बांग्लादेश के रास्ते भारत में अवैध रूप से दाखिल होने वाले चीनी नागरिक को पश्चिम बंगाल के मालदा में बीएसएफ द्वारा गिरफ्तार करने के बाद पूछताछ में कई खुलासे हुए हैं। हान जुनवे (36) नाम के इस चीनी नागरिक का गुरुग्राम में 100 कमरों वाला अपना एक होटल है, जिसका नाम “स्टार स्प्रिंग” है। उस होटल में चीनी नागरिक के साथ-साथ भारतीय भी काम करते हैं।
पूछताछ में हान ने बताया कि वह भारत में चीन के लिए जासूसी करता था। इसके साथ ही वह भारतीय सिम को चीन भेजता था, जिसका इस्तेमाल अकाउंट हैक करने और अन्य वित्तीय फ्रॉड करने के लिए किया जाता था। हान ने बताया कि उसने अपना कारोबार गुरुग्राम के अलावा मुंबई और हैदराबाद में भी फैला रखा था।
हान की एक कंपनी हैदराबाद में पंजीकृत है, जबकि गुरुग्राम के डीएलएफ फेज-3 के प्लाट नंबर टी-14/9 में वह 80 कमरों वाला स्टार स्प्रिंग नाम से होटल चलाता था। इससे पहले डीएलएफ फेज-3 में ही 30 कमरों का पीजी चलाता था।
हाल ही में हान के बिजनेस पार्टनर सुन जियांग को लखनऊ एटीएस ने गिरफ्तार किया था। हान को एटीएस केस के कारण भारतीय वीजा नहीं मिला था। इस कारण उसने बांग्लादेश का बिजनेस वीजा लिया और वहाँ से अवैध रूप से भारत में घुसने की कोशिश की थी।
हान के संदिग्ध गतिविधियों में शामिल होने की जानकारी इसी साल जनवरी में मिली थी, जब उत्तर प्रदेश की एंटी टेररिस्ट स्क्वॉयड (एटीएस) टीम ने होटल में छापा मारा था। हालाँकि, जुनवे दिसंबर में ही चीन भाग गया था, इस वजह से पकड़ में नहीं आया। एटीएस ने उसकी कंपनी में नंबर-दो की हैसियत वाले डेविड और डायरेक्टर प्रशांत कुमार पोट्टेंल्ली सहित कई अन्य कर्मचारियों को गिरफ्तार किया था।
वहीं, हान के मुंबई स्थित कारोबार के बारे में कहा जाता है कि वहाँ अब्दुल रज्जाक नाम का उसका बिजनेस पार्टनर है। रज्जाक अभी फरार चल रहा है और एटीएस उसकी तलाश कर रही है।
हान जुनवे ने जनवरी 2019 में गाव नाथुपुर निवासी जेवीएल प्रोपर्टीज एंड ट्रेवल्स प्राइवेट लिमिटेड के डायरेक्टर पारुल लोहिया से मुलाकात की थी। सौदा तय होने पर जेवीएल प्रापर्टीज एंड ट्रेवल्स प्राइवेट लिमिटेड और हान जुनवे की हैदराबाद वाली कंपनी के बीच एग्रीमेंट हुआ। होटल के अधिकतर कमरे पहले बुक रहते थे, लेकिन कोरोना संकट शुरू होने के बाद हान ने किराया देना बंद कर दिया था। दिसंबर 2020 में वह यह कहते हुए चीन चला गया था कि आकर बकाया राशि देगा। तब एटीएस को पता चला कि हान भारतीय सिम को चीन भेजता था।
छापे के दौरान एटीएस की टीम ने जेवीएल प्रापर्टीज एंड ट्रेवल्स के डायरेक्टर पारुल लोहिया से भी पूछताछ की थी। लोहिया ने बताया था कि लीज एग्रीमेंट करने के बाद वह केवल किराया लेने के लिए जाते थे। लोहिया का कहना है कि जैसे ही उन्हें हान के बारे में जानकारी मिली, उन्होंने फरवरी में लीज कैंसिल करने का नोटिस दे दिया था। दो महीने होटल खाली रहा। अप्रैल में पजेशन ले लिया। देश के कई राज्यों में उनका होटल का काम है। अब आगे से वह पूरी छानबीन के बाद ही एग्रीमेंट करेंगे।
होटल डीएलएफ फेज-तीन थाने से केवल डेढ़ से दो किलोमीटर की दूरी पर है, लेकिन पुलिस को इस बारे में कुछ भी पता नहीं चला। थाना प्रभारी विनीत कुमार ने स्वीकार किया कि चीनी नागरिक संदिग्ध गतिविधियों में शामिल है, इसका पता एटीएस के छापे के बाद ही चला।
सूत्रों के मुताबिक चीनी नागरिक के बारे में जानकारी हासिल करने के लिए बीएसएफ की टीम गुरुग्राम पहुँच सकती है। टीम न केवल होटल का निरीक्षण करेगी बल्कि पारुल लोहिया से भी पूछताछ कर सकती है।