वरिष्ठ पत्रकार और ‘आजतक’ के लोकप्रिय एंकर रोहित सरदाना की शुक्रवार (30 अप्रैल 2021) को हर्ट अटैक से मृत्यु हो गई। वे कोरोना से भी संक्रमित थे। उनके निधन से हर कोई स्तब्ध है। हालाँकि कट्टरपंथी और मीडिया गैंग से जुड़े कई लोग उनके निधन का जश्न मनाते भी दिखे हैं। इनमें ‘न्यूजलॉन्ड्री’ का कॉलमनिस्ट शरजील उस्मानी, खुद को ‘टाइम्स ऑफ इंडिया’ का संवाददाता बताने वाला मोहम्मद इबरार, ‘द प्रिंट’ की स्तंभकार जैनब सिकंदर जैसे नाम शामिल हैं।
बेबाकी से अपनी बात रखने वाले सरदाना के लिए मीडिया गिरोह और कट्टरपंथियों की यह घृणा नई नहीं है। ऐसा ही एक वाकया दिसंबर 2020 में तब देखने को मिला था, जब एक गालीबाज ट्रोल को तीखा जवाब देने पर इनलोगों ने सरदाना के खिलाफ मोर्चा खोल दिया था। उस वक्त ‘ऑल्टन्यूज’ का सह संस्थापक प्रतीक सिन्हा इसका अगुआ था। उसने ट्रोल शौकत अली की तरफ से विक्टिम कार्ड खेलते हुए ‘आजतक’ के फाउंडर अरुण पुरी और न्यूज डायरेक्टर राहुल कंवल को ट्विटर पर टैग कर सरदाना की शिकायत की थी।
असल में सवाल-जवाब के एक लाइव सेशन में ट्रोल शौकत अली ने सरदाना से पूछा था, “अगर आप ऐसा सोचते हैं कि किसान आंदोलन में प्रदर्शन करने वाले लोग खालिस्तानी हैं तो ‘आपके नेता’ मोदी उन सभी को जेल में क्यों नहीं डाल देते हैं?” इसके जवाब में उन्होंने कहा था, “देखिये! सबसे पहली बात मोदी जी आपके भी नेता हैं। अगर नहीं हैं तो आप पतली गली लेकर निकल लें उधर।”
सरदाना के इस जवाब में कोई धार्मिक पहलू नहीं था। लेकिन लिबरलों ने इसे मजहब से जोड़ते हुए सोशल मीडिया पर रोहित सरदाना के खिलाफ मोर्चा खोल दिया था। प्रतीक सिन्हा ने अरुण पुरी और राहुल कंवल को टैग करते हुए ट्विटर पर पूछा था कि उन्होंने सरदाना पर इसके लिए क्या कार्रवाई की। सिन्हा ने दावा किया था कि सवाल पूछने वाला मुस्लिम था, इसलिए सरदाना ने कहा कि तुम्हारे को छूट दी थी देश विरोधी नारे लगाने की।
‘ऑल्टन्यूज’ के दूसरे सह संस्थापक मोहम्मद जुबैर ने भी सरदाना पर कार्रवाई की मॉंग करते हुए कहा था कि उसे अल्पसंख्यकों के खिलाफ घृणा फैलाने की छूट दी गई है।
उस वक्त हमने जब शौकत अली का प्रोफाइल खॅंगाला था तो पता चला था कि यह पहला मौका नहीं था जब उसे सरदाना ने जवाब दिया था। अक्टूबर 2018 में भी उन्होंने इसी ट्रोल के नफ़रत और अभद्रता से भरे ट्वीट का जवाब दिया था। इसके बाद शौकत अली ने सोशल मीडिया पर सरदाना को लेकर तमाम अपमानजनक ट्वीट किए। ऐसे ही एक ट्वीट में उसने हिन्दूफ़ोबिक ‘गौमूत्र’ अपशब्द का इस्तेमाल किया था, जिस तरह पुलवामा के आतंकवादियों ने किया था।