भाजपा के वरिष्ठ नेता राजनाथ सिंह का केंद्रीय रक्षा मंत्री के रूप में पहला दौरा सियाचिन का होगा। ये रक्षा मंत्री के रूप में उनका पहला अधिकारिक दौरा होगा। इस दौरान उनके साथ थलसेना प्रमुख जनरल विपिन रावत भी होंगे। राजनाथ सिंह ने पिछली मोदी सरकार में 5 वर्षों तक गृह मंत्री का ज़िम्मा संभाला था। नई सरकार में उन्हें रक्षा मंत्री का ज़िम्मा सौंपा गया है और गृह मंत्री के रूप में उनकी जगह भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने कार्यभार संभाला।राजनाथ सियाचिन ग्लेशियर के दौरे पर सोमवार (जून 2, 2019) को जाएँगे। राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के बाहर रक्षा बेस पर भी यह उनकी पहली यात्रा है।
सियाचिन दौरे के दौरान राजनाथ वहाँ स्थित वार मेमोरियल पर जवानों को श्रद्धांजलि देंगे और वहाँ तैनात जवानों से मुलाकात करेंगे। रक्षा मंत्री सियाचिन की कठिन परिस्थितियाँ और वहाँ मौजूद रक्षा चुनौतियों का जायजा लेंगे और इस सम्बन्ध में जवानों से जानकारी भी लेंगे। इससे पहले तत्कालीन रक्षा मंत्री निर्मला सीतारामन ने भी सियाचिन का दौरा किया था। उन्होंने वहाँ तैनात जवानों संग दशहरा का पर्व मनाया था। उनसे पहले जुलाई 2018 में तत्कालीन रक्षा मंत्री मनोहर पर्रीकर ने सियाचिन का दौरा किया था। पर्रीकर ने सियाचिन ग्लेशियर का हवाई सर्वे भी किया था।
रक्षा मंत्री #RajnathSingh कल सियाचिन ग्लेशियर जाएंगे। इस दौरान उनके साथ आर्मी चीफ जनरल बिपिन रावत भी होंगे। आपको बता दें कि बतौर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह का यह राष्ट्रीय राजधानी से बाहर किसी डिफेंस बेस का पहला दौरा होगा।@rajnathsingh @BJP4India pic.twitter.com/cshDz0Edlg
— Zee Salaam (@zeesalaamtweet) June 2, 2019
हिमालयन रेंज में मौजूद सियाचिन दुनिया का सबसे ऊँचा युद्ध क्षेत्र है। रणनीतिक रूप से भारत के लिए यह काफ़ी महत्वपूर्ण है लेकिन उतना ही दुर्गम भी है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, 1984 से लेकर अब तक पिछले 35 वर्षों में 900 के करीब जवान वहाँ वीरगति को प्राप्त हो चुके हैं। अधिकतर जवान यहाँ मौसम की मार और हिमस्खलन के कारण वीरगति को प्राप्त हो जाते हैं। यहाँ औसत 1000 सेंटीमीटर बर्फ गिरती है। यहाँ का न्यूनतम तापमान माइनस 50 डिग्री (-140 डिग्री फॉरेनहाइट) तक हो जाता है।