दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने 6 आतंकी पकड़े हैं। इनकी पहचान जान मोहम्मद शेख, ओसामा, जीशान कमर, मोहम्मद अबू बकर, मोहम्मद अमीर जावेद और मूलचंद के तौर पर हुई है। इनमें से ओसामा और जीशान को पाकिस्तान में ट्रेनिंग दी गई थी। ट्रेनिंग थट्टा के उसी आतंकी कैंप में मिली थी, जहाँ मुंबई हमले में शामिल अजमल कसाब को आतंकवादी बनाया गया था।
मोहम्मद शेख, ओसामा, मूलचंद और अबू बकर को अदालत ने 14 दिनों के लिए पुलिस हिरासत में भेज दिया है। दो अन्य आतंकियों जीशान और जावेद को बुधवार (15 सितंबर 2021) दोपहर अदालत में पेश किया जाएगा।
A Delhi court has sent accused persons Jan Mohammed Shaikh, Osama, Moolchand, and Mohd. Abu Bakar to 14 days police custody: Delhi Police Special Cell
— ANI (@ANI) September 15, 2021
रिपोर्टों के अनुसार पूछताछ में यह बात सामने आई है कि ओसामा और जीशान को पाकिस्तान के थट्टा टेरर कैंप में ट्रेनिंग दी गई थी। कराची के पास स्थित इस ट्रेनिंग कैंप में इन्हें ओमान के रास्ते ले जाया गया था। यह वही टेरर कैंप हैं, जहाँ 26/11 के हमले में जिंदा पकड़े आतंकी हमले अजमल कसाब को भी ट्रेनिंग दी गई थी।
पूछताछ से यह बात सामने आई है कि इसी साल अप्रैल में ओसामा और जीशान ओमान के रास्ते पाकिस्तान के कराची पहुँचे थे। वे ओमान से जिवानी गए और वहाँ से दोनों को थट्टा भेजा गया। आतंकी ट्रेनिंग के लिए ओमान के रास्ते का इस्तेमाल पहली बार किए जाने की बात भी सामने आ रही है।
रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से बताया गया है कि ओसामा पर अप्रैल से ही नजर रखी जा रही थी। वह 22 अप्रैल 2021 को सलाम एयर की फ्लाइट से लखनऊ से ओमान के मस्कट लिए रवाना हुआ था। वहीं एक फ्लैट में उसकी मुलाकात प्रयागराज के जीशान से हुई। वह भी पाकिस्तान में ट्रेनिंग के लिए भारत से मस्कट पहुँचा था। यहाँ 15-16 बांग्लादेशी भी इनके साथ जुड़े। इन सबको छोटे-छोटे ग्रुप में बाँटा गया। जीशान और ओसामा को एक ही ग्रुप में रखा गया था।
डीसीपी (स्पेशल सेल) प्रमोद कुशवाहा के हवाले से कहा गया है कि इसके बाद इन्होंने कुछ दिनों तक कई बार नाव बदल समुद्र दूरी तय की। पाकिस्तान के ग्वादर पोर्ट से इन्हें जिवानी ले जाया गया। वहाँ से थट्टा के एक फार्महाउस पर ले जाकर ट्रेनिंग दी गई।
अलग-अलग राज्यों से पकड़े गए इन आतंकियों के निशाने पर 6 राज्यों के 15 शहर थे। नवरात्रि और रामलीला के दौरान भीड़भाड़ में हमलों को अंजाम देने की इनकी प्लानिंग थी। कुछ नामचीन भी इनके निशाने पर थे। इनके पास से विस्फोटक भी मिले हैं। यह बात भी सामने आई है कि अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम का भाई अनीस इसके लिए फंड मुहैया करा रहा था। इस बड़े आतंकी हमले की साजिश पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई ने रची थी।