दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने आईएसआईएस के जिन खूँखार आतंकियों- शाहनवाज आलम, अरशद वारसी और मोहम्मद रिजवान अरशद को गिरफ्तार किया है, वो आतंकी बेहद हाईप्रोफाइल तकनीकी का इस्तेमाल करके आपस में जुड़े रहते थे। यही नहीं, माइनिंग इंजीनियर की पढ़ाई करने वाले आतंकी शाहनवाज ने सीक्रेट ट्रिक्स का इस्तेमाल कर बाकी आतंकियों से संपर्क भी रखा था।
सभी आतंकी इसके लिए एक शेयर्ड आईडी और पासवर्ड के माध्यम से अपने मैसेज लिखते थे और उसे बिना भेजे (सेंड किए) सुरक्षित रख देते थे। ऐसे में दूसरा आतंकी उस आईडी-पासवर्ड का इस्तेमाल करके अपना मैसेज पा जाता था और उस मैसेज को हटाकर उसका जवाब लिख देता था। इसके कारण ये आतंकी बिना मैसेज भेजे संवाद स्थापित कर सुरक्षा एजेंसियों को चकमा दे रहे थे।
हालाँकि, अब दिल्ली पुलिस ने उनके मैसेजिंग प्लेटफॉर्म को एक्सेस कर लिया है और एक पत्र को भी फिर से (रिट्राइव) प्राप्त कर लिया है। टाइम्स ग्रुप की रिपोर्ट के मुताबिक, ये आतंकी बेहद चालाकी से उन तकनीकों का इस्तेमाल करते थे, जिनका इस्तेमाल अमेरिकी खुफिया एजेंसी सीआईए और कनाडाई जासूस अपने रुसी साथियों से जानकारी प्राप्त करने के लिए करते थे।
No transmission so no interception — how this Islamic State (IS) operative used spy craft techniques to communicate. Used NEw Zealand based cloud aided service (https://t.co/KTlNTfL7rK) to leave messages as draft on a single a/c to be used by others also using shared password. pic.twitter.com/5Ac51CzYWH
— Raj Shekhar Jha (@rajshekharx) January 11, 2024
रिपोर्ट में बताया गया है कि आईएसआईएस के ये ऑपरेटिव न्यूजीलैंड बेस्ड क्लाउड सर्विस मेगा.एनजे का इस्तेमाल इस काम के लिए करते थे। यह डेस्कटॉप और मोबाइल दोनों ही माध्यम से एक्सेस हो जाता था। इसके कारण बिना इंटरनेट प्रोटोकॉल का इस्तेमाल किए अपनी बात आगे बढ़ा देते थे। दरअसल, इंटरनेट पर कोई मैसेज भेजे बिना उसे इंटरसेप्ट नहीं किया जा सकता है।
शाहनवाज आलम ने यह भी बताया कि वह मालदीव की एक महिला हैंडलर के भी संपर्क में था। इसके अलावा उसने सीरिया और इराक के बॉर्डर पर ISIS के डिटेंशन सेंटर अल-हाउल कैंप के लिए चंदा भी भेजा था। बताते चलें कि हिंद महासागर में भारत का पड़ोसी देश मालदीव ISIS के लिए प्रमुख पनाहगाह साबित हो रहा है।
ऑपइंडिया ने अपनी रिपोर्ट में बताया था कि किस तरह से शाहनवाज आलम पाकिस्तान के आतंकियों के संपर्क में रहता था और भारत में आईएसआईएस के मॉड्यूल खड़े करने की कोशिश कर रहा था। इनमें आईएसआईएस का पुणे मॉड्यूल, अलीगढ़ मॉड्यूल, हैदराबाद मॉड्यूल, दिल्ली मॉड्यूल और महाराष्ट्र मॉड्यूल शामिल थे। पाकिस्तान का फरहतुल्ला इनका हैंडलर था और वो हर मॉड्यूल में अलग-अलग नाम से पहचाना जाता था।
महाराष्ट्र के पुणे भागने के बाद शानवाज को फरहतुल्ला ने ही दिल्ली और अलीगढ़ मॉड्यूल से जोड़ा था। शाहनवाज और उसके साथियों ने गुजरात के कई शहरों में रेकी की थी। दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच और एनआईए की पूछताछ में आईएसआईएस के पुणे, दिल्ली और अलीगढ़ मॉड्यूल से जुड़े आतंकी शाहनवाज ने माना था कि साल 2023 में उसने गुजरात में कई जगहों का दौरा किया था। शाहनवाज बोहरा मस्जिद, दरगाह, अहमदाबाद की मजार, दरगाह और साबरमती आश्रम की तस्वीरें भी खींची थी और हमले का ब्लू प्रिंट बनाया था।
शाहनवाज ने ट्रेनिंग के लिए जगह भी देखी थी और कुछ ट्रेनिंग भी पूरी कर ली थी। यही नहीं, उसे पाकिस्तानी हैंडलर से हथियारों को जमा करने में मदद भी मिल रही थी और वो भारत में कई धमाकों को अंजाम देने के लिए आखिरी दौर में पहुँच चुके थे। संभव है कि अगर कुछ समय ये आतंकवादी भारतीय सुरक्षा एजेंसियों के हाथ नहीं लगते तो वो अब तक कई धमाके भी कर चुके होते।
गौरतलब है कि पुणे पुलिस ने जुलाई 2023 में चोरी की बाइक के साथ 2 लोगों को पकड़ा था। इसमें शाहनवाज भी था। शुरुआत में पुलिस ने दोनों को वाहन चोर समझा, पर जाँच में उनके ISIS नेटवर्क से जुड़े होने की बात सामने आई। इस बीच शाहनवाज पुलिस को चकमा देकर फरार हो गया था। इसके बाद इस साल अगस्त माह में पुणे के कोंढवा स्थित एक घर में दबिश डाली।
दबिश के दौरान बम बनाने और ब्लास्ट करने की ट्रेनिंग लेते हुए 7 लोगों को गिरफ्तार किया गया। इस दौरान 3 अन्य संदिग्ध फरार हो गए थे। फरार होने वालों के नाम रिज़वान अब्दुल हाजी, अब्दुल्लाह फ़ैयाज़ शेख और तलहा लियाकत खान है। इन तीनों के साथ शाहनवाज पर भी 3-3 लाख रुपए का इनाम रखा गया था। इसके बाद शाहनवाज को दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने एनआईए के साथ मिलकर गिरफ्तार किया था।