बटला हाउस मुठभेड़ के दौरान सबसे आगे रहने वाले बलिदानी मोहन चंद शर्मा को दिल्ली पुलिस ने सम्मानित किया है। शर्मा की फोटो को अब दिल्ली पुलिस के विशेष प्रकोष्ठ के प्रवेश द्वार पर लगाया गया है।
Great gesture. The photo of daredevil cop Mohan Chand Sharma placed at the entrance of special cell. He was martyred during the Batla House encounter. Better late than never. Kudos. @CPDelhi @DelhiPolice pic.twitter.com/mulJM8dhIe
— Raj Shekhar Jha (@rajshekharTOI) February 5, 2019
13 सितंबर 2008 को महेश चंद्र शर्मा उस समय आतंकवादियों की गोली से बुरी तरह से घायल हो गए थे जब वो दिल्ली में हुए विस्फोटों से जुड़े आतंकवादियों से मुठभेड़ कर रहे थे। उन्हें सभी आतंकवादियों के जामिया नगर में छिपे होने की सूचना मिली थी। दुर्भाग्य से घटना के दौरान उन्होंने बुलेट प्रूफ जैकेट नहीं पहनी हुई थी। बाद में उनकी मृत्यु हो गई थी।
ख़बर के अनुसार, शर्मा ने फरवरी 2007 में डीडीयू मार्ग पर एक मुठभेड़ के दौरान जैश-ए-मोहम्मद के चार आतंकवादियों को गिरफ़्तार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। 2006 में, शर्मा जे एन स्टेडियम के पास एक मोस्ट वांटेड आतंकवादी अबु हमजा के साथ हुई मुठभेड़ में भी शामिल थे।
दिल्ली पुलिस के पूर्व इंस्पेक्टर शर्मा को अशोक चक्र से सम्मानित किया गया था। मोहन चंद्र शर्मा 1989 में दिल्ली पुलिस में सब-इंस्पेक्टर के रूप में भर्ती हुए थे। वे उत्तराखंड के अल्मोड़ा के चौखुटिया मौसी क्षेत्र के मूल निवासी थे। अपनी 19 वर्षों की सेवा देते हुए 19 सितंबर 2008 को वे वीरगति को प्राप्त हो गए।