Sunday, December 22, 2024
Homeरिपोर्टराष्ट्रीय सुरक्षाबांग्लादेशी लड़कियों को भारत में हर महीने में ₹1 लाख: घुसपैठ के बाद देह-व्यापार...

बांग्लादेशी लड़कियों को भारत में हर महीने में ₹1 लाख: घुसपैठ के बाद देह-व्यापार का धंधा, बनवाया जाता था फर्जी ID से लेकर सिम कार्ड तक, सब धराए

ईडी ने जाँच में पाया कि झारखंड, बिहार और पश्चिम बंगाल के कई रईस इस गिरोह की सेवाएँ लेते थे। इन लड़कियों के माध्यम से एस्कॉर्ट सर्विस चलाई जाती थी।

बांग्लादेशी घुसपैठ और अवैध देह व्यापार के मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने हाल ही में बड़ा खुलासा किया है। झारखंड और पश्चिम बंगाल में की गई जाँच के बाद चार आरोपितों की गिरफ्तारी हुई, जिनमें रोनी मंडल और पिंकी बसु मुखर्जी प्रमुख हैं। ये गिरोह बांग्लादेश की लड़कियों को भारत लाता था और उन्हें देह व्यापार में धकेलता था। इसके जरिए ये गिरोह मोटी कमाई करता था। इन पैसों का लेन-देन बांग्लादेश तक होता था।

घुसपैठ और गिरोह की साजिश

रोनी मंडल को इस गिरोह का सरगना माना जा रहा है, जो बांग्लादेशी लड़कियों को अवैध तरीके से भारत लाने और उनकी तस्करी में सक्रिय भूमिका निभाता था। रोनी मंडल खुद अवैध घुसपैठिया है। वहीं, पश्चिम बंगाल की पिंकी बसु मुखर्जी की भूमिका भी कम अहम नहीं थी। वह इन लड़कियों को सिमकार्ड प्रदान करती थी, जिससे इनका नेटवर्क सुरक्षित तरीके से काम कर सके।

ईडी ने जाँच में पाया कि झारखंड, बिहार और पश्चिम बंगाल के कई रईस इस गिरोह की सेवाएँ लेते थे। इन लड़कियों के माध्यम से एस्कॉर्ट सर्विस चलाई जाती थी। इन बांग्लादेशी लड़कियों को विशेष रिसॉर्ट्स में लाकर इन लोगों की माँग पूरी की जाती थी। गिरोह का मुनाफा भी तगड़ा था, जहाँ लड़कियों को हर माह 80 हजार से एक लाख रुपए तक दिए जाते थे।

केस की शुरुआत और छापेमारी

ईडी ने 4 जून, 2024 को दर्ज एक प्राथमिकी के आधार पर अपनी जाँच शुरू की। झारखंड के बरियातू थाने में कांड संख्या 188/2024 को धोखाधड़ी, जालसाजी व विदेशी अधिनियम के तहत दर्ज प्राथमिकी के आधार पर मनी लॉन्ड्रिंग के तहत केस किया था। उक्त प्राथमिकी फर्जी दस्तावेज के आधार पर भारत की सीमा में दाखिल होने से संबंधित थी। दर्ज प्राथमिकी में बरियातू थाने की पुलिस ने अपने थाना क्षेत्र के बाली रिसोर्ट से गिरफ्तार बांग्लादेशी लड़कियों को आरोपित बनाया था।

इन लड़कियों में निपाह अख्तर खुशी, पायल दास उर्फ निम्पी बरूवा, अनिका दत्ता उर्फ शर्मिन अख्तर, हासी अख्तर उर्फ हासी विश्वास, प्रवीण व झुमा शामिल थीं। सभी का पता बांग्लादेश था। यह मामला फर्जी दस्तावेजों के आधार पर भारत में घुसपैठ को लेकर दर्ज किया गया था। इन लड़कियों के बयानों और डिजिटल उपकरणों की जाँच से बड़े पैमाने पर घुसपैठ की पुष्टि हुई।

रोनी मंडल (47) और पिंकी बसु मुखर्जी (41) के अलावा, संदीप चौधरी और पिंटू हलधर नाम के दो अन्य आरोपितों को भी गिरफ्तार किया गया। रोनी और संदीप बांग्लादेशी नागरिक हैं, जबकि पिंकी और पिंटू भारतीय नागरिकता के तहत गतिविधियों में लिप्त पाए गए। रोनी मंडल कम से कम 42 नंबरों के जरिए बांग्लादेशी लोगों के संपर्क में था। इन लोगों के पास से फर्जी आईडी, आधार, पासपोर्ट से लेकर तमाम अवैध सामग्रियाँ बरामद हुई हैं। बता दें कि 12 नंबर को ईडी ने 17 ठिकानों पर छापेमारी करके इन्हें गिरफ्तार किया है। इन लोगों के पास से भारी मात्रा में कैश भी बरामद हुआ है।

अदालत में पेशी के दौरान ईडी ने सभी आरोपितों की सात दिनों की रिमांड माँगी, ताकि पूरे नेटवर्क का भंडाफोड़ किया जा सके। ईडी ने आरोपितों की कॉल डिटेल से कई नए नामों का पता लगाया है और जल्द ही रईस ग्राहकों की पहचान कर कार्रवाई की जाएगी।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

किसी का पूरा शरीर खाक, किसी की हड्डियों से हुई पहचान: जयपुर LPG टैंकर ब्लास्ट देख चश्मदीदों की रूह काँपी, जली चमड़ी के साथ...

संजेश यादव के अंतिम संस्कार के लिए उनके भाई को पोटली में बँधी कुछ हड्डियाँ मिल पाईं। उनके शरीर की चमड़ी पूरी तरह जलकर खाक हो गई थी।

PM मोदी को मिला कुवैत का सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘द ऑर्डर ऑफ मुबारक अल कबीर’ : जानें अब तक और कितने देश प्रधानमंत्री को...

'ऑर्डर ऑफ मुबारक अल कबीर' कुवैत का प्रतिष्ठित नाइटहुड पुरस्कार है, जो राष्ट्राध्यक्षों और विदेशी शाही परिवारों के सदस्यों को दिया जाता है।
- विज्ञापन -