कुख्यात नक्सली नेता कोबाड गाँधी उर्फ कमाल उर्फ आजाद को सोमवार (अगस्त 26, 2019) को सूरत की एक अदालत में पेश किया गया। संयुक्त पुलिस उपायुक्त एफजी पटेल ने बताया कि 2010 में सूरत के कामरेज थाने में दर्ज नक्सली षडयंत्र प्रकरण के आरोप में कोबाड गाँधी को हजारीबाग जेल (झारखंड) से ट्रेन के जरिए लाया गया और अदालत में पेश किया गया।
नक्सली नेता कोबाड गाँधी को 9 साल पुराने देशद्रोह के मामले में गिरफ्तार किया गया है। झारखंड की हजारीबाग जेल में निरुद्ध प्रतिबंधित माओवादी संगठन के सदस्य कोबाड गाँधी को सोमवार को ट्रांसफर वारंट पर सूरत लाया गया था।
सूरत जिले की कामरेज पुलिस ने वर्ष 2010 में कोबाड गाँधी और 24 अन्य लोगों के खिलाफ देशद्रोह और कथित तौर पर दक्षिणी गुजरात में नक्सली गतिविधियों को बढ़ावा देने का मामला दर्ज किया था। इस मामले में कोबाड से पहले 23 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है, जबकि एक आरोपित सीमा हिरानी अभी भी पुलिस की गिरफ्त से दूर है।
रिपोर्ट्स के अनुसार, डिप्टी एसपी सीएम जडेजा ने बताया कि 68 वर्षीय नक्सली विचारक कोबाड गाँधी को ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट एचआर ठाकोर की कोर्ट मे पेश किया गया था। उन्होंने कोबाड को सूरत ग्रामीण पुलिस को सौंप दिया, जिसके बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। पुलिस मंगलवार (अगस्त 27, 2019) को कोर्ट से कोबाड की रिमांड माँगेगी, ताकि यह स्पष्ट हो सके कि जिले में नक्सली गतिविधियों को बढ़ावा देने में उसकी क्या भूमिका थी।
कोबाड गाँधी को सितंबर 22, 2009 में दिल्ली से गिरफ्तार किया गया था। सुरक्षा के दृष्टकोण से उसे झारखंड के जेपी कारा में लाया गया था। नक्सलियों से जुड़ी एक पत्रिका विजन-2026 निकाली गई थी, जिसका संपादन कोबाड ने किया था। इसके बाद अक्टूबर 10, 2009 को नक्सली नेता रवि शर्मा को इचाक से गिरफ्तार किया गया था।
इसी रवि शर्मा को नक्सली संगठन का वैज्ञानिक कहा जाता था। वह लैटिन अमेरिकी भाषा में बात करता था। यही कारण है कि हजारीबाग पुलिस को पूछताछ करने के लिए राँची और दिल्ली से लैटिन अमेरिकी अंग्रेजी के विशेषज्ञ को बुलाया गया था। बाद में रवि शर्मा की पत्नी अनुराधा शर्मा को पटना से गिरफ्तार किया गया था।