वापमंथी न्यूज पोर्टल द क्विंट झूठ फैलाते हुए पकड़ा गया है। चैनल के रिपोर्टर मेघनाथ बोस ने दिल्ली पुलिस पर मुस्लिम पत्रकारों को हिरासत में लिए जाने का आरोप लगाया था, जिसका दिल्ली पुलिस खंडन किया है। रविवार (3 अप्रैल, 2022) को बोस ने दावा किया था कि हिंदू महापंचायत कार्यक्रम में हिंदू भीड़ द्वारा उन पर हमला किए जाने के बाद पुलिस ने ‘चार अन्य मुस्लिम पत्रकारों’ सहित उन्हें हिरासत में ले लिया था।
दरअसल, रविवार के दिल्ली के बुराड़ी मैदान पर सेव इंडिया फाउंडेशन ने हिंदू महापंचायत का आयोजन किया था। पंचायत के पोस्टर में इसके एजेंडे का जिक्र किया गया था। जिसमें मंदिरों को सरकारी नियंत्रण से मुक्त करने, धर्मांतरण विरोधी कानून, समान नागरिक संहिता समेत कई अन्य मुद्दों के समाधान की माँग की गई थी। आरोप लगाने वाले क्विंट पत्रकार मेघनाद बोस ने दावा किया कि महापंचायक की रिपोर्टिंग करते वक्त मीर फैसल और मोहम्मद मेहरबान नाम पर हिंदू भीड़ द्वारा ‘हमला’ किया गया था। बोस ने हिंदू महापंचायत को ‘मुस्लिम विरोधी कार्यक्रम’ करार दिया।
धन्यवाद दिल्ली देहात – यही तो हमारी जीत है pic.twitter.com/PBr5JKGcLm
— Save India Foundation (@joinsif) March 31, 2022
बोस ने दावा किया कि दिल्ली पुलिस ने उन्हें और चार अन्य मुस्लिम पत्रकारों को हिरासत में ले लिया था। ट्वीट में क्विंट के पत्रकार ने ट्विटर पर दावा किया, “पत्रकारों को दिल्ली पुलिस ने पुलिस की गाड़ी में हिरासत में ले लिया।”
उत्तर पश्चिम दिल्ली के डिसीपी ने मेघनाद बोस के दावों का खंडन करते हुए ट्वीट किया, “कुछ पत्रकार स्वेच्छा से अपनी मर्जी से भीड़ से बचने के लिए कार्यक्रम स्थल पर तैनात पीसीआर वैन में बैठ गए और सुरक्षा कारणों से पुलिस स्टेशन जाने का विकल्प चुना। किसी को हिरासत में नहीं लिया गया। पुलिस ने उन्हें उचित सुरक्षा प्रदान की।” डीसीपी उत्तर-पश्चिम दिल्ली का कहना है कि बोस ने ये आरोप उस वक्त लगाए थे, जब हिंदू कार्यकर्ताओं ने उस समारोह में पत्रकारों की उपस्थिति पर आपत्ति जताई थी।
डीसीपी ने भ्रामक जानकारी फैलाने वालों के खिलाफ कार्रवाई करने की बात कही है। उल्लेखनीय है कि क्विंट पत्रकार मेघनाथ बोस वहीं शख्श हैं, जिन पर 2018 में #MeToo का आरोप लगाया गया था। एक महिला ने आरोप लगाया था कि जब वो शराब के नशे में थी तो बोस ने उसके साथ गलत व्यवहार किया।
खास बात ये है कि जैसे ही मेघनाथ बोस ने ट्विटर पर ये आरोप लगाया तो उसके तुरंत बाद पाकिस्तान के महावाणिज्य दूतावास वैंकूवर के आधिकारिक ट्विटर हैंडल ने कई ट्विटर अकाउंट को टैग करके उन्हें जवाब दिया। पाकिस्तानी अधिकारी कोई कमेंट तो नहीं किया, लेकिन उसने मानवाधिकार निकायों, संयुक्त राष्ट्र, यूरोपीय संघ आदि के आधिकारिक अकाउंट्स को टैग किया।