‘The Wire’ ने अमेरिकी कंपनी ‘Meta’ के खिलाफ तथाकथित खुलासा करते हुए कहा कि फेसबुक-इंस्टाग्राम पर अमित मालवीय किसी भी पोस्ट को हटवा सकते हैं, बिना किसी सवाल-जवाब के। उसने ‘Meta’ के एक अधिकारी का ईमेल दिखाया, जिसमें आतंरिक डॉक्यूमेंट लीक करने की बात की गई थी। उस डॉक्यूमेंट की तरह ये ईमेल भी फर्जी निकला। लेकिन, ‘The Wire’ ने आईटी दिग्गज कंपनी द्वारा खंडन किए जाने के बाद भी अड़ियल रवैया अपनाना जारी रखा।
अब किस्म-किस्म के दावे कर के प्रोपेगंडा पोर्टल अपनी खबर को सही साबित करने में लगा हुआ है। ‘Meta’ के अधिकारी एंडी स्टोन ने कहा कि ये पूरा का पूरा मामला फर्जी है और ऐसी रिपोर्ट्स को लिखने वाले भी ये बात जानते हैं। उन्होंने कहा कि उनका जो ईमेल दिखा-दिखा कर ‘The Wire’ अपनी स्टोरी की पुष्टि में लगा हुआ है, वो उन्होंने भेजना और लिखना तो दूर, सोचा तक नहीं है। इन्हीं बनावटी सबूतों के आधार पर ‘The Wire’ कह रहा है कि भाजपा और Meta के बीच करार हुआ है।
इस मामले पर प्रोपेगंडा पोर्टल और अमेरिकी दिग्गज आईटी कंपनी लड़ रहे हैं, लेकिन भाजपा या केंद्र सरकार की तरफ से कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। अमित मालवीय ने भी कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है। आपको याद होगा कि ‘The Wire’ ने दावा किया था कि भाजपा आईटी सेल ने ‘Tek Fog’ नामक एप बनाया है, जिसके तहत पार्टी के खिलाफ बोलने वालों के विरुद्ध पोस्ट्स और ट्वीट्स की बाढ़ ला दी जाती है।
If TailsOS was used to receive an email, Tails must have connected to Tor.
— Pranesh Prakash (@pranesh) October 15, 2022
However, Tails "automatically synchronizes the system time at start", Tor fails w/ wrong time, & apps use UTC.
So if time can't be off by *a year*, only few hours (to match Tor IP)https://t.co/KeJQhDzEpm pic.twitter.com/64cnHN5Hdk
हालाँकि, इसका कोई सबूत नहीं मिला और ये मामला भी ठंडा पड़ गया। ताज़ा मामले में ‘Squarespace’ कंपनी के तकनीकी विशेषज्ञ ब्रेंट किमेल ने भी ‘The Wire’ को लताड़ते हुए कहा है कि उसके दावे सही नहीं है। वो एंडी स्टोन के साथ काम कर चुके हैं और उनका कहना है कि भले ही एक दशक से उन दोनों की बातचीत नहीं हुई, लेकिन उन्होंने कभी पहले एंडी स्टोन को उस भाषा में बात करते नहीं देखा, जैसा ईमेल में दिख रहा है।
‘The Wire’ ने दावा किया कि ‘@fb.com’ ईमेल एड्रेस पर भेजे गए उसके ईमेल को वहाँ किसी ने खोला और पढ़ा, इसका उसके पास सबूत हैं। इसके लिए उसने ‘superhuman’ तकनीक का सहारा लिया, जो दिखाता है कि किसी के द्वारा भेजे गए ईमेल को कितनी बार खोला गया। ये तकनीक ईमेल में एक तस्वीर डाल देता है, जिसे जितनी बार खोला जाए सूचना सेन्डर के पास पहुँच जाती है। प्राइवेसी का झंडाबरदार बनने की नाटक करने वाले ‘The Wire’ की ये हरकत प्राइवेसी का खुला उल्लंघन है।
हालाँकि, तकनीकी एक्सपर्ट्स कहते हैं कि ऐसी कोई भी तकनीक शत-प्रतिशत सच नहीं बता सकती। एक तरह से ‘The Wire’ एक स्पाई एप का प्रयोग कर के अपनी बात को सही साबित करना चाह रहा। मीडिया संस्थान ने इसके बाद ‘dkimpy’ नामक प्लेटफॉर्म का यूज करने का दावा करते हुए कहा कि इससे पता चलता है कि कोई ईमेल ऑथेंटिक सोर्स से आया है या नहीं। ‘टेक्नीकल ट्रेडिंग गुरु’ नामक एक ट्विटर हैंडल ने भी स्क्रीनशॉट के माध्यम से बताया है कि ‘The Wire’ ने ईमेल से छेड़छाड़ कर के 2021 की जगह उसे 2022 का बना दिया है।
ALSO THEY HAVE COPIED THE FIRST 2 OF 2021 AND PASTED IN PLACE OF 1. I HAVE DONE THE PIXEL ANALYSIS.
— Technical Trading Guru (Rohit Agarwal) (@techtradeguru) October 15, 2022
ANY OTHER PERSON CAN DO TOO.
यानी, उसने फोटोशॉप के जरिए अपनी बात को सही साबित करना चाहा। उसने स्क्रीनशॉट में तारीख़ तो बदल दी, लेकिन सप्ताह का दिन नहीं बदल पाया और यहीं पकड़ा गया। बाद में इज्जत बचाने के लिए ‘The Wire’ ने दावा किया कि ‘Meta’ वाली स्टोरी पर काम कर रहे उसके टेक्नीकल एक्सपर्ट का ईमेल अकाउंट हैक कर लिया गया है। इसके बाद लोगों ने मीडिया संस्थान का मजाक बनाते हुए कहा कि उसने ऐसे ‘टेक एक्सपर्ट’ हैं, जो खुद का हैंडल नहीं संभाल सकते।