राहुल गाँधी अक्सर अपने भाषणों व बयानों में हिंदुस्तान एरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) को लेकर वर्तमान केंद्र सरकार पर निशाना साधते रहे हैं। हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड को एक लाख करोड़ रुपए की ख़रीद का ऑर्डर मिलने वाली ख़बर को राहुल गाँधी ने ‘झूठ’ बताया था। उन्होंने यह भी बताया था कि एचएएल का कहना है कि उसे ‘एक पैसा भी नहीं मिला।’ इस मामले में राहुल गाँधी की मानें तो वे बंगलुरु जाकर एचएएल कर्मचारियों से मिले भी थे। लेकिन, ताज़ा आँकड़े राहुल गाँधी और कॉन्ग्रेस के दावों की पोल खोलते हैं। इससे उनका यह आरोप भी गलत साबित हो जाता है कि राजग सरकार एचएएल को आगे बढ़ने से रोक रही है। दरअसल, एचएएल ने वित्त वर्ष 2018-19 में रिकॉर्ड ₹19,400 के टर्नओवर का प्राप्त किया है।
So it was a canard that #HAL has been hobbled by NDA Govt.
— Kanchan Gupta (@KanchanGupta) April 2, 2019
HAL announces a record turnover of over Rs 19,400 crore for 2018-19. This amounts to 6% revenue growth over 2017-18 turnover of Rs 18,284 crore & revenue growth of 3.8%.
This is Greek for some.https://t.co/tuzaelvse8
पिछले वित्तीय वर्ष में एचएएल को ₹18,284 करोड़ का टर्नओवर हुआ था। इस हिसाब से इस साल कम्पनी के टर्नओवर में पिछले वित्त वर्ष के मुक़ाबले 6% की वृद्धि हुई है। 2017-18 में कम्पनी का रेवेन्यू ग्रोथ 3.8% था, जो इस वर्ष के रेवेन्यू ग्रोथ से काफ़ी कम था। हालाँकि, भारतीय वायुसेना को एचएएल को अभी ₹20,000 करोड़ देने हैं। एचएएल द्वारा वायुसेना को दिए गए एयरक्राफ्ट्स और उनकी मरम्मतों के बदले यह बकाया धनराशि है। जनवरी में एचएएल को बैंक से 781 करोड़ रुपयों का क़र्ज़ लेना पड़ा था ताकि कम्पनी के 29,000 कर्मचारियों को उनका वेतन दिया जा सके।
बिजनेस स्टैण्डर्ड से बात करते हुए एचएएल चेयरमैन आर माधवन ने कहा,”भारतीय वायुसेना को अभी भी एचएएल को बकाया भुगतान करना है। हमने उन्हें जो एयरक्राफ्ट्स, सर्विसेज, मरम्मत और हैलीकॉप्टर्स डिलीवर किए हैं, उनके एवज में उन्हें हमें भुगतान करना है। मार्च 31 तक ये बकाया ₹20,000 करोड़ है।” एचएएल के सूत्रों के अनुसार, वित्त वर्ष 2018-19 में एचएएल ने 41 नए एयरक्राफ्ट्स और हैलीकॉप्टर्स का निर्माण किया। 98 नए इंजिन्स बनाए, 213 एयरक्राफ्ट्स एवं हैलीकॉप्टर्स की मरम्मत की और 540 इंजिन्स का जीर्णोद्धार किया।
बीते वित्त वर्ष में एचएएल ने 11 सुखोई-30MKI और 7 तेजस फाइटर्स का निर्माण किया। इसके साथ ही उन्होंने 5 डोर्नियर-228 एयरक्राफ्ट्स, तीन चीता (लाइट) हैलीकॉप्टर और 15 ध्रुव (एडवांस लाइट) हैलीकॉप्टर्स का निर्माण किया। कुल मिलकर उन्होंने 41 एयरक्राफ्ट्स का निर्माण किया। इसके अलावा कम्पनी ने 15 सुखोई-30MKI की मरम्मत की, कई मिराज-2000 व जगुआर फाइटर्स का जीर्णोद्धार किया। इसके अलावा उन्होंने कई हैलीकॉप्टर्स की भी मरम्मत की।
कम्पनी ने कहा कि एचएएल के सारे रिसर्च एवं डेवलपमेंट प्रोजेक्ट्स अभी ट्रैक पर हैं और भारतीय सशस्त्र बलों की ज़रूरतों के हिसाब से इस पर आगे बढ़ा जा रहा है। एचएएल ने कहा कि उसने अपने परफॉरमेंस के सारे मापदंडों को पूरा किया है, अतः भारत सरकार द्वारा ‘एक्सीलेंट’ MoU रेटिंग बने रहने की उम्मीद है। कुल मिलकर देखें तो चीजें सही ट्रैक पर है और राहुल गाँधी के दावे झूठे साबित होते नज़र आ रहे हैं, हमेशा की तरह।