Monday, November 18, 2024
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भारत सीमा पर चीनी सेना को सख्त जवाब देने के लिए तैयार, अजीत डोभाल के साथ मीटिंग में तय हुई व्यापक रणनीति: रिपोर्ट

विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा, "भारत अपने पड़ोसी देश चीन के विस्तार से अच्छी तरह परिचित है। लेकिन चीन को भी यह भूलना नहीं चाहिए कि भारत ने भी काफ़ी ऊँचाई हासिल की है।" इसके अलावा भारतीय सेना ने चीनी सेना की तरफ से हुई घुसपैठ के बाद पैंगोंग त्सो झील के दक्षिणी तट के ऊँचाई वाले हिस्सों पर कब्ज़ा किया।

29-30 अगस्त को भारत और चीन की सेना के बीच पैंगोंग त्सो झील के दक्षिणी तट पर झड़प हुई थी। लेकिन, इस बार चीनी सेना अपने उद्देश्य में कामयाब नहीं हो पाई। भारतीय सेना ने उन्हें मौके से खदेड़ दिया था। टकराव के इस मुद्दे को सुलझाने के लिए दोनों देशों के बीच चोशुल में ब्रिगेड कमांडर स्तर की एक बैठक भी हुई है। दोनों देशों की सरकारों के प्रतिनिधियों ने भी इस मुद्दे पर अपना-अपना पक्ष रख दिया है। इस मुद्दे पर राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल की अध्यक्षता में एक उच्च स्तरीय बैठक भी हुई है।   

सोमवार (30 अगस्त 2020) को हुई इस बैठक में खुफ़िया एजेंसी समेत सेना के कई दिग्गज अधिकारी शामिल हुए थे। उन्होंने दोनों देशों की सेना के बीच हुए इस टकराव के संबंध में चर्चा की। इंटेलिजेंस ब्यूरो के निदेशक अरविन्द कुमार और रॉ के सचिव सामंथ गोयल ने विश्लेषण दिया कि आगामी महीनों में चीन की तरफ से क्या गतिविधियाँ हो सकती हैं। इस बैठक में केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला भी मौजूद थे। 

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, एक वरिष्ठ अधिकारी ने बैठक के दौरान कहा हम चीन के इस प्रयास को नाकाम करने में सफल हुए। लेकिन हम इस मामले पर चर्चा कर चुके थे कि आने वाले समय में हमारी रणनीति क्या होगी। उन्होंने यह भी कहा कि भारत एलएसी पर ज़्यादा संख्या में सुरक्षाबल तैनात करेगा। चीन भी हमारे विरुद्ध यही रणनीति अपना सकता है इसलिए हमें पूरी तरह तैयार रहना होगा। इंटेलिजेंस एजेंसी द्वारा किए गए मूल्यांकन के अनुसार कई चोटी नुमा क्षेत्रों में चीन की मज़बूत पकड़ है। 

उस क्षेत्र के दक्षिणी इलाके की दो ऊँची जगहों पर चीन का कब्ज़ा है, जिसमें चोशुल और पैंगोंग त्सो झील मुख्य हैं। एक नौकरशाह ने कहा अगर चीनी सेना की तरफ से एलएसी पर कोई भी संदिग्ध गतिविधि होती है तो भारतीय सेना को उसके लिए तैयार रहना होगा। उन्होंने बेहद स्पष्ट तौर पर कहा कि किसी भी तरह का विवाद होने पर भारतीय सेना तैयार है। ख़बरों की मानें तो सरकारी सूत्रों के मुताबिक़ रेज़ंग ला समेत कई संवेदनशील इलाकों में सेना भेजी गई है। सोमवार को लद्दाख के राज्यपाल राधा कृष्ण कुमार ने राज्य मंत्री जीके रेड्डी से दिल्ली में इस मुद्दे पर मुलाक़ात की थी। उन्होंने इस मामले पर एक रिपोर्ट दी कि भारतीय सेना की तरफ से सीमा पर तनाव ख़त्म करने के लिए क्या प्रयास किए जा रहे हैं।

