Sunday, November 17, 2024
Homeरिपोर्टराष्ट्रीय सुरक्षाकश्मीर में 'पुलवामा' दोहराने की साजिश हुई नाकाम: IED के साथ फिदायीन हमलावर समेत...

कश्मीर में ‘पुलवामा’ दोहराने की साजिश हुई नाकाम: IED के साथ फिदायीन हमलावर समेत 7 आतंकी गिरफ्तार

साहिल नजीर से पूछताछ के बाद 4 आतंकी और पकड़े गए। पुलिस ने उनके पास से कार JK0E-0690 बरामद की। अधिक पूछताछ में पता चला कि इस कार का इस्तेमाल वाहन बम के तौर पर किया जाना था।

दक्षिण कश्मीर में पुलवामा जैसे हमले को दोहराने की साजिश को पुलिस ने नाकाम कर दिया है। इस बार आतंकियों की तैयारी पुलिस के सैन्य काफिले के अलावा म्युनिसिपल कमेटी पांपोर की इमारत को भी उड़ाने की थी।

गनीमत ये है कि ये आतंकी अपनी कोशिशों में कामयाब होते इससे पहले ही पुलिस ने सातों को गिरफ्तार कर लिया। इनमें से एक फिदायीन हमलावर भी है। पुलिस ने पकड़े गए आतंकियों के तार लश्कर और जैश से जुड़े बताए हैं।

आतंकियों के पास से 2 शक्तिशाली IED और वाहन बम के लिए तैयार की जा रही कार भी बरामद हुई है। IGP कश्मीर रेंज विजय कुमार ने पत्रकारों से इस विषय में बातचीत के दौरान बताया कि पुलवामा जिले के अवंतीपोर इलाके में सक्रिय लश्कर व जैश के जिन 7 आतंकियों को पकड़ा गया है। इनमें एक बीए के प्रथम वर्ष का छात्र है।

कैसे पकड़े गए 7 आतंकी?

आईजीपी ने कहा कि उन्हें अपने सूत्रों से पता चला था कि पांपोर में जैश-ए-मोहम्मद ने कुछ नए लड़कों को भर्ती किया है, जो 14 फरवरी 2019 की तरह ही कोई बड़ा बम धमाका करने की साजिश की तैयारी कर रहे हैं।

उन्होंने बताया कि इस जानकारी के बाद उन्होंने संदिग्ध तत्वों के ऊपर निगरानी शुरु की और साहिल नजीर नामक एक युवक को पकड़ लिया। साहिल बीए प्रथम वर्ष का छात्र है जो पांपोर में रहता है। वह इंटरनेट के जरिए जिहादी तत्वों के संपर्क में आया और आतंकी संगठन का हिस्सा बना।

साहिल नजीर से पूछताछ के बाद 4 आतंकी और पकड़े गए। पुलिस ने उनके पास से कार JK0E-0690 बरामद की। अधिक पूछताछ में पता चला कि इस कार का इस्तेमाल वाहन बम के तौर पर किया जाना था।

बता दें कि जैश-ए-मोहम्मद ने पंपोर से कुछ ही दूरी पर लिथपोरा में सीआरपीएफ के काफिले पर वाहन बम से 14 फरवरी 2019 को हमला किया था। हमले में 40 सीआरपीएफ कर्मी शहीद हो गए थे। आतंकी आदिल डार इसमें फिदायीन हमलावर था जिसके विस्फोट में बुरी तरह परखच्चे उड़ गए थे।

साहिल व उसके साथी उसी तरह के हमले को अंजाम देने की फिराक में थे। सख्ती से पूछताछ में साहिल ने सारी बातें उगली। इतना ही नहीं उसने ये भी बताया कि साजिश को अंजाम तक पहुँचाने में उसकी व उसके साथियों की मदद उत्तरी कश्मीर में सक्रिय आतंकियों का एक ओवरग्राऊंड वर्कर कर रहा था।

