झारखण्ड में मजहब विशेष के एक गुट ने अंतिम संस्कार करने के बाद लौट रहे हिन्दुओं पर पथराव कर दिया। हमले में कई लोगों को चोटें आई हैं। शवयात्रा के दौरान शोक का बाजा बजाए जाने को लेकर हुई इस झड़प के बाद पुलिस को कैम्पिंग करनी पड़ी है। मामला तोपचांची, जिला धनबाद के मदैयडीह का है।
सोमवार सुबह भीम नारायण महतो की माता नेमिया महताइन (80) का निधन हो गया था। उनके परिजनों और हिन्दू समुदाय के लोगों ने अंत्येष्टि कर के लौटते समय अपनी परम्परा के अनुरूप शोक का बाजा बजाया। जब वे लोग मस्जिद के समीप पहुँचे तो कुछ लोगों ने विरोध करते हुए बाजा बंद करने को कहा। विरोध पहले बहस में बदला, और बात बढ़ते-बढ़ते पत्थरबाजी होने लगी। मीडिया रिपोर्टों में लाठी-डंडे से भी हिंसा की बात निकल कर सामने आ रही है।
मामले की सूचना पाकर मौके पर पहुँची मदैयडीह और राजगंज थानों की पुलिस ने किसी तरह हिंसा रोकी। इस बाबत जहाँ हिन्दुओं का कहना है कि उनके बाजा बजाने पर ही रोक लगाने की कोशिश की गई और हमला किया गया, वहीं दूसरे समुदाय का दावा है कि जिस समय बाजा बज रहा था, उस समय मस्जिद में नमाज अदा की जा रही थी। इस बीच यह भी पता चला है कि मृतका का घर ही मस्जिद के सामने था, अतः ज़ाहिर तौर पर बाजा बजाने वाले उनके घर पर ही बजा रहे थे।
हमले में हिन्दू पक्ष की ओर से संजय साव, नंदलाला साव, धनेश्वर साव, महेश्वर साव, सुदामा साव, पूजा देवी, शनीचर साव, मुनिया देवी के घायल होने की सूचना है। घायलों का इलाज तोपचांची प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में किया जा रहा है। वहीं समुदाय विशेष में कुछ व्यक्तियों के घायल होने की सूचना है। हालाँकि पुलिस कैम्पिंग से क्षेत्र में हिंसा तो नहीं हुई है, लेकिन साम्प्रदायिक तनाव कायम है।