Sunday, November 17, 2024
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‘जनजातीय समाज की बेटियाँ और जमीन- दोनों बांग्लादेशी घुसपैठियों के निशाने पर’: NIA से दखल की माँग, भाजपा ने CM हेमंत सोरेन को बताया साजिश का सूत्रधार

जनजातीय लोगों की जमीन हड़पे जाने का आरोप लगाते हुए पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने इस सिस्टम में CM हेमंत सोरेन और उनके राजनैतिक सगे-संबंधियों को शामिल बताया है। अंत में NIA और केंद्रीय गृह मंत्रालय को टैग करते हुए उन्होंने झारखंड के मुख्यमंत्री को नकारा नेता बताया और मामले का संज्ञान लेकर कार्रवाई माँग की।

झारखंड भाजपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने कहा है कि प्रदेश में जनजातीय लोगों के अस्तित्व को खत्म करने की साजिश रचा जा रहा है। संथाल क्षेत्र का विशेष तौर पर नाम लेते हुए उन्होंने बांग्लादेशी घुसपैठियों द्वारा जनजातीय महिलाओं से निकाह करने और उनकी जमीनें हड़पने का आरोप लगाया है। रविवार (5 नवंबर 2023) को अपने X हैंडल से केंद्रीय जाँच एजेंसी (NIA) और गृह मंत्रालय को टैग करते हुए मरांडी ने इस साजिश का सूत्रधार मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को बताया।

बाबूलाल मरांडी ने अपने ट्वीट में कहा, “जिस प्रकार से घुसपैठियों को जाली दस्तावेज, आधार और वोटर कार्ड उपलब्ध कराए जा रहे हैं, यह हेमंत सरकार की मौन स्वीकृति के बिना संभव नहीं है।” हेमंत सोरेन पर मुस्लिम वोटबैंक की राजनीति का आरोप लगाते हुए बाबूलाल ने आरोप लगाया कि जनजातीय अस्मिता के नाम पर वोट माँगने वाले हेमंत सोरेन झारखंड में उनकी पहचान मिटाने में लगे हुए हैं।

पूर्व मुख्यमंत्री ने अपने ट्वीट के साथ दैनिक भास्कर की एक पेपर कटिंग भी अटैच की है। इस अख़बार की कटिंग में ख़ुफ़िया विभाग की रिपोर्ट का हवाला देते हुए बताया गया है कि संथाल में बांग्लादेशी घुसपैठिए न सिर्फ आधार और वोटर कार्ड बनवा रहे, बल्कि उन्होंने जमीनें भी खरीद ली हैं।

बांग्लादेशी घुसपैठियों ने जो जमीनें खरीदीं हैं, उनमें से कई जमीनें जनजातीय लोगों की हैं। अखबार की रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि जहाँ घुसपैठिए कानूनी अड़चनों के चलते जमीनें नहीं खरीद पा रहे हैं, वहाँ वो अपनी असल पहचान छिपाकर जनजातीय महिलाओं से निकाह कर रहे हैं।

बाबूलाल मरांडी द्वारा शेयर की गई पेपर कटिंग में बंगलादेशी घुसपैठियों को आंतरिक सुरक्षा के लिए खतरा बताते हुए हुए प्रशासन से उनके सत्यापन और कार्रवाई की अपेक्षा की गई है। रिपोर्ट के मुताबिक, केंद्रीय गृहमंत्रालय ने 30 साल पहले ही संथाल क्षेत्र के कुछ जिलों में 25 हजार बांग्लादेशी घुसपैठिए चिन्हित किए थे। इन सभी के नाम वोटर लिस्ट में भी जुड़ गए थे, जिन्हें बाद में हटवाया गया था।

जनजातीय लोगों की जमीन हड़पे जाने का आरोप लगाते हुए पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने इस सिस्टम में CM हेमंत सोरेन और उनके राजनैतिक सगे-संबंधियों को शामिल बताया है। अंत में NIA और केंद्रीय गृह मंत्रालय को टैग करते हुए उन्होंने झारखंड के मुख्यमंत्री को नकारा नेता बताया और मामले का संज्ञान लेकर कार्रवाई माँग की।

चंदनकियारी से भाजपा विधायक और नेता प्रतिपक्ष अमर कुमार ने इसे संथाल क्षेत्र की डेमोग्राफी बदलने की साजिश करार दिया है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा अपनाई गई मुस्लिम तुष्टिकरण की नीति के चलते जनजातीय बच्चियाँ बलि चढ़ रही हैं। भाजपा MLA ने राज्य में अपराध और तस्करी को अपने चरम पर बताया है।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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