहर निकल कर आ रहे हैं और बॉलीवुड की सराहना कर रहे हैं ताकि अपने प्रतिद्वंदियों की आवाज को दबा सके। लोगों का कहना है कि यह सब न तो भारतीय पत्रकारिता का हिस्सा है और न फ्रीडम ऑफ एक्सप्रेशन का।
It’s irony to see all the torch bearers of FoE in media coming out & appreciating Bollywood for trying to suppress the freedom of expression of their own competitors in profession. This doesn’t augur well neither for Indian journalism nor for right to FoE.
— Raju (@nbrengaraju) October 12, 2020