बदरुद्दीन अजमल (Badruddin Ajmal) की पार्टी AIUDF (ऑल इंडिया डेमोक्रेटिक फ्रंट) असम में कॉन्ग्रेस की साझेदार रही है। इसी AIUDF से जुड़े अजमल फाउंडेशन (Ajmal Foundation) पर विभिन्न संदिग्ध स्रोतों से 69.55 करोड़ रुपए की विदेशी फंडिंग लेने का आरोप लगा है।
संस्था पर यह आरोप लीगल एक्टिविस्ट समूह, लीगल राइट्स ऑब्जर्वेटरी (LRO) ने लगाया है। इनका कहना है कि अजमल फाउंडेशन को मिला फंड ऐसे स्रोतों से मिले हैं जो टेरर फाइनेंसिंग और मनी लॉन्ड्रिंग की गतिविधियों में संलिप्त हैं।
LRO ने कहा है कि एनजीओ को मिली फंडिंग में से वह 2.05 करोड़ रुपए खर्च ‘शिक्षा’ पर कर चुके हैं और बाकी का पैसा AIUDF को पहुँचाया जा चुका है, ताकि वह असम की राष्ट्रवादी पार्टियों को टक्कर दे सकें।
अपने थ्रेड में LRO ने तुर्की, फिलिस्तान और ब्रिटेन के इस्लामी आतंकी समूहों के नाम खुलासा किया, जो अजमल फाउंडेशन को फंडिंग दे रहे हैं।
#FCRAViolation Ajmal Foundation of @BadruddinAjmal got Rs 69.55 Cr for educn, used only Rs 2.05 Cr for it, rest routed for #AIUDF, to counter @himantabiswa‘s #Hindutva juggernaut, #Turkish n UK terror grps funded it in crores! Wrote @HMOIndia for #FCRA cancellation. Details here+ pic.twitter.com/xqIbbhqb7V
— Legal Rights Observatory- LRO (@LegalLro) December 3, 2020
विदेश के आतंकी संगठनों से AIUDF के लिंक
यूके का अल इम्दाद फाउंडेशन (Al Imdaad Foundation) इनमें से एक है। इस फाउंडेशन के संबंध फिलिस्तीनी टेरर ग्रुप हमस (Hamas) से जुड़े हैं, जो इजरायल के ख़िलाफ कई बार बमबारी कर चुका है। ये फाउंडेशन हलाल सर्टिफिकेशन फीस लाखों में इकट्ठा करता है और फिर वही पैसा आतंकी गतिविधियों में लगाता है।
अगला समूह उम्माह वेल्फेयर ट्रस्ट ( Ummah Welfare Trust) है। इस इस्लामी संगठन पर मनी लॉन्ड्रिंग और टेरर फाइनेंसिंग के आरोप हैं। गल्फ आधारित अखबार अल अरबिया की रिपोर्ट में पिछले दिनों इस बात का उल्लेख हुआ था कि यूएस ने इसे आतंकवादी ईकाई के रूप में नामित किया है।
Ajmal donor Al Imdaad Foundation UK is directly linked to Palestinian Intifada spearheading terror group Hamas which financed numerous suicide bombings in Palestine against Israelis. It collects Halal Certification fees in millions and channels that money to fund terror acts ++ pic.twitter.com/VbNx5J9qRM
— Legal Rights Observatory- LRO (@LegalLro) December 3, 2020
अजमल फाउंडेशन को तुर्की के इंसानी यरदीम वक्फी (Insani Yardim Vakfi) से भी पैसा आता है। इसका संबंध अल-कायदा और ग्लोबल जिहाद नेटवर्क से है। रिपोर्ट बताती हैं कि साल 2014 में इस ग्रुप ने अल-कायदा को हथियार दिए थे। इस समूह के संबंध PFI से भी हैं।
