जम्मू-कश्मीर के पुंछ में गुरुवार (20 अप्रैल 2023) को इफ्तारी का सामान लेकर सांगियोटे गाँव लौट रहे पाँच सेना के जवान वाहन आग लगने के बाद बलिदान हो गए। ये आग आतंकवादी हमले के कारण गाड़ी में लगी। बलिदानियों में पंजाब के 4 जवानों के साथ एक ओडिशा के देबाशीष बिस्वाल भी थे। देबाशीष का पार्थिव शरीर शनिवार (22 अप्रैल 2023) को भुवनेश्वर एयरपोर्ट पर आया।
इस दौरान देबाशीष की की पत्नी संगीता भी वहाँ मौजूद रहीं। ये संयोग बहुत अजीब था कि 2 साल पहले अक्षय तृतीया के दिन ही संगीता और देबाशीष की शादी हुई थी और अक्षय तृतीया पर ही उनका पार्थिव शरीर लौटकर भुवनेश्वर आया। दोनों की एक सात महीने की बेटी है जिसका चेहरा तक देबाशीष ने नहीं देखा था। माता-पिता कुछ कहने की अवस्था में नहीं हैं जबकि परिजनों को संगीता और उनकी नवजात बच्ची की चिंता है।
उन्हें श्रद्धांजलि देने भाजपा नेता संबित पात्रा भी भुवनेश्वर एयरपोर्ट पर आए। उन्होंने कहा कि यह देश देबाशीष के सर्वोच्च बलिदान को सदैव श्रद्धापूर्वक याद करेगा।
भुवनेश्वर एयरपोर्ट पर जम्मू-कश्मीर में माँ भारती की सेवा में अपना सर्वोच्च बलिदान देने वाले पुरी के सत्यवादी विधानसभा क्षेत्र के अलगुम पंचायत के निवासी अमर शहीद देबाशीष बिस्वाल जी के पार्थिव शरीर पर पुष्पांजलि अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि दीं।
— Sambit Patra (@sambitswaraj) April 22, 2023
यह देश आपके सर्वोच्च बलिदान को सदैव… pic.twitter.com/Nv0M3hVIq5
गाँव को दिया था इफ्तारी का निमंत्रण
बता दें कि देबाशीष सेना की राष्ट्रीय राइफल्स ईकाई का हिस्सा थे। उनकी तैनाती जम्मू कश्मीर में थी। गुरुवार को वह इफ्तारी के फल लेकर लौट रहे थे क्योंकि सेना की ओर से पूरे गाँव को निमंत्रण दिया गया था। जानकारी के मुताबिक करीबन 4000 लोग उस दिन शाम 7 बजे होने वाली इफ्तारी में शिरकत करते। सेना ने इनके लिए अपने वाहन में बालाकोट के बसूनी के आरआर मुख्यालय से सामग्री ली थी, और भीमबेर गली क्षेत्र के रास्ते में उन्होंने गाड़ी में और सामान रखा था। लेकिन पुंछ और राजौरी के बीच रास्ते में आतंकी हमले के बाद यह घटना घट गई।
करीबन 3 बजे वाहन पर टोटा गली के पास आतंकी हमला हुआ। इस हमले से सेना के ट्रक में आग लग गई। जब अन्य जवानों और ग्रामीणों ने पास जाकर देखा तो पाँच जवानों वहाँ बलिदान हो चुके थे और छठे की हालत गंभीर थी। इस घटना के बाद उस गाँव के लोगों ने ईद न मनाने का फैसला किया जिन्हें उस दिन सेना ने इफ्तार पर बुलाया था। सरपंच बोले- क्या इफ्तार जब हमारे पाँच जवान ही हादसे में बलिदान हो गए।