एनआइए द्वारा केरल के पलक्कड़ से गिरफ्तार 29-वर्षीय संदिग्ध इस्लामिक स्टेट आतंकी रियास अबूबकर के पिता ने साफ़ किया कि अगर उनका बेटा एंटी-नेशनल या आतंकवादी निकलता है तो वह उसकी कोई मदद नहीं करना चाहते; उनके अनुसार उस हालात में रियास को जेल में ही सड़ना चाहिए। एनआइए ने अबूबकर को कोई फिदाइन जिहादी घटना हिंदुस्तान में प्लान करने के आरोप में गिरफ्तार किया है। बीते सोमवार को गिरफ्तार आरोपी के बारे में शीर्ष आतंकी जाँच एजेंसी का कहना है कि रियास दो रविवार पहले श्री लंका में हुए ईस्टर धमाकों के सूत्रधार ज़ाहरान हाशिम के वीडियो और भाषणों से प्रभावित था।
तीन साल से हो रहे थे बदलाव, नाम रख लिया था ‘अबू दुजाना’
इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए उसके वालिद अबूबकर ने बताया कि तीन साल पहले से रियास में संदेहास्पद बदलाव आने लगे थे। उसने अरबी कपड़े पहनना, दाढ़ी बढ़ाना शुरू कर दिया था। गुमसुम और एकाकी होता जा रहा था, और परिवार के ऐतराज से उसे कोई फर्क नहीं पड़ता था। रियास ने फ़िल्में और टीवी आदि देखना भी एकदम से बंद कर दिए, और अपने स्मार्टफोन पर केवल इस्लाम से जुड़े वीडियो और लेखों में डूबने लगा था। उसके फेसबुक लेख भी इतने आपत्तिजनक हो गए थे कि उसके छोटे भाई को उससे बात करनी पड़ी थी।
कभी नहीं सोचा था इस्लामिक स्टेट से निकलेंगे रिश्ते
इलाके के आम बागान में मजदूर अबूबकर को यह चिंता तो थी कि उनका सबसे बड़ा बेटा किसी गलत राह पर जा रहा है, पर यह कभी नहीं उम्मीद थी कि वह इस्लामिक स्टेट जैसे खूँखार स्तर पर पहुँच जाएगा। वहीं एनआइए का कहना है कि रियास केरल से आइएस में शामिल हो जिहाद छेड़ने गए 22 में से कम-से-कम 2 दहशतगर्दों के सम्पर्क में था। एजेंसी के अनुसार हाल ही में उसने फेसबुक पर अपना नाम भी बदल कर “अबू दुजाना” कर लिया था।
मस्जिद में मिला था आतंकियों से
याह्या और ईसा नामक पलक्कड़ के दो भाई ईसाई से इस्लाम अपनाकर आइएस में शामिल होने चले गए थे। रियास के बहनोई काजा के अनुसार रियास ने उन्हें अपना दोस्त बताया था। जब जिहादियों के तौर पर उन दोनों भाइयों के फोटो मीडिया में आने लगे तो रियास ने परिवार को बताया कि वह उनसे पलक्कड़ की एक मस्जिद में मिला था।