जम्मू-कश्मीर पुलिस ने पूर्व विशेष पुलिस अधिकारियों (SPO) सैयद नवीद मुश्ताक और राहिल मगरे को शोपियाँ और पुलवामा के सेब के बागों में हाल में हुई हत्याओं के लिए संदिग्ध माना है। दोनों अधिकारियों ने विशेष पुलिस बल छोड़ कर 2017 में इस्लामिक आतंकवादी संगठन हिज़बुल मुजाहिदीन में शामिल हो गए थे।
टाइम्स ऑफ़ इंडिया की ख़बर के अनुसार, पुलिस ने बताया कि यही मुश्ताक था, जो पिछले कुछ महीनों से, ओवरग्राउंड (ओजीडब्ल्यू) हिजबुल कार्यकर्ताओं को निर्देश दे रहा था कि वे दुकानदारों को पोस्टर लगाए व शोपियां में पैम्फलेट वितरित करें। इसके अलावा सेब उत्पादकों को नेफेड की फल ख़रीद प्रक्रिया का बहिष्कार करने के लिए कहे।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि मुश्ताक इन पोस्टर्स पर हस्ताक्षर करने के लिए एक और नाम – ‘बाबर आज़म’ का इस्तेमाल कर रहा है। पंजाब के एक सेब व्यापारी, एक ट्रक ड्राइवर और एक मज़दूर को इन आतंकवादियों ने मार डाला। आतंकवादियों ने कम से कम चार खेतों में आग लगा दी।
पुलिस अधिकारी ने कहा कि इन दोनों लोगों ने 2018-2019 में कई सोशल मीडिया समूहों पर एसपीओ को आतंकवादी संगठनों में शामिल होने के लिए एक ‘प्रसारण सेवा’ का संचालन किया। जवाब न देने पर ये दोनों उन्हें झटके से ख़त्म करने लगे। दो पूर्व SPO जो अब आतंकवादी बन गए वो पुलवामा और अनंतनाग के बीच 60 किलोमीटर के क्षेत्र में काम कर रहे हैं और हाल ही में वो 11 केसर व्यापारियों से मिले थे। आतंकवादियों ने उन्हें धमकी दी थी कि वे किसी भी सरकारी एजेंसी को अपनी उपज की आपूर्ति न करें।
मुश्ताक, जो शोपियांँ में नाज़नीपोरा का निवासी है, उसके पास चार एके 47 होने का संदेह है, जो उसने 2017 में पुलिस से चुराई थी। एक अन्य आतंकवादी मैग्रे शोपियाँ और पुलवामा में स्थानीय लड़कों के माध्यम से व्यापारियों को ‘धमकी भरे संदेश’ भेज रहा है।
अधिकारी ने बाताया, “मुश्ताक ने बडगाम में अपनी पोस्टिंग के दौरान 2017 में चार एके 47 छीने थे। वह शोपियाँ का हिजबुल मुजाहिदीन ज़िला कमांडर बन गया है और अन्य आतंकवादियों को हथियारों की आपूर्ति कर रहा है। हम अन्य समूह के सदस्यों की पहचान करने की प्रक्रिया में हैं।”
ख़बर में जम्मू-कश्मीर पुलिस के सूत्रों के हवाले से लिखा गया है कि आतंकवादी समूह हिजबुल मुजाहिदीन ने हाल ही में जैश-ए-मोहम्मद (JeM) और लश्कर-ए-तैयबा (LeT) के प्रतिनिधियों के साथ बैठक की थी। बैठक में यह निर्णय लिया गया कि हिजबुल मुजाहिदीन (HM) नागरिकों को लक्षित करेगा जबकि अन्य दो संगठन सुरक्षा प्रतिष्ठानों और सुरक्षा अधिकारियों को अपने रडार पर रखेंगे। कथित तौर पर, जम्मू-कश्मीर पुलिस ने शोपियाँ में हुई इस बैठक के बारे में 14-18 अक्टूबर के बीच कम से कम छ: संदेशों को इंटरसेप्ट किया गया।