उल्लेखनीय है कि देश के पीएफआई और सिमी जैसे कट्टरपंथी समूह कई राष्ट्रविरोधी गतिविधियों में पैसा लगाने के कारण कुख्यात हैं। हाल में इनके संबंध ISIS से मालूम हुए थे, लेकिन इससे जुड़े लोग फिर भी अल-कायदा से जुड़े संगठनों से मिलते रहे। तुर्की के इंसानी यरदीम वक्फी समूह ने पीएफआई नेताओं से साल 2018 में मुलाकात की थी।
अजमल फाउंडेशन को डोनेशन देने वाले अगले समूह का नाम Muslim Aid UK है। इसके संबंध भी कश्मीर में आतंक मचाने वाले आतंकी समूह हिजबुल मुजाहिद्दीन से हैं। असम के एक स्थानीय अखबार में ही इसके आतंकी कनेक्शन का उल्लेख पढ़ने को मिल जाता है।
यहाँ बता दें कि LRO ने इस पूरे मामले पर अपने पास इकट्ठा हुई सारी जानकारी गृह मंत्रालय को भेजी है और आरोप लगाया है कि इन्हें मिलने वाली फंडिग FCRA के रूल्स का उल्लंघन करती है, इसलिए इनके लाइसेंस को रद्द किया जाना चाहिए।
Ajmal Donor number 5- Muslim Aid UK is known for its direct connections with #Kashmiri terror group Hizb Ul Mujahiddin. Assamese newspaper The Sentinel @Sentinel_Assam has elaborately reported about Muslim Aid UK n its dirty terror connections! pic.twitter.com/Ya8e3m4nB2
— Legal Rights Observatory- LRO (@LegalLro) December 3, 2020
AIUDF और कई विवाद
बदरुद्दीन अजमल और उनकी पार्टी कई बार अवैध गतिविधियों के कारण विवादों का कारण बनी है। हाल में असम में ग्रूमिंग जिहाद (लव जिहाद) के ख़िलाफ़ कानून लाने पर बात करते हुए भाजपा नेता हिमंत बिस्व शर्मा ने बदरुद्दीन अजमल की पार्टी व समर्थकों पर आरोप लगाए थे।
उन्होंने कहा था कि असम की बच्चियाँ अजमल कल्चर का फेसबुक पर निशाना बन रही हैं। इस्लामी कट्टरपंथियों को अजमल जैसे नेताओं का प्रोत्साहन मिल रहा है कि वह असम की हिंदू लड़कियों को निशाना बनाएँ और झूठी पहचान के साथ अपने जाल में फँसाएँ।
इसके अलावा साल 2012 में AIUDF पर जिहादी फोर्स को असम में ट्रेनिंग देने का इल्जाम लग चुका है। मगर तब भी कॉन्ग्रेस पार्टी साल 2021 में इनके साथ गठबंधन कर चुनाव लड़ने को तैयार है।
कुछ समय पहले नेता प्रतिपक्ष देवव्रत सैकिया (Debabrata Saikia ) ने कहा था कि कॉन्ग्रेस पार्टी उन सभी लोगों से हाथ मिलाने के लिए तैयार है, जिन्होंने नागरिकता संशोधन अधिनियम का विरोध किया था। उन्होंने अपनी बात में जोर देकर कहा था कि अकेले AIUDF के साथ गठबंधन से पार्टी को फायदा हो सकता है।
भाजपा ने इस बयान के बाद गठबंधन की बात पर सवाल उठाए थे और AIUDF के राष्ट्रविरोधी चेहरे का खुलासा किया था। भाजपा ने कहा था कि ऐसी साजिशें राज्य को नुकसान पहुँचा सकती हैं। भाजपा ने बताया था कि कॉन्ग्रेस शासन में कई अवैध प्रवासी यहाँ आए जिससे यहाँ की डेमोग्राफी बदली और कई स्थानीय लोग अपनी जगह छोड़ने को मजबूर हुए।