छत्तीसगढ़ में नक्सलियों के खिलाफ ऑपरेशन में सुरक्षा बलों को बड़ी सफलता मिली है। बीजापुर में मुठभेड़ में 12 नक्सली ढेर हुए हैं। ये एनकाउंटर गंगानूर पुलिस थाना अंतर्गत आने वाले गाँव पीडिया के पास की है। सुरक्षाकर्मियों की एक टीम नक्सलियों की तलाशी में अभियान चला रही थी। इसी दौरान पास के जंगल से नक्सली गोलीबारी करने लगे। पुलिस ने भी जवाबी कार्रवाई की। घटनास्थल से सभी एक दर्जन नक्सलियों के शव बरामद कर लिए गए हैं।
अच्छी बात ये है कि एक भी सुरक्षाकर्मी हताहत नहीं हुआ है। हालाँकि, 2 घायल हुए हैं। इलाके में अभी भी तलाशी अभियान चलाया जा रहा है। याद दिलाते चलें कि इससे पहले काँकेड़ में एक मुठभेड़ में 29 नक्सली मार गिराए गए थे। जहाँ तक बीजापुर की बात हैं, वहाँ कोरचोली और लेंड्रा के जंगलों में इससे पहले हुए मुठभेड़ में पुलिस ने 13 नक्सलियों का सफाया किया था। इनमें से कई इनामी नक्सली भी थे। राज्य में सरकार बदलने के साथ ही नक्सल विरोधी कार्रवाई तेज़ हो गई है।
ताज़ा एनकाउंटर के बारे में बताते हुए मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कहा, “नक्सलियों के साथ मुठभेड़ में हमारे जवानों को भारी सफलता मिली है। मुठभेड़ समाप्त हो गया है, नक्सलियों की 12 लाशें मिली हैं। मैं अधिकारियों और जवानों को बधाई देता हूँ। जब से हमलोग सरकार में आए हैं, नक्सलवाद के खिलाफ मजबूती से लड़ रहे हैं। केंद्र सरकार भी चाहती है कि छत्तीसगढ़ से नक्सलवाद समाप्त हो। डबल इंजन की सरकार का हमें लाभ मिल रहा है।”
बीजापुर के पीड़िया के जंगल में डीआरजी बीजापुर की टीम और दंतेवाड़ा की टीम और कोबरा बटालियन ने सब मिल कर मुठभेड़ में 10 के आसपास की संख्या में नक्सलियों को मार गिराया। और कोई भी जवान हताहत भी नहीं हुआ है। जवानों को बहुत बहुत बधाई।
— Vijay sharma (मोदी का परिवार) (@vijaysharmacg) May 10, 2024
मैं फिर से नक्सलियों से, रास्ता भटके हुए लोगों से… pic.twitter.com/kjiqs3B0jY
वहीं छत्तीसगढ़ के गृह मंत्री और कवर्धा से विधायक विजय शर्मा ने बताया कि DRG की बीजापुर व दंतेवाड़ा की टीम, कोबरा बटालियन और STF मिल कर 1000 की संख्या में सर्चिंग के लिए निकले थे। उन्होंने कहा कि IED की चपेट में आने से एक जवान को मामूली चोट आई है। उन्होंने कहा कि नक्सलवाद की समस्या का हल बातचीत के माध्यम से निकलना चाहिए, बस्तर तक विकास पहुँचना चाहिए, बस्तर के लोग बंधक न बनाए जाएँ, बंदूक के दम पर स्कूल-अस्पताल नहीं बनते। उन्होंने नक्सलियों के आत्म-समर्पण करने और उन्हें मुख्यधारा में लाने के लिए नई रिहैबिटिलेशन योजना बनाने का भी वादा किया।