खालिस्तानियों द्वारा पंजाब में शांति भंग करने के प्रयासों के बाद अब हिमाचल प्रदेश में भी अलगाववाद के बीज बोने की तैयारी की जा रही है। शुक्रवार (30 जुलाई 2021) को सुबह 10:30 बजे से दोपहर 12:30 बजे के बीच शिमला के 20 से अधिक पत्रकारों को धमकी भरे फोन कॉल आए, जिसमें यह कहा गया कि हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर को आगामी स्वतंत्रता दिवस के दिन तिरंगा फहराने नहीं दिया जाएगा। ये खालिस्तान समर्थक संगठन सिख फॉर जस्टिस (SFJ) के प्री रिकॉर्डेड कॉल थे और धमकी देने वाला शख्स खुद को SFJ का सदस्य गुरपतवंत सिंह पन्नू बता रहा था।
इस रिकॉर्डेड फोन कॉल में हिमाचल प्रदेश में अलगाववादी आंदोलन शुरू करने की बात की गई। इस फोन कॉल में कहा गया, “हिमाचल प्रदेश भी कभी पंजाब का हिस्सा हुआ करता था। हम पंजाब में रेफरेंडम करवाने की दिशा में बढ़ रहे हैं और जिस दिन पंजाब अलग हो जाएगा, हम यह सुनिश्चित करेंगे कि हिमाचल प्रदेश का जो हिस्सा पंजाब का था वह भी अलग किया जा सके।” पन्नू ने खालिस्तानी समर्थकों और किसानों को भी ट्रैक्टर पर निकलने के लिए उकसाया है ताकि हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री को तिरंगा फहराने से रोक जा सके। इन पत्रकारों के अलावा कई अन्य लोगों ने भी ऐसे फोन कॉल आने की शिकायत की है।
इन धमकी भरे फोन कॉल पर संज्ञान लेते हुए हिमाचल प्रदेश पुलिस ने ट्वीट कर कहा है, “हमें खालिस्तान समर्थित तत्वों के द्वारा प्री रिकॉर्डेड कॉल के जरिए पत्रकारों को दी जाने वाली धमकी की जानकारी मिली है। हिमाचल प्रदेश पुलिस, केन्द्रीय सुरक्षा एवं खुफिया एजेंसियों के संपर्क में है और राष्ट्र विरोधी तत्वों को रोकने एवं राज्य में शांति बनाए रखने में पूरी तरह सक्षम है।” इन धमकी भरे फोन कॉल आने के बाद मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर, भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और केन्द्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर की सुरक्षा को बढ़ा दिया गया है।
Himachal Pradesh Police is fully capable of securing the State & preventing anti-national elements to thwart peace & security in HP. pic.twitter.com/hmpPiDyTtt
— Himachal Pradesh Police (@himachalpolice) July 30, 2021
हाल ही में हिमाचल प्रदेश में श्री नयना देवी-कोलां वाला टोबा सड़क पर खालिस्तानी आतंकवादी संगठन और जरनैल सिंह भिंडरावाले के समर्थन में नारे लिखे देखे गए थे। जगह-जगह पेंट और मार्कर पेन से ‘खालिस्तान जिंदाबाद’, ‘खालिस्तान में शामिल हों‘ और पंजाबी भाषा में ‘जनमत संग्रह 2021‘ व ‘SFJ में शामिल हों’ लिखा हुआ देखा गया था। हालाँकि रिपोर्ट्स के मुताबिक स्थानीय पुलिस ने सड़क के मील के पत्थर पर खालिस्तानी नारे लिखने को शरारती तत्वों की करतूत बताया था जो माहौल खराब करने और लोगों में दहशत पैदा करने पर आमादा हैं।
पुलिस ने कहा था कि खालिस्तानी नारों के साथ मील के पत्थर को खराब करने के लिए जिम्मेदार लोगों का पता लगाने के लिए जाँच के आदेश दिए गए हैं। श्री नयना देवी जी के डीएसपी पूर्ण चंद ने कहा था कि पुलिस जल्द ही दोषी लोगों का पता लगाकर उन्हें गिरफ्तार करेगी।