इसके अलावा रक्षा मंत्रालय ने भी चीन की तरफ से बढ़ती हुई गतिविधियों को देख कर ठोस कदम उठाए हैं। रक्षा मंत्रालय ने पिनाका मल्टी लॉन्च आर्टिलरी रॉकेट सिस्टम की 6 रेजिमेंट के लिए 2580 करोड़ रुपए के समझौते पर मोहर लगाई। इसकी मारक क्षमता लगभग 40 किलोमीटर है। इन 6 पिनाका रेजिमेंट में 114 लांचर और ऑटोमेटेड मशीन गन भी हैं। इस पूरी यूनिट में BEML के 330 सशस्त्र वाहन भी शामिल हैं। 

US-India Strategic Partnership Forum (USISPF) को संबोधित करते हुए विदेश मंत्री जयशंकर ने भी इस मुद्दे पर कई अहम बातें कहीं। उन्होंने कहा, “भारत अपने पड़ोसी देश चीन के विस्तार से अच्छी तरह परिचित है। लेकिन चीन को भी यह भूलना नहीं चाहिए कि भारत ने भी काफ़ी ऊँचाई हासिल की है।” इसके अलावा भारतीय सेना ने चीनी सेना की तरफ से हुई घुसपैठ के बाद पैंगोंग त्सो झील के दक्षिणी तट के ऊँचाई वाले हिस्सों पर कब्ज़ा किया। 

चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) ने सोमवार (अगस्त 31, 2020) को पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) के पास पैंगोंग त्सो में गतिरोध के लिए भारतीय सेना को दोषी ठहराया था और ‘आग्रह’ कर रहा था कि भारत अपने सैनिकों को क्षेत्र से वापस जाने के आदेश दे। सोमवार देर शाम जारी एक बयान में, पीएलए के पश्चिमी थिएटर कमांड (डब्ल्यूटीसी) ने आरोप लगाया कि भारतीय सैनिकों ने एलएसी का उल्लंघन किया था। 

पैंगोंग त्सो के दक्षिण बैंक और रेकिन पास को क्रॉस कर आगे बढ़ रहे थे। उन्होंने यह भी कहा कि पीएलए जवाबी कार्रवाई कर रही है। सरकारी समाचार एजेंसी शिन्हुआ (Xinhua) ने डब्ल्यूटीसी के प्रवक्ता सीनियर कर्नल झांग शुइली के हवाले से कहा था, “31 अगस्त को भारतीय सेना ने दोनों पक्षों के बीच पिछली बहु-स्तरीय वार्ता में हुई सहमति को तोड़ा और गैरकानूनी रूप से पैंगोंग के दक्षिणी तट के पास फिर से लाइन पार की, इन कारणों से सीमा पर तनाव पैदा हो रहा है।”

गौरतलब है कि 29 और 30 अगस्त की रात को चीनी सैनिकों ने भारतीय सीमा क्षेत्र में फिर से घुसपैठ की कोशिश की थी। हालाँकि, उन्हें मुँह की खानी पड़ी थी। भारतीय सैनिकों ने पैंगोंग त्सो (PangongTso) के दक्षिण तट पर घुसपैठ कर रहे चीनी सैनिकों को खदेड़ दिया था। भारतीय सेना के पीआरओ, कर्नल अमन आनंद ने सोमवार (31 अगस्त) को कहा कि पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (PLA, चायनीज सैनिक) के सैनिकों ने 29 और 30 अगस्त (शनिवार और रविवार) की रात को पैंगोंग त्सो झील के दक्षिणी तट पर दोनों देशों के बीच बनी आम सहमति का उल्लंघन किया। कर्नल अमन आनंद ने बताया, “29/30 अगस्त की रात को, पीएलए सैनिकों ने दोनों देशों के बीच चल रही राजनयिक व्यस्तताओं के दौरान पिछली सर्वसम्मति का उल्लंघन किया और सीमा-स्थिति को बदलने के लिए उत्तेजक सैन्य एक्शन को अंजाम दिया।”

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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