Monday, November 18, 2024
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एक चायनीज को दलाई लामा बनाने के लिए करोड़ों की जासूसी, बौद्ध भिक्षुओं को हवाला से भेजे जाते थे पैसे

चीनी जासूस चार्ली पेंग बौद्ध मठ में रह रहे भिक्षुओं को घूस के रूप में मोटी रकम देकर बौद्ध धर्म गुरु दलाई लामा के संबंध में जानकारी निकाल रहा था। दलाई लामा को पछाड़कर एक चीनी व्‍यक्ति के दलाई लामा घोषित किए जाने के समर्थन के लिए...

हवाला नेटवर्क मामले में गिरफ्तार चीनी नागरिक चार्ली पेंग के बारे में बड़ा खुलासा हुआ है। ED के अनुसार चीनी शख्स कर्नाटक के बाइलाकुप्पे के सेरा बौद्ध मठ में रह रहे भिक्षुओं को घूस के रूप में मोटी रकम देकर बौद्ध धर्म गुरु दलाई लामा के संबंध में जानकारी निकाल रहा था। उसने भारत में भिक्षुओं के बीच हवाला का पूरा जाल फैला रखा था। बता दें कि मनी लॉन्ड्रिंग का रैकेट चलाने के आरोप में उसकी गिरफ्तारी हुई थी।

न्यूज़ 18 की खबर के अनुसार, कर्नाटक के सेरा बौद्ध मठ (Monks of Sera Monastery) के प्रमुख ने इस बारे में बताते हुए कहा कि एसके ट्रेडिंग के खाते से सेरा बौद्ध मठ के भिक्षु जाम्यांग जिंपा (Jamayang Jinpa) को 30 लाख रुपए का भुगतान किया गया था।

जाँचकर्ता ने बताया कि यह अकाउंट चीनी नागरिक चार्ली पेंग (Charlie Peng) द्वारा भिक्षुओं को पैसा भेजने के लिए इस्तेमाल की जाने वाली कई शेल कंपनियों के अकाउंट में से एक है। वहीं अब जाँच एजेंसी इस बात की भी जाँच कर रही है कि कहीं पेंग दिल्‍ली में तिब्‍बती लोगों को तो घूस नहीं दे रहा था।

42 साल का यह चीनी नागरिक पूरे भारत में कुछ बौद्ध भिक्षुओं को रिश्वत दे रहा था। इसमें दलाई लामा और उनके सहयोगी के बारे में जानकारी जुटाने के लिए इसने दिल्ली स्थित मजनू का टीला को अपने रडार पर रखा था। जाँचकर्ताओं के अनुसार दलाई लामा को पछाड़कर एक चीनी व्‍यक्ति के दलाई लामा घोषित किए जाने के समर्थन के लिए ऐसा किया जा रहा था।

मामले में जाँचकर्ता ने आगे बताया कि कई भिक्षुओं को लाखों का भुगतान किया गया था। जिसमें कर्नाटक के बौद्ध मठ के एक अन्य बौद्ध भिक्षु थुपटेंन छोडक (Thupten Chodak) को कथित रूप से 15 लाख रुपए का भुगतान किया गया था, जबकि फुंसोक धरग्याल (Phuntsok Dhargyal), नवांग लोजेल (Ngawang Losel) और ताशी चोपेल (Tashi Choepel) को 10-10 लाख रुपए दिए गए थे। थुप्टेन वांग्चुक (Thupten Wangchuk) को 8 लाख रुपए और लॉब्सांग चोडेन (Lobsang Choeden) को 7 लाख रुपए की राशि भुगतान की गई थी।

इसके अलावा इसी कंपनी ने कर्नाटक के मुंदगोड में ड्रेपुंग लोजलिंग (Drepung Loseling) को 10 लाख रुपए और सोनम दोरजी (Sonam Dorjee) को 7 लाख रुपए का भुगतान किया था। ऐसे ही नवी मुंबई में पैन मिंगमिंग (Pan Mingming) नामक एक भिक्षु को भी एसके ट्रेडिंग कंपनी के अकाउंट से 10 लाख रुपए दिए गए थे।

चीनी नागरिक चार्ली पेंग से घूस लेने वाले 10 में से 6 भिक्षु जिस मठ में रहते हैं, वो कोरोनो वायरस महामारी के कारण बाहरी लोगों के लिए बंद हैं। आरोपित पहले ही वहाँ से गायब थे। लेकिन उनमें से कम से कम दो के बारे में कहा जाता है कि उन्होंने सेरा मठों के प्रमुख खॉन्पोॉन ताशी सेरिंग (Khonpon Tashi Tsering) के सामने लेनदेन की बात स्‍वीकार की थी।

ताशी ने बताया, “कुछ भिक्षुओं को दिल्ली में गिरफ्तार किए गए व्यक्ति से पैसा मिला। लेकिन इन भिक्षुओं का कहना है कि यह पैसे उन परिवार और दोस्तों के थे, जो यहाँ अध्ययन करने आए थे और इसलिए पैसा परिवार द्वारा भेजा गया था।”

उन्होंने आगे कहा, “मैंने उनसे पूछा कि वेस्टर्न यूनियन मनी ट्रांसफर का इस्तेमाल क्यों नहीं किया। मैं जाँच एजेंसियों पर ये सब छोड़ना चाहता हूँ। मैंने दो भिक्षुओं से बात की। वे इस आदमी (चार्ली पेंग) से कभी नहीं मिले। उन्होंने उसे सिर्फ किसी के पैसे ट्रांसफर करने के लिए इस्तेमाल किया। इसके अलावा, उन्हें नहीं पता कि यह आदमी कौन है।”

बता दें कि इस मामले को लेकर अधिकारियों ने बताया कि सच्चाई का खुलासा करने के लिए कर्नाटक और दिल्ली पुलिस द्वारा सितंबर में कम से कम 30 भिक्षुओं से पूछताछ की गई है।

उल्लेखनीय है कि चीनी नागरिक चार्ली पेंग भारत में रहकर हवाला रैकेट चलाने वाला एक जासूसी नेटवर्क का भी हिस्‍सा था। उसने अन्‍य चीनी नागरिकों के साथ मिलकर चीनी शेल कंपनियों के नाम से बैंक खाते खोले और करीब 1000 करोड़ रुपए की मनी लॉन्ड्रिंग की। फिलहाल इनकम टैक्‍स डिपार्टमेंट से लेकर कई एजेंसियाँ उससे पूछताछ कर रही हैं। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक पूछताछ में पेंग ने खुलासा किया था कि चीनी खुफिया एजेंसियों ने उसके जरिए दिल्‍ली में निर्वासन में रह रहे तिब्‍बतियों को घूस देने की कोशिश की थी।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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