बिहार के दरभंगा जिले में नेपाल की नागरिकता वाली सबा खातून नाम की मुस्लिम महिला पंचायत चुनाव में मुखिया बन गई। उसकी जानकारी सामने आने के बाद उसे पद से हटा दिया गया है। इसके साथ ही उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई का भी आदेश जारी किया गया है। सबा खातून के पास नेपाल के साथ-साथ भारत की भी नागरिकता थी।
इस मामले में निर्वाचन आयोग के आदेश पर बुधवार (23 अक्टूबर 2024) को कार्रवाई की गई है। सबा खातून के बारे में शिकायत जितेंद्र प्रसाद नाम के व्यक्ति ने की थी। मामला दरभंगा जिले के केवटी प्रखंड में आने वाले गाँव कोठिया का है। यहाँ के जावेद आलम ने नेपाल की रहने वाली सबा खातून से काफी समय पहले निकाह किया था।
पिछले ग्राम पंचायत चुनावों में जावेद ने अपनी बीवी सबा खातून को मुखिया पद के लिए चुनाव लड़वाया था, जिसमें वह जीतकर मुखिया बनी थी। इसी गाँव के जितेंद्र प्रसाद ने इस निर्वाचन को रद्द करने की माँग की थी। उन्होंने शिकायत देकर सबा खातून पर नेपाल की नागरिक होने का आरोप लगाया था। इसकी जाँच जिला निर्वाचन अधिकारी ने की।
इस जाँच के बाद 9 सितंबर 2024 को बताया गया कि सबा खातून मूल रूप से नेपाल के मधेश प्रदेश में पड़ने वाले सिरहा की रहने वाली है। उसने 3 मार्च 2024 को नेपाल की नागरिकता छोड़ दी थी। हालाँकि, इससे पहले ही वो बिहार के ग्राम पंचायत चुनाव में हिस्सा लेकर मुखिया पद पर निर्वाचित हो चुकी थी।
जिला निर्वाचन अधिकारी ने इस मामले में आगे की कार्रवाई के लिए फ़ाइल उच्चाधिकारियों को भेज दी थी। इसके बाद राज्य निर्वाचन आयुक्त डॉक्टर दीपक प्रसाद ने 23 अक्टूबर को अपना आदेश जारी किया। इसमें सबा खातून को तथ्यों को छिपाने, झूठा शपथ पत्र देने आदि का दोषी बताया गया है।
सबा खातून को मुखिया पद से हटाकर उसके खिलाफ केस दर्ज करने का आदेश दिया गया है। अब खाली हुए मुखिया पद पर फिर से नियमानुसार चुनाव करवाया जाएगा। अधीनस्थों को इस आदेश पर तत्काल अमल करके सूचित करने के भी निर्देश मिले हैं। ऑपइंडिया ने पास आदेश की प्रति मौजूद है।
सबा खातून ने आयोग को यह भी बताया कि उसकी माँ मूल रूप से नेपाल की रहने वाली है, जबकि उसके पिता बिहार के रहने वाले हैं। उसने बताया कि उसकी माँ हमदी खातून ने भी साल 2016 में पंचायत चुनाव में भाग लिया था। उनके पास मतदाता पहचान पत्र भी उपलब्ध है।
स्थानीय ग्रामीणों का कहना है कि इस महिला मुखिया के पूर्वज बांग्लादेश के रहने वाले हैं। इसकी माता के पास भी भारत और नेपाल की नागरिकता है। उनका यह भी कहना है कि सबा खातून ने मुखिया बनने के लिए छह समर्थक लोगों का अवैध पहचान पत्र बनवाया था।