26 जनवरी को जब राजपथ पर ‘नारी शक्ति’ का प्रदर्शन हो रहा था, उसी वक़्त जयपुर में भी इस पर चर्चा चल रही थी। चर्चा इसलिए क्योंकि साहित्य महोत्सव में ऑक्सफोर्ड डिक्शनरी को साल 2018 का हिन्दी शब्द चुनना था। और पैनल ने आख़िरकार ‘नारी शक्ति’ शब्द पर मुहर लगा दी।
जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल (जेएलएफ़, जयपुर साहित्य उत्सव) में ऑक्सफोर्ड ने अपने बयान में कहा, “मार्च 2018 में अंतरराष्ट्रीय नारी दिवस पर भारत सरकार द्वारा जब नारी शक्ति पुरस्कार के तहत महिलाओं की असाधारण उपलब्धियों को पहचाना और सराहा गया, तब से इस शब्द के प्रयोग में जबरदस्त उछाल आया है।” साथ ही ट्रिपल तलाक, सबरीमाला मंदिर विवाद, MeToo आंदोलन जैसे महिला सशक्तीकरण के मुद्दे भी इस शब्द को चुनने का आधार बने।
ऑक्सफोर्ड डिक्शनरी में ‘हिंदी वर्ड ऑफ दि ईयर’ का दर्जा ऐसे शब्द को दिया जाता है, जो पूरे साल काफी ध्यान आकर्षित करता है। इसके साथ ही लोकाचार, भाव और चिंता को भी प्रतिबिंबित करता हो। ऑक्सफोर्ड के अनुसार ‘नारी शक्ति’ शब्द संस्कृत से लिया गया है और इन दिनों अपने हिसाब से जीवन जी रहीं महिलाओं के लिए इसका इस्तेमाल किया जाता है।
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि “आधार” को ऑक्सफोर्ड डिक्शनरी ने साल 2017 का हिन्दी शब्द चुना था।