Sunday, November 17, 2024
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मोदी सरकार के खिलाफ फेक न्यूज फैलाने की सलाह देने पर केंद्रीय मंत्री वीके सिंह ने लगाई शेखर ‘कूप्ता’ को लताड़, कहा- बिका हुआ

जनरल वीके सिंह ने शेखर गुप्ता के लिए ‘बिके हुए’ पत्रकार शब्द का इस्तेमाल करते हुए फर्जी खबरों को फैलाने, अभिव्यक्ति की आजादी पर प्रतिबंध लगाने व राजनैतिक विरोधियों पर कार्रवाई करने के आह्वान के साथ ही तख्तापलट की झूठी खबर को प्रकाशित करने को लेकर मजाक उड़ाया।

शुक्रवार (मई 15, 2020) को ‘द प्रिंट’ ने सारी बेशर्मी को पार करते हुए अपनी वेबसाइट पर एक लेख प्रकाशित किया। जिसका लब्बोलुबाब यह था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को हराने के लिए विपक्ष फेक न्यूज फैलाए।

इस लेख में मुख्यत: इस बात पर जोर दिया गया कि लिबरलों को/विपक्षियों को नरेंद्र मोदी के खिलाफ़ छिड़ी जंग में किस प्रकार फेक न्यूज को बढ़ावा देना चाहिए। इस लेख में अपनी बातों को सही ठहराने के लिए द प्रिंट ने अमेरिकी थिंक-टैंक रैंड कॉर्पोरेशन के लिए लिखे गए क्रिस्टोफर पॉल और मिरियम मैथ्यूज के एक लेख का हवाला दिया है।

प्रिंट के लेख में तर्क दिया गया कि पूरे विश्व में आज झूठ को तेजी से फैलाना प्रोपेगेंडा फैलाने का सबसे शक्तिशाली उपकरण बनता जा रहा है। इसलिए जो लोग इस प्रोपेगेंडा को हराना चाहते हैं, उन्हें अपने झूठ को आग की तरह फैलाना होगा। 

सत्तारुढ़ भाजपा के खिलाफ कॉन्ग्रेस के इकोसिस्टम द्वारा फेक न्यूज फैलाए जाने के प्रपंच को सड़क परिवहन और राजमार्ग राज्यमंत्री जनरल वीके सिंह ने आड़े हाथों लिया। उन्होंने मोदी सरकार के खिलाफ फर्जी न्यूज फैलाने को बढ़ावा दिए जाने को लेकर प्रकाशित लेख पर एडिटर्स गिल्ट ऑफ इंडिया के प्रमुख शेखर गुप्ता को लताड़ लगाई

शेखर गुप्ता के ट्वीट पर वीके सिंह की प्रतिक्रिया

रिटायर्ड जनरल वीके सिंह ने अपने ट्वीट में लिखा कि जब आप किसी ऐसे आर्टिकल को शेयर करते हैं, जिसमें सरकार पर सवाल उठाया गया हो, तो ये आपका लोकतांत्रिक अधिकार है। इसी तरह अगर आप दुनिया में घटित होने वाले किसी अन्य घटनाओं को रिट्वीट करते हो तो ये भी आपका लोकतांत्रिक अधिकार है।

वीके सिंह का ट्वीट

शेखर गुप्ता पर हमला करते हुए सिंह ने कहा कि जब कोई शख्स एडिटर्स गिल्ड के अध्यक्ष के रुप में किसी आर्टिकल को रिट्वीट करता है, जिसमें न केवल सरकार पर सवाल उठाया गया हो, बल्कि लिबरलों को/विपक्षियों को नरेंद्र मोदी के खिलाफ़ छिड़ी जंग में फेक न्यूज को बढ़ावा देने पर जोर दिया गया हो, तो यह उनकी बिरादरी को भी अपमानित करता है।

दरअसल, शेखर गुप्ता ने खुद भी उस विवादित आर्टिकल को रिट्वीट किया था, जिसके बाद केंद्रीय मंत्री की यह तीखी प्रतिक्रिया सामने आई। वीके सिंह ने शेखर गुप्ता पर कटाक्ष करते हुए उन्हें ‘कूप्ता’ भी कहा।

वीके सिंह ने शेखर गुप्ता के लिए ‘कूप्ता’ शब्द का इस्तेमाल किया

बता दें कि सोशल मीडिया पर शेखर गुप्ता के लिए कूप्ता शब्द का इस्तेमाल इसलिए किया जाता है, क्योंकि उन्होंने जनरल वीके सिंह के सेना में रहने के दौरान शेखर गुप्ता ने फर्जी तख्तापलट की कहानी प्रकाशित की थी। शेखर गुप्ता उस समय इंडियन एक्सप्रेस में कार्यरत थे। वीके सिंह ने उनसे कहा कि भले ही वे अपने पेशे के प्रति ईमानदार नहीं हो सकते, लेकिन अपने संपादक पद के प्रति ईमानदार रहें।

जनरल वीके सिंह ने शेखर गुप्ता के लिए ‘बिके हुए’ पत्रकार शब्द का इस्तेमाल करते हुए फर्जी खबरों को फैलाने, अभिव्यक्ति की आजादी पर प्रतिबंध लगाने व राजनैतिक विरोधियों पर कार्रवाई करने के आह्वान के साथ ही तख्तापलट की झूठी खबर को प्रकाशित करने को लेकर मजाक उड़ाया।

शेखर गुप्ता के खिलाफ हमला ऐसे समय में हुआ है, जब हाल के दिनों में ‘द प्रिंट’ एक कुख्यात फर्जी खबर फैलाने वाले वेबसाइट के रुप में उभरा है। मुख्यधारा मीडिया जो पिछले काफी समय से फर्जी की खबरें फैला रहे हैं, वे केवल राजनीति के एक धड़े को फायदा फहुँचाने के लिए है।

जाहिर है वो धड़ा भाजपा का नहीं है। इस काम में पिछले कुछ समय में शेखर गुप्ता का द प्रिंट सबसे आगे रहा है और अब तो इसके पीछे की वजह भी साफ हो गई है।

द प्रिंट तमाम झूठ फैलाने के बाद अपनी नैतिक श्रेष्ठता पर इतना आश्वस्त है कि लेख से ऐसी बातें बताने की कोशिश कर रहा है कि विपक्ष के पास राजनैतिक उद्देश्यों को हासिल करने के लिए फेक न्यूज फैलाने की आज़ादी है और वे इसका इस्तेमाल कर सकते हैं।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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