गलवान घाटी से भारतीय सेना की तस्वीर सामने आई है, जहाँ वो राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा के साथ दिख रहे हैं। इसके साथ ही चीन के प्रोपेगंडा की पोल भी खुल गई है। समाचार एजेंसी ANI ने सुरक्षा प्रतिष्ठानों में अपने सूत्रों के हवाले से दो तस्वीरें जारी की हैं। एक तस्वीर में भारतीय सेना के जवान हाथ में राष्ट्रीय ध्वज लिए दिख रहे हैं तो दूसरे में उनके पीछे एक छोटा सा बंकर और वहाँ लगा तिरंगा भी दिख रहा है। इसके साथ-साथ डोगरा रेजिमेंट का झंडा भी दिख रहा है।
Indian Army soldiers in Galwan Valley on #NewYear
— ANI (@ANI) January 4, 2022
(Photo credit: Sources in security establishment) pic.twitter.com/GJxK0QOW48
बता दें कि उक्त स्थान पर डोगरा रेजिमेंट को ही तैनात किया गया है। रक्षा सूत्रों ने स्पष्ट किया है कि चीन ने अपने झंडे के साथ जो तस्वीर जारी की थी, वो भारत नहीं बल्कि उनके ही इलाके की थी। इसीलिए, चीन के उस प्रोपेगंडा वीडियो का भारत सरकार खंडन नहीं करेगी। केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिकी एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MeiTY) के सूत्रों का कहना है कि चूँकि ये वीडियो चीन के क्षेत्र का है, जहाँ वो अपना झंडा फहरा रहे हैं – इसीलिए, इस वीडियो को इंटरनेट पर ब्लॉक करने की आवश्यकता नहीं है।
चीन ने भी इस पर कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है, लेकिन वहाँ के कई हैंडल्स ने इस वीडियो को 1 जनवरी, 2021 को सोशल मीडिया पर डाला था। उसी दौरान नववर्ष के मौके पर भारत और चीन के जवानों ने ‘लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (LAC)’ पर कई जगह तोहफों का आदान-प्रदान भी किया था। MeiTY गृह मंत्रालय, सुरक्षा एजेंसियों या अपने आंतरिक जाँच के आधार पर किसी कंटेंट को भारत में इंटरनेट पर ब्लॉक कर सकता है। अगर कंटेंट भारत की सम्प्रभुता या अखंडता या खिलाफ हो अथवा इससे हिंसा का खतरा हो, तो उसे हटा दिया जाता है।
रक्षा मंत्रालय के सूत्रों का स्पष्ट कहना है कि ये वीडियो चीन के प्रोपेगंडा का हिस्सा है और उनके ही इलाके में शूट किया गया है। ये भी कहा जा रहा है कि उक्त वीडियो में गलवान नदी का मोड़ नहीं दिख रहा है, ऐसे में ये हाल के दिनों का न होकर पुराना भी हो सकता है। मई 2020 के बाद से दोनों देशों में 13 राउंड की बातचीत हो चुकी है और आगे भी होनी है। चीन ने इस साल सीमाओं पर ‘सामरिक मजबूती और आर्थिक-सामाजिक विकास’ के नाम पर एक नया कानून भी बनाया है।
चीनी सोशल मीडिया हैंडल्स ने उस वीडियो को जारी करते हुए कैप्शन में लिखा था, “नववर्ष 2022 के मौके पर गलवान घाटी में चीन का झंडा फहरता हुआ”। साथ ही लिखा गया था कि बीजिंग के तियानानमेन चौक (1989 में छात्रों के विद्रोह का दमन) के बाद ये इस झंडे के लिए सबसे बड़ा क्षण है। चीन के इस प्रोपेगंडा को आगे बढ़ाते हुए कॉन्ग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गाँधी ने भी अपनी ट्वीट में लिखा था, “गलवान पर हमारा तिरंगा ही अच्छा लगता है। चीन को जवाब देना होगा। मोदी जी, चुप्पी तोड़ो!”