25 Kg अमोनियम पाउडर हुआ आतंकी के घर से बरामद, इमारत उड़ाने की साजिश का खुलासा

आईजीपी ने यह भी बताया कि पांपोर में एक मुसैब अहमद नाम का आतंकी भी पकड़ा गया है। ये लश्कर-ए-तैयबा से जुड़ा है। मुसैब ने पूछताछ में अपने घर में छिपा कर रखे 25 किलो अमोनियम पाउडर की जानकारी दी। पुलिस ने सूचना पाते ही फौरन इसे बरामद किया। इसी पाउडर का यूज आइईडी बनाने में होना था।

इसके बाद मुसैब ने जैसे ही बताया कि IED के लिए बाकी सामान उत्तरी कश्मीर से आने वाला था और उसे शाहिद सोफी नाम का आतंकी उसे लाता। पुलिस ने तेजी दिखाते हुए सोफी को भी पकड़ लिया। जिसके बाद सोफी ने बताया कि वह एक शक्तिशाली विस्फोटक तैयार कर उसेे म्युनिसिपल कमेटी पांपोर की इमारत में लगाना चाहते थे।

बता दें कि जैश और लश्कर के पकड़े गए यह 7 आतंकी कुछ समय पहले ही आतंकवादी बने हैं। इनमें से कुछ कथित तौर पर अपने घरों में ही थे। आईजीपी ने तो बताया कि यह सभी इंटरनेट मीडिया के जरिए सरहद पार बैठे आतंकी सरगनाओं के साथ लगातार संपर्क में थे।

उन्होंने ये भी कहा कि आतंकी अब अपने हमलों को अंजाम देने के लिए अपनी रणनीति लगातार बदल रहे हैं। लेकिन सुरक्षाबल उनकी साजिशों से अवगत हैं। वह लगातार सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा कर उसे बेहतर बनाते हैं ताकि आतंकियों को किसी तरह का मौका न मिले।

सोपोर में भी सुरक्षाबल को सफलता

गौरतलब है कि एक ओर पांपोर में पुलिस को यह सफलता मिली है। वहीं बारामुला जिले के सोपोर में मंगलवार को सुरक्षाबलों ने अल-बदर कमांडर गनई ख्वाजा को मार गिराने में सफलता पाई। इस संबंध में कश्मीर जोन के आईजी विजय कुमार ने बताया कि सोपोर पुलिस को आतंकियों के छिपे होने की सूचना मिली थी।

इसके बाद पुलिस सेना और सीआरपीएफ ने इलाके की घेराबंदी की। जहाँ आतंकियों की ओर से फायरिंग शुरू हो गई। जवाबी कार्रवाई में गनई ख्वाजा मारा गया, जबकि उसके दो साथी मौके से भाग निकले। मारे गए आतंकी के पास से भारी मात्रा में हथियार व गोला बारूद बरामद हुआ है।

ख्वाजा के बारे में आईजीपी ने बताया कि वह साल 2000 में पाकिस्तान गया था। जहाँ से वह 2 साल बाद 2002 में वापस आया। इसके बाद उसकी गिरफ्तारी हुई। साल 2008 में वह आतंकी संगठन अल बदर में शामिल हो गया। पिछले कुछ महीनों में मारे गए आतंकियों को उसने पाकिस्तान के इशारे पर भर्ती किया था।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

मुस्लिम घुसपैठियों और ईसाई मिशनरियों के दोहरे कुचक्र में उलझा है झारखंड, सरना कोड से नहीं बचेगी जनजातीय समाज की ‘रोटी-बेटी-माटी’

झारखंड का चुनाव 'रोटी-बेटी-माटी' केंद्रित है। क्या इससे जनजातीय समाज को घुसपैठियों और ईसाई मिशनरियों के दोहरे कुचक्र से निकलने में मिलेगी मदद?

दिल्ली सरकार के मंत्री कैलाश गहलोत का AAP से इस्तीफा: कहा- ‘शीशमहल’ से पार्टी की छवि हुई खराब, जनता का काम करने की जगह...

दिल्ली सरकार में मंत्री कैलाश गहलोत ने अरविंद केजरीवाल एवं AAP पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाकार पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -