पंजाब के पठानकोट में भारतीय सेना के कैंप के पास ब्लास्ट हुआ। ये ब्लास्ट ग्रेनेड से हुआ। इससे हड़कंप मच गया। हमले के पीछे किसका हाथ है, इसकी जाँच की जा रही है। ब्लास्ट के बाद शहर में अलर्ट जारी कर दिया गया है। दूसरी ओर मीडिया रिपोर्टों में बताया गया है कि तरनतारन में आतंकी हमले की आशंका को लेकर खुफिया रिपोर्ट मिलने के बाद पंजाब पुलिस ने तरनतारन में हिंदू नेताओं और संघ शाखा की सुरक्षा बढ़ा दी है।
जानकारी के मुताबिक रविवार (21 नवंबर 2021) देर रात एक बजे पठानकोट में आर्मी कैंप के त्रिवेणी द्वार पर मोटर साइकिल सवारों ने ग्रेनेड फेंका। जिससे वहाँ तेज धमाका हुआ। हालाँकि, गेट पर ड्यूटी दे रहे जवान दूरी पर थे, इसलिए किसी को नुकसान नहीं पहुँचा। ग्रेनेड फेंकने वाले बाइक सवार किधर से आए और किधर गए, इसके बारे में पता लगाया जा रहा है।
धमाके की सूचना मिलते ही पुलिस अधिकारी मौके पर पहुँचे। एसएसपी ने खुद हालात का जायजा लिया। पुलिस आसपास के सीसीटीवी फुटेज खँगाल रही है। जिला भर में रेड अलर्ट जारी कर दिया गया है। नाकों पर पुलिस अधिकारियों को तैनात किया गया है।
Punjab | A grenade blast took place near Triveni Gate of an Army camp in Pathankot. Further investigation is underway. CCTVs footage will be probed: SSP Pathankot, Surendra Lamba pic.twitter.com/NsVSQxz0eF
— ANI (@ANI) November 22, 2021
पठानकोट के एसएसपी सुरेंद्र लाम्बा ने बताया कि घटना की जाँच की जा रही है। CCTV फुटेज निकाले जा रहे हैं। पुलिस ने बताया कि विस्फोट रविवार देर रात को छावनी के त्रिवेणी द्वार के बाहर हुआ। इस घटना में कोई हताहत नहीं हुआ है। पुलिस ने बताया कि मोटरसाइकिल सवार अज्ञात लोगों ने छावनी के सामने ग्रेनेड फेंका।
पंजाब पुलिस ने हमले के ‘विशेष इनपुट’ से किया इनकार
इससे पहले 20 नवंबर को खुफिया एजेंसियों ने आतंकी हमलों की आशंका जताई थी। इसके बाद पुलिस ने गाँधी नगर पार्क की चेकिंग की और चेकिंग पोस्ट पर नाकेबंदी की। RSS इस पार्क में शाखा का आयोजन करती है। दैनिक जागरण की रिपोर्ट के अनुसार, एएसआई रैंक के छह अधिकारी और छह कांस्टेबल को आरएसएस जिला प्रमुख चौधरी हंस राज, भाजपा जिलाध्यक्ष राम लाल हंस और शिवसेना (बाल ठाकरे) के उपाध्यक्ष अश्विनी कुक्कू के आवास के बाहर तैनात किए गए हैं।
हालाँकि पुलिस ने किसी खास हिंदू नेता पर हमले की सूचना से इनकार किया। इस मामले में अधिक जानकारी के लिए ऑपइंडिया ने तरनतारन डीएसपी बरजिंदर सिंह से संपर्क किया। सिंह ने शहर में हिंदू नेताओं पर हमले की आशंका से जुडी किसी विशेष खुफिया सूचना से इनकार किया। उन्होंने कहा, “हिंदू नेताओं पर खतरे की खबरें गलत हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा कृषि कानूनों को निरस्त करने की घोषणा के मद्देनजर सुरक्षा बढ़ाई गई है।” उन्होंने कहा कि पठानकोट में सेना के शिविर के बाहर ग्रेनेड हमले के बाद सुरक्षा बढ़ा दी गई है। जब हमने मीडिया रिपोर्टों के बारे में पूछा जिसमें हिंदू नेताओं की सुरक्षा के लिए खतरा बताया गया था, तो उन्होंने कहा, “मैं इस पर टिप्पणी नहीं कर सकता कि उन्होंने रिपोर्ट क्यों प्रकाशित की है।”
बता दें कि पठानकोट भारत के सर्वाधिक महत्वपूर्ण ठिकानों में से एक है। यहॉं पिछले कुछ महीने से सुरक्षाबलों के कैम्प के नजदीक कई गतिविधियाँ देखी गईं हैं। जनवरी 2016 में पठानकोट वायुसेना स्टेशन पर आतंकवादी हमला हुआ था।