दुनिया का सबसे बर्बर आतंकी संगंठन आईएसआईएस (ISIS या IS) भारत को लहूलुहान करने की साजिश रच रहा था। गिरफ्तार आईएसआईएस आतंकी शाहनवाज आलम ने स्वीकार किया है कि गोधरा का बदला लेने के लिए आईएसआईएस के निर्देश पर उसने गुजरात के कई शहरों की रेकी की थी। उसने गुजरात के गाँधीनगर, अहमदाबाद, बडोदरा और सूरत की रेकी की थी।
शाहनवाज ने बताया कि आईएसआईएस के निशाने पर गुजरात के बीजेपी नेता, RSS के पदाधिकारी, विहिप के नेता सहित विभिन्न हिंदू संगठनों के नेताओं थे। इतना ही नहीं, जिला न्यायालय, विश्वविद्यालय, मंदिर, यहूदी स्थाल और भीड़भाड़ वाले इलाके भी उनके निशाने पर थे। ISIS पूरे गुजरात में सिलसिलेवार तरीके से बम धमाके करके देश में आतंक का राज स्थापित करना चाहता था।
दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच और एनआईए की पूछताछ में आईएसआईएस के पुणे, दिल्ली और अलीगढ़ मॉड्यूल से जुड़े आतंकी शाहनवाज ने माना कि साल 2023 में उसने गुजरात में कई जगहों का दौरा किया था। उसने तस्वीरें खींची थीं और हमलों वाली जगह का ब्लू-प्रिंट भी तैयार किया था। यही नहीं, शाहनवाज ने बोहरा मस्जिद, दरगाह, अहमदाबाद की मजार, दरगाह और साबरमती आश्रम की तस्वीरें भी खींची थी।
इसके लिए आतंकियों ने किराए की एक बाइक का इस्तेमाल किया था। ये सब उसने आईएसआईएस के हैंडलर अबु सुलेमान के कहने पर किया था। उसके साथ रिजवान अली और इमरान भी थे। रिजवान फिलहाल फरार है। शाहनवाज ने पूछताछ में बताया कि वो जनवरी 2023 में दो दिनों के लिए अहमदाबाद पहुँचा था। यहाँ से वो वडोदरा पहुँचा और स्टेशन के पास ही एक हॉस्टल में कमरा लेकर रुक गया।
वडोदरा से आतंकियों ने किराए पर बाइक ली और रेकी को अंजाम दिया। इसके बाद सभी आतंकी सूरत गए और फिर से किराए पर स्कूटी लेकर शहर भर की रेकी की। आतंकियों ने हीरा बाजार, यहूदी केंद्र, इस्कॉन मंदिर समेत 7 जगहों की रेकी की थी। फिर उन्होंने फोटोग्राफ और वीडियोग्राफी की फाइल तैयार कर अबु सुलेमान को भेज दिया था।
शाहनवाज ने बाजार से केमिकल लेकर बम बनाने के कई प्रयोग किए और जंगलों में विस्फोट कर उसका डेमो भी किया था। हालाँकि वो कोई बड़ा धमाका कर पाता, इससे पहले ही गिरफ्तार लिया गया था। शाहनवाज स्वप्रेरित आईएसआईएस आतंकी था। उसने अपने जेहादी मंसूबों को पूरा करने के लिए झारखंड के हजारीबाग में कई छोटी-मोटी आपराधिक कार्यों को अंजाम दिया था।
31 साल के शाहनवाज हजारीबाग में ही पैदा हुआ था और वहीं पर उसे जेल भी जाना पड़ा था। जेल से निकलने के बाद वो पुणे चला गया था। फिर एनआईए की छापेमारी में जब आईएसआईएस का पुणे मॉड्यूल ध्वस्त हुआ, तो वो फरार हो गया। उस पर तीन लाख का ईनाम रखा गया था।
फरहतुल्ला से जुड़ा है शाहनवाज का कनेक्शन
पुणे से भागा शाहनवाज दिल्ली और अलीगढ़ मॉड्यूल के साथ जुड़ गया था, जिसमें अहम भूमिका निभाई थी आईएसआईएस, आईएसआई, लश्कर, जैश-ए-मोहम्मद जैसे कई आतंकी गुटों के लिए काम करने वाले और हिज्ब उत तहरीर का संचालन करने वाले फरहतुल्ला गोरी से। फरहतुल्ला पाकिस्तान से ही भारत में आईएसआईएस के मॉड्यूल्स को खड़ा कर रहा था।
ऑपइंडिया ने अपनी रिपोर्ट में बताया था कि किस तरह से फरहतुल्ला कई नामों से जाना जाता था और वो सभी आईएसआईएस आतंकियों के बीच इकलौता कनेक्शन था। वही आईएसआईएस आतंकियों को शपथ दिलाता था और शाहनवाज जैसे आतंकियों को उनके जेहादी लक्ष्यों को पूरा करने में मदद कर रहा था।
हिंदू बसंती को मरियम बनाकर जेहाद में लगाया
शाहनवाज ने गाजियाबाद के विश्वेश्वरैया इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से माइनिंग इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल की थी। उसने अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में पढ़ने वाली गुजरात की बसंती पटेल नाम की हिंदू लड़की से निकाह किया और उसे जेहादी बना दिया। शाहनवाज ने बसंती को पहले इस्लाम कबूल करवाया फिर उससे निकाह किया। निकाह के बाद बसंती का नया इस्लामी नाम मरियम रखा गया था।
क्या था पुणे ISIS मॉड्यूल
दरअसल, में पुणे पुलिस ने जुलाई 2023 में चोरी की बाइक के साथ 2 लोगों को पकड़ा था। इसमें शाहनवाज भी था। शुरुआत में पुलिस ने दोनों को वाहन चोर समझा पर जाँच में उनके ISIS नेटवर्क से जुड़े होने की बात सामने आई। इस बीच शाहनवाज पुलिस को चकमा देकर फरार हो गया था। इसके बाद इस साल अगस्त माह में पुणे के कोंढवा स्थित एक घर में दबिश डाली।
दबिश के दौरान बम बनाने और ब्लास्ट करने की ट्रेनिंग लेते हुए 7 लोगों को गिरफ्तार किया गया। इस दौरान 3 अन्य संदिग्ध फरार हो गए थे। फरार होने वालों के नाम रिज़वान अब्दुल हाजी, अब्दुल्लाह फ़ैयाज़ शेख और तलहा लियाकत खान है। इन तीनों के साथ शाहनवाज पर भी 3-3 लाख रुपए का इनाम रखा गया था। इसके बाद शाहनवाज को दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने एनआईए के साथ मिलकर गिरफ्तार किया था।