पुलवामा आतंकी हमले के बाद पूरी दुनिया में पाकिस्तान की आलोचना हो रही है जिसके कारण उसे अलग-थलग होने का डर सताने लगा है। ऐसी परिस्थिति में चारों ओर हो रही निंदा से बचने के लिए पाकिस्तान ने एक नई चाल चली है।
दरअसल, IAF विंग कमांडर अभिनंदन को छोड़ने का ऐलान करते हुए पाकिस्तानी पीएम ने इसको शांति की तरफ कदम बढ़ाने वाली पहल बताया था। जिसके बाद भारत-पाक के बीच तनाव को कम करने का हवाला देते हुए सूचना मंत्री फवाद चौधरी एक प्रस्ताव लेकर आए। इस प्रस्ताव में फवाद चौधरी ने प्रधानमंत्री इमरान खान को नोबेल पुरस्कार के लिए नामित करने की बात कही है।
फवाद चौधरी ने कहा कि भारत-पाक के बीच जारी तनाव को कम करने के प्रयासों में उनके पीएम के द्वारा उल्लेखनीय पहल की गई है। फवाद की माने तो इमरान खान ने शांति प्रयासों के लिए जिस प्रकार की तत्परता दिखाई वह दुर्लभ है। फवाद चौधरी के द्वारा संसद में पेश किए गए प्रस्ताव के अलावा #NobelPeacePrizeForImranKhan भी ट्रेंड करता रहा।
लेकिन, इन सभी बातों के बीच में आपको बता दें कि जिस वक्त पाकिस्तानी संसद में इमरान को नोबेल पुरस्कार के लिए नामित किए जाने का प्रयास किया जा रहा था उस समय पाकिस्तान भारत पर सीमापार से गोलीबारी भी कर रहा था। इसके अलावा अभिनंदन को रिहा करने से पहले पाकिस्तान लगातार भारत से बात करने की कोशिशें करता रहा लेकिन भारत ने अपने स्टैंड को साफ़ रखा कि जब तक पाकिस्तान आतंकवाद का साथ देगा तब तक किसी भी प्रकार की बातचीत नहीं की जाएगी।