असम सरकार ने 68 विदेशियों को चिह्नित करके उन्हें ट्रांजिट कैम्प में भेज दिया है। सरकार द्वारा यह कार्रवाई शुक्रवार (27 जनवरी 2023) को की गई। अवैध घुसपैठियों के लिए इस नए ट्रांजिट कैम्प को गोलपारा जिले के मटिया इलाके में बनाया गया है। इसका निर्माण केंद्र सरकार के निर्देश पर असम के 6 अलग-अलग ट्रांजिट कैम्प में रखे गए घुसपैठियों को एक जगह करने के लिए हुआ है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस कैम्प में न सिर्फ एजेंसियों द्वारा पकड़े गए घुसपैठी हैं, बल्कि इस जगह वो विदेशी घुसपैठी भी रखे गए हैं जो निचली अदालतों द्वारा वीजा नियमों का उल्लंघन के दोषी साबित हुए हैं। असम प्रदेश के जेल विभाग की IG बर्नाली शर्मा (Barnali Sharma) के मुताबिक, शिविर में लगभग 68 लोग रखे गए हैं। इनमें से 45 पुरुष, 21 महिलाएँ और 2 बच्चे हैं। दोनों बच्चे अपने अभिभावकों के साथ हैं। बताया यह भी जा रहा है कि कुछ ही समय में यहाँ अन्य घुसपैठियों को भी लाया जाएगा।
जिस मटिया ट्रांजिट कैम्प में ये सभी विदेशी घुसपैठी रखे गए हैं, उसकी कुल क्षमता 3000 लोगों की है। यहाँ अवैध विदेशियों को रखने की पूरी तैयारी की जा चुकी है। देखरेख के लिए अधिकारियों और कर्मचारियों की भी नियुक्ति की जा रही है। बताया जा रहा है कि इस कैम्प को और पहले शुरू हो जाना था, लेकिन स्टाफ नहीं नियुक्त होने के चलते इसमें देरी हुई। IG जेल के मुताबिक, विदेशियों को जेल से ट्रांजिट शिविर लाने के दौरान स्थानीय पुलिस उन्हें पूरी सुरक्षा देती है।
मटिया ट्रांजिट कैम्प लगभग 2.5 हेक्टेयर में फैला हुआ है। यहाँ लाई जा रहीं महिलाओं के लिए अलग सेल बने हुए हैं। यहाँ मौजूद विदेशी घुसपैठियों के लिए स्कूल और अस्पताल भी मौजूद हैं। इन सभी जगहों पर काम करने के लिए सरकार ने अलग-अलग विभागों के अलग-अलग लोगों का चयन किया है। बताया जा रहा है कि असम के 6 ट्रांजिट केन्द्रों को मिलाकर घुसपैठियों की कुल संख्या लगभग 1,000 है। ये कैंप वर्तमान में चार सेंट्रल जेल और दो जिला जेलों में स्थित हैं। ये कैम्प कोकराझार, गोलपारा, तेजपुर, जोरहाट, डिब्रूगढ़ और सिलचर में बने हुए हैं।