राष्ट्रपति भवन में शुक्रवार (5 जुलाई, 2024) को रक्षा अलंकरण समारोह-2024 का आयोजन हुआ। इस दौरान राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने देश की रक्षा के लिए अदम्य साहस दिखाने वाले वीरों अथवा उनके परिजनों को वीरता पुरस्कार प्रदान किए। ऑपइंडिया ने इस अवसर पर पुरस्कर पाए कुछ अधिकारियों, जवानों व उनके परिजनों से बात की। इनमें से एक हैं केंद्रीय अर्धसैनिक बल CRPF के कॉन्स्टेबल गामित मुकेश कुमार। को उनके वीरतापूर्ण कार्य के लिए शौर्य चक्र मिला है। ऑपइंडिया ने गामित मुकेश कुमार से बात कर के उनके साहसिक कार्यों के बारे में और जानकारी जुटाई।
गामित मुकेश कुमार मूलतः गुजरात के सूरत क्षेत्र के रहने वाले हैं। मुठभेड़ के दौरान उनकी तैनाती CRPF की 61वीं बटालियन में थी। 19 दिसंबर, 2021 में वो कश्मीर की राजधानी श्रीनगर में तैनात थे। तब CRPF ने अन्य सुरक्षा बलों के साथ मिल कर एक सघन तलाशी अभियान छेड़ा था। इसी दौरान एक घर में आतंकियों की मौजूदगी की सूचना मिली। गामित अपने साथी के साथ उस मकान में घुसे तो आतंकी की तरफ से भयानक गोलीबारी शुरू हो गई।
गामित ने खुद को संभालने के साथ न सिर्फ आम नागरिकों की बल्कि अपने साथियों की भी जान बचाई। इसी के साथ उन्होंने आतंकी को मार भी गिराया था। मारा गया आतंकी हिज़्बुल मुजाहिद्दीन का चीफ कमांडर सैफुल्लाह था जो कश्मीर के डॉक्टर के नाम से भी कुख्यात था।
घर में छिपे आतंकी को खोज निकला
घटना के दिन का जिक्र करते हुए गामित ने बताया कि आतंकी की मौजूदगी की सटीक सूचना पर सुरक्षा बलों की टीम ने आतंकियों की घेराबंदी कर ली थी। इस टीम के सदस्य गामित भी थे। वो चाँदनी रात थी जिसमें काफी उजाला फैला हुआ था। इसी उजाले में आतंकी ने खुद को घिरता देखा लिया और फायरिंग शुरू कर दी। सुरक्षा बलों की तरफ से भी जवाबी फायरिंग की गई। आतंकी अंधाधुंध गोलियाँ बरसाए जा रहा था जबकि सुरक्षा बल आमजनों का ध्यान रख रहे थे। हालाँकि आतंकी को पकड़ने के हर सम्भव प्रयास किए जा रहे थे।
हाथों से पकड़ ली आतंकी की बंदूक
इस बीच आतंकी ने सुरक्षा बलों का घेरा तोड़ कर भागने की कोशिश की। वह पास के ही एक घर में छिपने में कामयाब रहा। गामित और उनके साथी उस घर की तरफ आगे बढ़े। आतंकी सुरक्षा बलों की पोजीशन छिप कर देख रहा था। जैसे ही जवान उस आतंकी के पास गए उसने गोलियाँ बरसानी शुरू कर दीं। ये गोलियाँ जवानों को छूते हुए निकल गईं। गामित ने आतंकी को बहुत मौक़ा देना ठीक नहीं समझा। उन्होंने आतंकी की बंदूक अपने हाथों से कस कर पकड़ ली और नली को दूसरी तरफ कर दिया।
भाग रहे आतंकी को किया ढेर
खुद को पस्त होते देख कर आतंकी ने दूसरे हाथ से ग्रेनेड फेंका। गामित और उनके साथी ग्रेनेड से भी विचलित नहीं हुए तो आखिरकार आतंकी घर की खिड़की से कूद कर भागने लगा। भाग रहे आतंकी का पीछा गामित नहीं नहीं छोड़ा। उन्होंने आतंकी को दौड़ाया तो फिर से दोनों तरफ से गोलीबारी शुरू हो गई। आखिरकार आतंकी को गामित की गोली लगी और वो वहीं ढेर हो गया। मारे गए आतंकी की पहचान कश्मीर के मोस्ट वॉन्टेड सैफुल्लाह के रूप में हुई थी। सैफुल्लाह सीधे तौर पर शामिल हो कर और साजिश रच कर कई आतंकी हमलों को अंजाम दे चुका था। सुरक्षा बलों ने उसे A++ कैटेगरी का आतंकी घोषित किया था।
ऑपरेशन के दौरान आम जनता की सुरक्षा पर रहता है विशेष ध्यान
गामित फिलहाल CRPF की रैपिड एक्शन फ़ोर्स (RAF) विंग में तैनात हैं। ऑपइंडिया से बात करते हुए गामित ने बताया कि आतंकियों के खिलाफ अभियान अक्सर चुनौतीपूर्ण होता है। इसकी वजह गामित ने 2 मोर्चे खुले होना बताया। एक तरफ जहाँ आतंकी को गिरफ्तार करने या मार गिराने की चुनौती होती है तो वहीं आम लोगों को कोई नुकसान न पहुँचे इसका भी विशेष ध्यान रखना पड़ता है। बकौल गामित, सुरक्षा बल यह भी प्रयास करते हैं कि मुठभेड़ के दौरान आतंकी भी किसी आम नागरिक को नुकसान न पहुँचा सके।
गामित ने खुद को मिले शौर्य चक्र पर ख़ुशी जताई। उन्होंने देशवासियों से भी खुद को मिल रहे सम्मान के लिए आभार जताया।