भारत में आयकर विभाग ने मंगलवार (अगस्त 11, 2020) को मनी लॉन्ड्रिंग के बड़े रैकेट का खुलासा किया है। इस खुलासे से पता चला है कि भारत में रहने वाले चीनी नागरिक बड़े स्तर पर फर्जी कंपनियों के जरिए इस अपराध को भारतीय सहयोगी व बैंक कर्मचारियों की मदद से अंजाम दे रहे थे।
अभी तक इस मामले में आयकर विभाग को 1000 करोड़ रुपए से अधिक ट्रांजैक्शन का मालूम चला है। इसके मद्देनजर अधिकारियों ने चीन के कुछ लोगों और उनके भारतीय साथियों के ठिकानों पर छापेमारी की है।
Based on info that few Chinese individuals & their Indian associates were involved in money laundering & hawala transactions through series of shell entities, search action was mounted at various premises of these Chinese entities, their close confederates & bank employees: CBDT pic.twitter.com/DmrrfzkTcL
— ANI (@ANI) August 11, 2020
सीबीडीटी (केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड) का कहना है कि इस पूरे लेनदेन को शेल कंपनियाँ खोल कर अंजाम दिया गया। उनके मुताबिक उन्हें इस तरह की जानकारी मिली थी कि चीनी और उनके भारतीय बिजनेस पार्टनर मनी लॉन्ड्रिंग और हवाला लेनदेन में अलग-अलग तरह से शामिल हैं।
जानकारी के मुताबिक, इस सूचना के बाद आयकर विभाग ने दिल्ली, गाजियाबाद और गुरुग्राम में करीब 21 ठिकानों पर छापेमारी करके इस नेक्सस का पर्दाफाश किया।
इनकम टैक्स अधिकारियों का कहना है कि मनी लॉन्ड्रिंग को अंजाम देने के लिए फर्जी कंपनियों के नाम पर करीब 40 अकाउंट बनाए गए और उनके जरिए ही हजारों करोड़ों रुपए का ट्रांजैक्शन हुआ।
अभी तक की जाँच में मालूम चला है कि एक चीनी कंपनी की सहायक फर्म ने फर्जी कंपनियों से 100 करोड़ का फर्जी एडवांस लिया था। यह रकम भारत में रिटेल शोरूम खोलने के लिए एडवांस तौर पर दी गई थी।
आईटी विभाग को अपनी छानबीन में हवाला से जुड़े दस्तावेज मिले हैं। इसके साथ ही इन ठिकानों से हॉन्ग कॉन्ग की करेंसी और अमेरिकी डॉलर भी हाथ लगे हैं।
Fake Indian passport from a Chinese citizen and hawala network. Statement below by Income Tax Department. @ThePrintIndia pic.twitter.com/V0tjdW288m
— Snehesh Alex Philip (@sneheshphilip) August 11, 2020
इसके अलावा इस पड़ताल में अधिकारियों को एक चीनी युवक चार्ली पांग (असली नाम-लुओ सांग) का भी मालूम चला है, जो वास्तविकता में चीन का है। लेकिन उसके पास भारत का फर्जी पासपोर्ट है, जिसे मणिपुर से जारी किया गया।
चार्ली पांग हवाला ऑपरेशन के लिए कई चीनी कंपनियों की ओर से प्रतिनिधि था और देश भर में वह करीब 10 बैंक खाते चला रहा था।
Fake passport issued from Manipur. Chinese National was using 8 to 10 bank accounts in fictitious names in India. Charlie Pang was representing several Chinese Companies in India for Hawala Operations. Hawala of more than Rs 300cr known till now & it go into thousands of crores.
— Aditya Raj Kaul (@AdityaRajKaul) August 11, 2020
रिपोर्ट्स बताती हैं कि पांग भारत में पिछले 6 साल से नाम बदल-बदल कर रह रहा था। अब उसको हिरासत में लिए जाने के बाद उसे 6 सहयोगियों की भी पहचान कर ली गई है, जो उसके कारोबार में उसकी मदद कर रहे थे।