कश्मीरी महिला अलगाववादी नेता आसिया अंद्राबी के खिलाफ राजद्रोह का मुकदमा चलेगा। दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने अंद्राबी के खिलाफ भारत सरकार के खिलाफ युद्ध छेड़ने, राजद्रोह और आतंकी साजिश रचने के आरोप में मुकदमा चलाने की मंजूरी दे दी है। आसिया के साथ ही दो सहयोगियों नाहिदा नसरीन और सोफी फहमीदा के खिलाफ भी इन आरोपों में मुकदमा चलाया जाएगा।
इन धाराओं में केस दर्ज करने का आदेश
विशेष न्यायाधीश प्रवीण सिंह ने सोमवार (दिसंबर 21, 2020) को अंद्राबी और उनकी सहयोगियों-सोफी फहमीदा और नाहिदा नसरीन पर गैर कानूनी गतिविधि (रोकथाम) कानून (UAPA) के तहत और आईपीसी की विभिन्न धाराओं के तहत मुकदमा चलाने का आदेश दिया है।
अदालत ने आईपीसी की धारा 120 बी (आपराधिक साजिश), 121 (भारत सरकार के खिलाफ युद्ध छेड़ने), 121 ए (भारत सरकार के खिलाफ युद्ध छेड़ने की साजिश), 124 ए (राजद्रोह), 153 ए (विभिन्न समूहों के बीच रंजिश बढ़ाने), 153 बी (राष्ट्रीय अखंडता के खिलाफ बयानबाजी) और 505 (शांति भंग करने के लिए आपत्तिजनक बयान) के तहत आरोप तय करने के आदेश दिए।
गंभीर धाराओं में केस के आदेश
अदालत ने यूएपीए की धारा 18 (आतंकी कृत्य को भड़काने, साजिश), 20 (आतंकी संगठन का सदस्य होना), 38 (आतंकी संगठन की सदस्यता से जुड़े अपराध) और 39 (आतंकी संगठन का समर्थन करना) के तहत भी आरोप तय करने के निर्देश दिए। औपचारिक रूप से आरोप 18 जनवरी को तय किए जाएँगे।
आसिया अंद्राबी अलगाववादी संगठन दुख्तरान-ए-मिल्लत से जुड़ी हुई हैं। राष्ट्रीय जाँच एजेंसी (एनआईए) ने अंद्राबी और दुख्तरान-ए-मिल्लत की दो अन्य महिलाओं को राजद्रोह के आरोप में 5 जुलाई 2018 को गिरफ्तार किया था। आसिया अंद्राबी और उसकी सहयोगियों के खिलाफ कश्मीर में टेरर फंडिंग करने से लेकर पत्थरबाजी के लिए महिलाओं को उकसाने तक के गंभीर आरोप हैं।
आसिया वही हैं, जिन्होंने 2015 में गाय काटी थी, जिसका वीडियो वायरल होने के बाद उन्हें गिरफ्तार भी किया गया था। एजेंसी ने बताया है कि आसिया, पाक फौज में काम करने वाले एक अधिकारी के जरिए जमात-उद-दावा और लश्कर-ए-तैयबा के प्रमुख हाफिज़ सईद के संपर्क में भी थीं।
गौरतलब है कि अलगाववादी समूह की संस्थापक आसिया भारत से कश्मीर के अलगाव के लिए काम कर रही हैं। आसिया को राष्ट्र के ख़िलाफ़ युद्ध छेड़ने के मामले में पिछले वर्ष जुलाई में गिरफ्तार भी किया जा चुका है।
जाँच और पूछताछ में मालूम चला था कि आसिया के कुछ रिश्तेदार दुबई और सउदी अरब में भी रहते हैं। इन लोगों ने भी आसिया को भारत में राष्ट्र विरोधी गतिविधियों के लिए पैसे पहुँचाए थे। यह धन पत्थरबाजों और हुर्रियत के समर्थकों में बाँटे गए थे, जिन्होंने श्रीनगर और घाटी के अन्य हिस्सों में सरकार के खिलाफ व्यापक प्रदर्शन किए। आसिया अंद्राबी के साथ ही दो सहयोगी नाहिदा नसरीन और सोफी फहमीदा फिलहाल तिहाड़ जेल में बंद हैं।