भारत और चीन के बीच पूर्वी लद्दाख में लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (एलएसी) पर तनाव बरकरार है। भारत की तरफ से चीन बॉर्डर पर करीब एक लाख सैनिक तैनात हैं। सेना और वायुसेना पूरी तरह से अलर्ट है और लगातार चौकसी बरत रही है।
इस बीच ऐसी भी खबरें हैं कि भारत की तरफ से चीन की किसी भी गुस्ताखी का जवाब देने के लिए ब्रह्मोस और निर्भय क्रूज मिसाइल के अलावा जमीन से हवा में मार करने वाली आकाश मिसाइल को भी तैनात कर दिया है। भारत और चीन के बीच टकराव को अब 150 दिन होने वाले हैं और दोनों देशों के सैनिक बस दो किलोमीटर के दायरे में आमने-सामने हैं।
ब्रह्मोस क्रूज मिसाइल की रेंज 500 किलोमीटर है। ब्रह्मोस भारत का सबसे बड़ा हथियार है। यह मिसाइल न सिर्फ हवा से हवा में बल्कि जमीन से भी हवा में कर सकती है। ब्रह्मोस मिसाइल 300 किलोग्राम तक के वॉरहेड ले जाने में सक्षम है। गलवान हिंसा के बाद चीनी सेनाओं की तरफ से एयरस्पेस में गतिविधियाँ बढ़ा दी गई है। चीन की तरफ सुखोई-30 और बॉम्बर्स को भारतीय सीमा के करीब तैनात किया गया था।
भारत की तरफ से ये मिसाइलें तब तैनात की गई, जब चीन की पीपुल्स लिब्रेशन आर्मी (पीएलए) ने शिनजियांग और तिब्बत क्षेत्र में मिसाइलों को तैनात कर डाला है। पीएलए की वेस्टर्न थियेटर कमांड की तरफ से 2000 किलोमीटर की रेंज में हमला करने वाले हथियारों को तैनात कर दिया गया है। साथ ही तिब्बत और शिनजियांग में टकराव शुरू होने के तुरंत बाद ही आकाश मिसाइलों की तरह ही मिसाइलों को तैनात कर दिया गया था।
हिन्दुस्तान टाइम्स के मुताबिक चीन की तरफ से यह तैनाती उसके कब्जे वाले अक्साई चीन तक ही सीमित नहीं है बल्कि काश्गर, होटान, ल्हासा और नियाइनग्शी में भी तैनाती को बढ़ाया गया है। सुपरसोनिक ब्रह्मोस मिसाइल और सबसोनिक निर्भय को किसी भी बुरी स्थिति से निबटने को तैनात किया गया है। निर्भय की रेंज 800 किलोमीटर है। यह मिसाइल 1,000 किमी तक पहुँच सकती है, और इसमें समुद्री स्किमिंग और लोइटरिंग क्षमता दोनों हैं।
इसका मतलब है कि यह मिसाइल जमीन से 100 मीटर से चार किमी के बीच उड़ान भरने में सक्षम है और इससे पहले कि कोई अवरोध उत्पन्न हो, यह अपने लक्ष्य को प्राप्त कर लेता है। निर्भय मिसाइल का सतह से सतह वर्जन है।
भारतीय सेना द्वारा इस्तेमाल किया जाने वाला तीसरा स्टैंड-ऑफ हथियार आकाश एसएएम है, जिसे लद्दाख सेक्टर में एलएसी के पार किसी भी पीएलए विमान घुसपैठ का मुकाबला करने के लिए पर्याप्त संख्या में तैनात किया गया है।
अपने तीन आयामी राजेंद्र के साथ आकाश मिसाइल, एक निष्क्रिय इलेक्ट्रॉनिक रूप से स्कैन की गई रडार है, जो एक समय में 64 लक्ष्यों को ट्रैक करने और साथ ही उनमें से 12 को संलग्न करने की क्षमता रखती है। मिसाइल में लड़ाकू विमानों, क्रूज मिसाइलों और बैलिस्टिक मिसाइलों सहित सभी हवाई लक्ष्यों को शामिल करने की क्षमता है।
गौरतलब है कि भारत और चीन के बीच सीमा गतिरोध जारी है और सर्दियों का महीना आ रहा है। इसको देखते हुए भारतीय सेना ने विरोधियों से लड़ने के लिए पूरी तरह से कमर कस ली है। इससे पहले खबर आई थी कि भारतीय सेना ने वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर लद्दाख के चुमार-डेमचोक क्षेत्र में टैंक और बख्तरबंद वाहनों को तैनात किया है।
सेना ने BMP-2 इन्फैंट्री कॉम्बैट व्हीकल्स के साथ T-90 और T-72 टैंकों की तैनाती की है। अंधेरे में मार करने में सक्षम इन टैंकों की खासियत यह है कि इन्हें माइनस 40 डिग्री सेल्सियस तक के तापमान में संचालित किया जा सकता है।