ISIS टेरर मॉड्यूल केस में फरार आतंकी फरहतुल्ला गोरी को लेकर NIA गहन छानबीन कर रही है। वो दिल्ली, महाराष्ट्र से लेकर केरल तक में ISIS ऑपरेशन्स के लिए एक हैंडलर के रूप में काम कर रहा था। खास बात ये है कि वो हरेक मॉड्यूल से अलग-अलग पहचान के साथ मिलता था। वो कभी अबू सुल्तान बन जाता था, तो कभी अबू सुलेमान। कभी वो खुद को ‘मोहम्मद भाई’, तो कभी अबू या फिर अबू सुफियान। इसके अलावा सरदार साहब और फारू नाम से भी जाना जाता है। फरहतुल्ला एक बेहद रहस्यमयी और शातिर आतंकी है, जो कई पहचानों के साथ आतंकी वारदातों में शामिल रहा है।
आईएसआईएस का असली ‘अमीर’!
FPJ ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि NIA की जाँच रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि टेरर नेटवर्क में शामिल लोग उसे ‘अमीर’ कहते थे, और वो कट्टरपंथी युवाओं को आतंकी हमलों में शामिल होने के तैयार करता था। ISIS के सभी आतंकियों ने गोरी के माध्यम से ही खिलाफत की शपथ ली थी। विश्वस्त सूत्रों के अनुसार, फरहतुल्ला गोरी ने कभी भी खुद को किसी जिहादी समूह से नहीं जोड़ा। इसके बजाय उसने व्यक्तिगत कनेक्शन और नेटवर्क का लाभ उठाया और अपने शागिर्दों को अल-कायदा और वर्तमान में आईएसआईएस से जोड़ा।
सूत्रों के मुताबिक, पाकिस्तान में बैठे फरहतुल्ला गोरी ने अपने दम पर भारत में आतंकी मॉड्यूल खड़ा करने की कोशिश की और ये नेटवर्क पूरी तरह से भारतीय होता। वो इसमें आईएसआई का सहयोग पा रहा था, इसी लक्ष्य को ध्यान में रखते हुए उसने दिल्ली, पुणे और महाराष्ट्र के मॉड्यूल को खड़ा किया। इसके लिए वो माल-ए-गनीमत यानी आपराधिक कामों के माध्यम से पैसे इकट्ठा करता।
इस केस की जाँच कर रहे अधिकारियों के पास पुख्ता जानकारी है कि महाराष्ट्र आतंकी मॉड्यूल का मास्टरमाइंड साकिब नाचन ISIS हैंडलर अबू सुलेमान और अबू सुल्तान से जुड़ा हुआ था। साकिब ने ही आईएसआईएस के लिए शपथ कार्यक्रम को अंजाम दिया था और अपने मोबाइल कैमरे से रिकॉर्ड किया था। इसके बाद उसके वीडियो को VPN नेटवर्क के माध्यम से ईमेल, टेलीग्राम, स्नैपचैट जैसे प्लेटफॉर्म्स के माध्यम से भेजा। इस बात की पुष्टि के लिए साकिब नाचन के फोन और अन्य डिजिटल उपकरणों के डाटा की फॉरेंसिक जाँच करा रही है।
पुणे और दिल्ली आतंकी मॉड्यूल मामले
पुणे आतंकी मॉड्यूल मामले में ISIS पुणे मॉड्यूल प्रमुख इमरान खान उर्फ़ मोहम्मद भाई के संपर्क में था। एनआईए की चार्जशीट के मुताबिक, इमरान खान ने मोहम्मद भाई को लगातार उनके आतंकी मिशन, प्रशिक्षण, आईईडी परीक्षण, टोही और अन्य अवैध गतिविधियों के बारे में जानकारी दी। एजेंसी को शक है कि इस मामले में भी हैंडलर मोहम्मद भाई कोई और नहीं बल्कि गोरी ही है।
पाकिस्तान में बैठा गोरी और उसका दामाद शाहिद फैसल भारत में शाहनवाज आलम, रिजवान अशरफ और अरशद वाली के माध्यम से दिल्ली का टेरर मॉड्यूल बना रहा था। इसके अलावा यूपी, उत्तराखंड, झारखंड और महाराष्ट्र जैसे राज्यों में फैले आईएसआईएस के मॉड्यूल का भी हैंडलर पाकिस्तानी फतहउल्ला खान ही निकला, इसकी पुष्टि फॉरेंसिक जाँचों में हो चुकी है।
दिल्ली टेरर मॉड्यूल को ध्वस्त करने से पहले दिल्ली के स्पेशल सेल और केंद्रीय खुफिया एजेंसियों ने गोरी द्वारा कट्टरपंथी ग्रुपों को भेजे गए ऑपरेशन की डिटेल्स को एक्सेस कर लिया था। ये ग्रुप भारत में दिल्ली, मुंबई जैसे कई शहरों में आतंकी हमले करने वाला था। उसने उस संदेश में बताया था कि उसके ऑपरेटिव्स यानी धमाका करने वाले लोग टारगेट वाली जगहों पर पहुँच चुके हैं। ये सारी डिटेल्स शाहनवाज के पास से भी मिली।
