भारत-चीन सीमा पर गलवान घाटी में चल रहे तनाव के बीच चीन पीछे हटने को मजबूर हो गया है। समझौते के बाद दोनों पक्षों द्वारा वहाँ अस्थायी तौर पर जो संरचनाएँ बनाई गई थीं और निर्माण कार्य किया गया था, उसे भी हटाने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। साथ ही दोनों पक्षों द्वारा ‘फिजिकल वेरफिकेशन’ भी किया जा रहा है। ‘लाइन ऑफ एक्चुअल कण्ट्रोल (LAC)’ पर चीन के पीछे हटने के बाद स्थिति सुधरने की उम्मीद जताई जा रही है।
ये सब मीडिया रिपोर्ट्स में अंदरूनी सूत्रों के हवाले से दावा किया जा रहा है। जहाँ जून 15, 2020 को चीन की धोखेबाजी के बाद भारत की सेना के साथ उसका संघर्ष हुआ था और 20 भारतीय सैनिक वीरगति को प्राप्त हो गए थे। साथ ही 43 चीनी सैनिकों को भी मार गिराया गया था। चीनी सैनिक अब उस स्थल से 2 किलोमीटर पीछे चले जाने को मजबूर हो गए हैं। भारत ने भी वहाँ बंकरों और अन्य संरचनाओं का निर्माण किया था, ताकि चीन पर नज़र रखी जा सके।
एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने ‘द हिन्दू’ को बताया कि जून 30 को हुए कमांडर स्तर की वार्ता में ये समझौता हुआ, जिसके बाद चीन की सेना पीछे हटने को मजबूर हुई। ये भारत के लिए जीत की तरह है क्योंकि हमारे लिए जो LAC की परिभाषा है, वहाँ से चीन पीछे हट गया है। इसके बाद रविवार को एक फिजिकल सर्वे भी किया गया, जिसमें ये देखा गया कि चीन की सेना वादे के मुताबिक पीछे गई भी है या नहीं।
फिजिकल वेरिफिकेशन के बाद पाया गया कि गलवान संघर्ष स्थल से चीन की सेना 2 किलोमीटर पीछे चली गई है और सारी संरचनाएँ हटा दी गई हैं। ‘द हिन्दू’ की खबर के अनुसार, दोनों देशों के बीच हुई कमांडर स्तर की वार्ता में सहमति बनी थी कि सबसे पहले गलवान, पांगोंग और हॉट स्प्रिंग- इन तीनों स्थलों पर तनाव कम किया जाएगा। इसके बाद उत्तर में स्थित देस्पांग प्लेन्स पर तनाव कम किया जाएगा क्योंकि वो ज्यादा कॉम्प्लेक्स क्षेत्र है।
BREAKING: Can confirm re-location has taken place at Galwan Valley Patrol Point 14 from both sides. A buffer zone has been created to avoid escalation. Equidistant from both sides. Detailed report shortly on @IndiaToday. pic.twitter.com/J7YezwZ34s
— Shiv Aroor (@ShivAroor) July 6, 2020
बैठक के बाद चीन का रुख नरम हुआ, जिसके कारण सीमा विवाद सुलझाने के लिए आगे होने वाली वार्ताओं के लिए भी रास्ता साफ़ हो गया है। इसे भारत की कूटनीतिक जीत के रूप में भी देखा जा सकता है क्योंकि चीन ने अब भूटान की जमीन पर दावा ठोक कर उस पर दबाव बनाना शुरू कर दिया है। चीन ने अब सीमा पर तनाव बढ़ाने की बजाए इधर-उधर से दबाव बनाए के तरीके आजमाने शुरू कर दिए हैं।
बता दें कि शुक्रवार को अचानक लेह पहुँचे पीएम मोदी ने भी चीन को चेतावनी देते हुए भारतीय सेना के जवानों से कहा था कि आप धरती के वीर हैं जिसने हजारों वर्षों से अनेकों आक्रांताओं के हमलों और अत्याचारों का मुँहतोड़ जवाब दिया है, हम वो लोग हैं जो बांसुरीधारी कृष्ण की पूजा करते हैं, वहीं सुदर्शन चक्रधारी कृष्ण को भी अपना आदर्श मानते हैं। उन्होंने कहा था कि आधुनिकीकरण और बुनियादी ढांचे के विकास ने हमारी रक्षा क्षमताओं को कई गुना बढ़ा दिया है।