आपातकालीन खरीद के तहत रूस से 12 सुखोई और 21 मिग-29 खरीदने पर भारत विचार कर रहा है। भारतीय वायु सेना (IAF) ने रूस से 33 नए लड़ाकू विमान लेने के लिए सरकार के एक प्रस्ताव को आगे बढ़ाया है। यह माँग ऐसे समय में की जा रही है, जब सीमा पर भारत और चीन के बीच सामरिक सम्बन्ध ठीक नहीं चल रहे हैं।
Big Breaking: India to buy 12 Sukhoi and 21 MiG-29 under emergency purchase from Russia.
— FrontalAssault (@FrontalAssault1) June 18, 2020
भारतीय वायुसेना (IAF) जिन 21 मिग-29 विमानों को खरीदने पर विचार कर रही है, वे रूस के हैं, जिन्होंने वायु सेना को नए लड़ाकू विमानों की आवश्यकता को पूरा करने में मदद करने के लिए इन विमानों को बेचने की पेशकश की है। यह माँग ऐसे समय पर की जा रही है, जब लद्दाख क्षेत्र में सीमा विवाद को लेकर भारत और चीन के सैनिकों के बीच माहौल संवेदनशील है।
Amid row with China, IAF pushes proposal for acquiring 33 new Russian fighter aircraft
— ANI Digital (@ani_digital) June 18, 2020
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न्यूज एजेंसी ANI के अनुसार, सरकारी सूत्रों का कहना है कि वायु सेना कुछ समय से इस योजना पर काम कर रही है, लेकिन वो अब इस प्रक्रिया पर तत्परता से नजर रख रही है और 6,000 करोड़ रुपए से अधिक के प्रस्तावों की उम्मीद की जा रही है, जिसे अगले सप्ताह उच्च स्तर पर अंतिम मंजूरी के लिए रक्षा मंत्रालय के समक्ष रखा जाएगा।
इस प्रस्ताव में 12 एसयू -30 एमकेआई का अधिग्रहण शामिल है, जिनकी आवश्यकता विभिन्न दुर्घटनाओं में वायु सेना द्वारा खोए गए विमानों की संख्या को बदलने के लिए होगी। भारत ने अलग-अलग बैचों में 10 से 15 साल की अवधि में 272 Su-30 फाइटर जेट्स के ऑर्डर दिए थे।
गौरतलब है कि हाल ही में गलवान घाटी पर चीन की सेना ने जो धोखा किया, उसके कारण भारतीय सेना ने अपने कम से कम 20 जवान खोए। सीमा पर खड़े चीनी सैनिकों को इस दौरान भारत की ओर से मुँहतोड़ जवाब मिला। नतीजतन उनके कमांडिग ऑफिसर समेत 43 सैनिक मारे गए।
हालाँकि, पहले इस झड़प को लेकर मीडिया में स्पष्ट सूचना नहीं आ रही थी। मगर, अब धीरे-धीरे सब साफ हो रहा है। ऐसे में भारतीय वायुसेना द्वारा नए लड़ाकू विमानों के अधिग्रहण का प्रस्ताव कई तरह की संभावनाओं को जन्म दे रहा है।