जेएनयू की पूर्व छात्र नेता शेहला रशीद प्रोपगेंडा फैलाने में माहिर हैं। अब उनकी इस करतूत को सेना ने उजागर किया है। शेहला ने एक के बाद एक कई ट्वीट कर जम्मू-कश्मीर पर अफवाह फैलाने की कोशिश करते हुए सुरक्षा बलों के खिलाफ पाकिस्तानी प्रोपगेंडा को हवा देने की कोशिश की है।
ट्वीट में शेहला ने जम्मू-कश्मीर की हालत बेहद खराब होने का दावा करते हुए सशस्त्र बलों पर कश्मीरियों को प्रताड़ित करने का आरोप लगाया था। सेना ने इसे खारिज करते हुए शेहला के आरोपों को बेबुनियाद बताया है। साथ ही कहा है कि असामाजिक तत्व और संगठन लोगों को भड़काने के लिए फर्जी खबरें फैला रहे हैं।
Indian Army: Allegations levelled by Shehla Rashid are baseless and rejected. Such unverified & fake news are spread by inimical elements and organisations to incite unsuspecting population. pic.twitter.com/m6CPzSXZmJ
— ANI (@ANI) August 18, 2019
शेहला ने रविवार को अपने ट्वीट्स में लिखा, “लोग कह रहे हैं कि जम्मू और कश्मीर पुलिस के पास क़ानून व्यवस्था का कोई अधिकार नहीं है। उन्हें शक्तिहीन कर दिया गया है। सब कुछ अर्धसैनिक बलों के हाथों में है। सीआरपीएफ के जवान की शिक़ायत पर एक SHO का ट्रांसफर कर दिया गया था। SHO डंडे के साथ दिखे उनके पास सर्विस रिवाल्वर नहीं देखी गई।”
8) People are saying that J&K Police has no authority on law & order situation. They’ve been rendered powerless. Everything is in the hands of paramilitary forces. One SHO was transferred on complaint of a CRPF man. SHOs carrying batons. Service revolvers can’t be seen on them.
— Shehla Rashid شہلا رشید (@Shehla_Rashid) August 18, 2019
एक अन्य पोस्ट में, उसने लिखा, “सशस्त्र बल रात में घरों में प्रवेश कर रहे हैं, लड़कों को उठा रहे हैं, घरों में तोड़फोड़ कर रहे हैं, जानबूझकर फर्श पर राशन फैलाकर उसमें तेल देते हैं।”
शेहला ने यह भी दावा किया, “शोपियां में चार लोगों को सेना के शिविर में पूछताछ (यातना) के लिए बुलाया गया था। एक माइक उनके पास रखा गया था ताकि पूरा इलाका उनकी चीख सुन आतंकित हो जाए। इससे पूरे क्षेत्र में भय का माहौल पैदा हो गया।”
10) In Shopian, 4 men were called into the Army camp and “interrogated” (tortured). A mic was kept close to them so that the entire area could hear them scream, and be terrorised. This created an environment of fear in the entire area.
— Shehla Rashid شہلا رشید (@Shehla_Rashid) August 18, 2019
शेहला रशीद फिलहाल आईएएस से नेता बने शाह फैसल के साथ जम्मू-कश्मीर की राजनीति में स्थापित होने की कोशिश कर रही हैं। शाह फैसल वही नेता हैं जिन्होंने जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 के प्रावधानों को निष्क्रिय किए जाने के बाद ‘बदला’ लेने की धमकी दी थी। उन्हें पिछले दिनों दिल्ली एयरपोर्ट पर उस समय रोक लिया गया था जब वे देश छोड़ने की कोशिश कर रहे थे। फिलहाल वे श्रीनगर में नजरबंद हैं। बताया जाता है कि वे भारत सरकार के फैसले के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय न्यायालय का दरवाजा खटखटाने के लिए देश छोड़कर जा रहे थे।
इससे पहले जम्मू के डिविजनल कमिश्नर संजीव वर्मा ने कहा था कि अफवाह फैलाने वाले लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने बताया था कि ऐसे कुछ लोगों के बारे में पुलिस जानकारी जुटा रही है।
Divisional Commissioner Jammu, Sanjeev Verma: We have taken action against some people who have scripted wrong stories & rumours. Today, police have already been tasked to collect details of all such people who have been active & participating in spreading of wrong information. pic.twitter.com/3dDk9pHPdq
— ANI (@ANI) August 18, 2019
गौरतलब है आर्टिकल 370 के प्रावधानों को निष्क्रिय करने से पहले राज्य में कुछ एहतियातन कदम उठाते हुए सरकार ने पाबंदियॉं लागू की थी। अब इनमें छूट दी जा रही है। जिसका फायदा उठाकर कुछ लोग लोगों को भड़काने की कोशिश कर रहे हैं।
जम्मू और कश्मीर प्रशासन ने रविवार को कहा था कि 190 से अधिक प्राथमिक स्कूल श्रीनगर में फिर से खुलेंगे, इसके अलावा कश्मीर घाटी में सरकारी कार्यालयों की ‘पूर्ण कार्यक्षमता’ बहाल कर दी जाएगी।
योजना और विकास विभाग के प्रधान सचिव रोहित कंसल ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए कहा, “हमारे पास अकेले श्रीनगर ज़िले के 190 से अधिक प्राथमिक विद्यालयों को फिर से खोलने की योजना है।” उन्होंने कहा कि प्रतिबंधात्मक आदेशों में ढील देने और छूट प्रदान करने की प्रक्रिया रविवार को भी जारी रही।
कंसल ने कहा कि रविवार को 50 पुलिस थानों में छूट प्रदान की गई थी, जबकि शनिवार को 35 पुलिस स्टेशनों को छूट दी गई थी। इस छूट की अवधि छह घंटे से बढ़ाकर आठ घंटे कर दी गई थी।