वरिष्ठ अधिकारी की मानें तो गोरी भारत में कट्टरपंथ की राह चुन चुके नौजवानों को भड़का लोन वुल्फ अटैक जैसे हमलों की प्लानिंग कर रहा था। इस प्लानिंग को अमलीजामा पहनाने के लिए वो भड़काऊँ भाषणों और साहित्य का वितरण कर रहा था। इसके लिए पूरा स्लीपर सेल एक अलग गेमिंग एप का इस्तेमाल कर रहा था, जिसके जरिए सभी आतंकियों की बातचीत होती थी। एजेंसियों ने उनमें से कुछ बातचीत डार्क वेब के माध्यम से रिकवर भी कर ली है, इसमें ‘लव जिहाद’ के साथ ही हमलों की प्लानिंग भी की गई थी।
केंद्रीय एजेंसियों द्वारा प्राप्त जानकारी के मुताबिक, गोरी कट्टरपंथी युवाओं को हमले के दौरान पुलिस के हाथ लगने की जगह फिदायीन हमलों के लिए तैयार कर रहा था, ताकि वो पुलिस या अन्य जाँच एजेंसियों की टीम को धमाके के साथ उड़ा दें। इसके लिए वो हिंदुस्तानी मुस्लिमों की भावनाओं को भड़काने की कोशिश कर रहा था। इसके लिए वो औरंगजेब और अहमद शाह अब्दाली को उनका हीरो बनाकर पेश करता था। यही नहीं, उसने इन युवाओं को आतंकवाद से जुड़ने के लिए प्रेरित करने के इंडियन मुजाहिद्दीन के वीडियो भी चैटिंग प्लेटफॉर्म पर शेयर किए थे। उसका इरादा साफ था कि वो युवाओं को भड़काकर शहरों में सांप्रदायिक तनाव और दंगों की स्थिति पैदा करे।
सूत्रों के मुताबिक, फरहतुल्ला गोरी लश्कर ए तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद का महत्वपूर्ण सदस्य है। इससे भी आगे बढ़कर वो अंतर्राष्ट्रीय आतंकी संगठन बन चुके हिज्ब-उत-तहरीर का भी सरगना है। वो आईएसआईएस के लिए काम करते हुए भी एचयूटी को आगे बढ़ाने में जुटा हुआ है। बीते सात जुलाई और अगस्त महीने में NIA ने हैदराबाद में एचयूटी से जुड़े ठिकानों पर छापेमारी की थी। इसके अलावा भोपाल, छिंदवाड़ा और हैदराबाद से 16 संदिग्धों को गिरफ्तार किया था। इनमें से 10 की गिरफ्तारी भोपाल से, एक की छिंदवाड़ से और 5 को हैदराबाद से गिरफ्तार किया गया था। ये सभी लोग काफी पढ़े लिखे हैं और कॉरपोरेट कंपनियों में अच्छे पदों पर है। इनमें से कुछ सॉफ्टवेयर इंजीनियर हैं, तो कुछ छात्र और कुछ इंटरनेशनल कंसल्टेंसी फर्म्स से जुड़े हुए हैं।
गोरी ही ISIS से लेकर तमाम आतंकी संगठनों का हैंडलर!
हमने अपनी पिछली रिपोर्ट में बताया था कि किस तरह से गोरी के लिंक आईएसआईएस से ही नहीं, आईएसआई तक से भी हैं। उसी ने दिल्ली में एनआईए द्वारा गिरफ्तार आतंकियों शाहनवाज आलम और मोहम्मद रिजवान और अशरफ को तैयार किया था। अब ये बात साफ हो गई है कि आईएसआईएस के दिल्ली मॉड्यूल से लेकर महाराष्ट्र, पुणे और हैदराबाद तक सभी ऑपरेशंस की कमान फरहतुल्ला गोरी ही संभालता है।
रिपोर्ट के मुताबिक, आईएसआई और गोरी ने शाहनवाज और रिजवान को दिल्ली/एनसीआर में एक आतंकी ऑपरेशन के लिए एक महत्वपूर्ण मिशन सौंपा था। दिल्ली का आतंकी जो इस समय फरार है, उसी ने साजो-सामान संबंधी सहायता, हथियार और गोला-बारूद की खरीद का इंतजाम किया और इस काम के लिए फंडिंग की व्यवस्था की। उन दोनों ने दिल्ली में एक बेस स्थापित किया, इनकी मंशा दिल्ली/एनसीआर में एक बड़े आतंकी ऑपरेशन को अंजाम देने की थी। इस ऑपरेशन के शुरू होने से पहले ही दोनों को दिल्ली की स्पेशल सेल ने गिरफ्तार कर लिया।