झारखंड (Jharkhand) से बीजेपी के सीनियर लीडर और पूर्व विधायक गुरुचरण नायक (Gurucharan Nayak) पर नक्सलियों द्वारा हमला (Naxal attack) करने का मामला सामने आया है। हालाँकि, इस हमले में नायक बाल-बाल बचे हैं, लेकिन उनके दो बॉडीगार्ड- शंकर नायक और ठाकुर हेम्ब्रम की नक्सलियों ने गला रेतकर हत्या कर दी। बताया जा रहा है कि लगभग 100 नक्सलियों ने उन पर हमला कर दिया, लेकिन वे भीड़ में छिपकर किसी भागने में कामयाब रहे।
नायक का तीसरा बॉडीगार्ड टुडू नायक भी नक्सलियों से अपनी जान बचाकर भागने में कामयाब रहा। पूर्व विधायक ने भीड़ छिपकर अपनी जान बचाई। नक्सलियों ने तीनों बॉडीगार्ड से एक एके 47 और दो इंसास राइफलें भी लूट ली हैं। घटना के ढाई घंटे बाद पुलिस टीम मौके पर पहुँची और एक बॉडीगार्ड का शव बरामद किया। हालाँकि, दूसरे शव को लेकर अभी तक कोई जानकारी नहीं सामने आई है। इस घटना को लेकर चक्रधरपुर उप-मंडल के डीएसपी दिलीप जाल्क्सो ने ऑपइंडिया को बताया, “हम इस मामले में अपडेट लेने की कोशिश कर रहें हैं कि दूसरे पुलिस वाले का शव बरामद किया गया है या नहीं।”
गौरतलब है कि बीजेपी नेता गुरुचरण नायक गोइलकेरा थाना क्षेत्र के अंतर्गत झिलौरा गाँव के प्रोजेक्ट हाईस्कूल में दो दिवसीय फुटबॉल मैच के पुरस्कार वितरण समारोह में शामिल होने के लिए गए थे। इस बीच भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) से जुड़े नक्सल कमांडर मोच्चू के ग्रुप के करीब 100 नक्सली भीड़ में शामिल हो गए। शाम करीब 5:15 बजे कार्यक्रम खत्म होने के बाद BJP नेता जैसे ही अपनी कार के पास पहुँचे, नक्सलियों ने उन पर गोलीबारी शुरू कर दी। दो बॉडीगार्ड नक्सलियों के अंबुश में फँस गए और उनकी हत्या कर दी गई।
भाजपा नेता वहाँ से सीधे तूनिया गाँव स्थित अपने घर पहुँचे और पुलिस को मामले की जानकारी दी। जिस जगह पर कार्यक्रम का आयोजन हुआ था, वहाँ से उनका घर केवल डेढ़ किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। बाद में बीजेपी नेता ने मीडिया को बताया, “हर साल की तरह हम खेल के मैदान में गए थे। पुरस्कार बँटने के बाद मैं शाम 5:15 बजे अपनी गाड़ी में बैठने जा रहा था, तभी 20-30 माओवादियों ने हम पर हमला कर दिया। माओवादी हंगामे में मुझे ढूँढ नहीं पाए, इसलिए मैं भागने में सफल रहा। नक्सलियों ने एक एके-47 और दो इंसास राइफलें भी लूट लीं।”
पुलिस ने कहा- हमें नहीं बताया
पूर्व विधायक के दौरे पर पश्चिमी सिंहभूम के SSP अजय लिंडा ने कहा है कि नायक बिना किसी को बताए नक्सल प्रभावित इलाके में गए थे। इसी तरह से चक्रधरपुर के DSP ज़ाल्क्सो ने कहा, “पुलिस को पूर्व विधायक के यहाँ किसी कार्यक्रम में शामिल होने के बारे में कोई जानकारी नहीं थी।”
चार-पाँच दिन पहले भी CPI (M) के नक्सलियों ने गोइलकेरा थाना क्षेत्र के दो नागरिकों को पुलिस का मुखबिर बता हत्या कर दी थी। इसके अलावा नक्सलियों ने बोयाराम लोमगा नामक वन विभाग के एक कर्मचारी की भी हत्या कर दी थी।
नायक नक्सलियों की हिटलिस्ट में
हालाँकि, ऐसा एक दशक में दूसरी बार हुआ, जब नायक पर नक्सलियों ने हमले किए हैं। इससे पहले 9 जनवरी 2012 को आनंदपुर थाना क्षेत्र के हरता और खटंगबेरा में नक्सलियों ने उन पर जानलेवा हमला किया था। उस दौरान भी वे अपनी जान बचाने में सफल रहे थे।
नक्सलियों को रोकने में विफल हेमंत सोरेन सरकार (Hemant soren Government)
राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी (Babu Lal Marandi) ने झारखंड में नक्सली घटनाओं के बढ़ने पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि सरकार इन घटनाओं को रोकने में विफल रही है। मरांडी पूर्व विधायक से मिलने चक्रधरपुर जाने वाले हैं। बीजेपी ने इस घटना का विरोध करने का निर्णय लिया है। पूर्व सीएम मरांडी ने कहा, “झारखंड में हालात चिंताजनक हैं और लोग चिंतित हैं। राज्य सरकार झारखंड में वामपंथी उग्रवाद से निपटने के लिए अनिच्छुक दिख रही है।”
मनोहरपुर के पूर्व विधायक श्री गुरूचरण नायक जी के ऊपर हुए नक्सली हमले में दो अंगरक्षकों के शहीद होने की खबर मिली।
— Babulal Marandi (@yourBabulal) January 4, 2022
कानून व्यवस्था की यह दुर्दशा से आज जब जनप्रतिनिधि सुरक्षित नहीं है तो आम आदमी कितना सुरक्षित है।
गुरुचरण जी से फ़ोन पर बात हुई है वो अभी सुरक्षित हैं।
आदिवासी मामलों के केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा (Arjun Munda) ने भी घटना पर दुख व्यक्त किया।
मनोहरपुर के पूर्व विधायक श्री गुरुचरण नायक जी पर नक्सली हमले और उनके दो सुरक्षाकर्मी के शहीद होने की खबर सुनकर मर्माहत हूं।राज्य में विधि व्यवस्था एवं ग्रामीण क्षेत्रों में सुरक्षा व्यवस्था की स्थिति दयनीय एवं गंभीर है।सरकार इस मामले में असंवेदनशील है।भगवान से हमले घायल एक
— Arjun Munda (@MundaArjun) January 4, 2022
इससे पहले भी हुए हैं ऐसे हमले
इससे पहले 16 जनवरी 2005 को गिरिडीह जिले के सरिया थाना क्षेत्र के दुर्ग ढाबैया गाँव में तीन तीन नक्सलियों ने वरिष्ठ नेता व भाकपा-माले (लिबरेशन) के विधायक महेंद्र प्रसाद सिंह की गोली मारकर हत्या कर दी थी। नक्सलियों ने उनका गला काट दिया था।
इसी तरह से 4 मार्च 2007 को जमशेदपुर के घाटशिला थाना क्षेत्र के बगुरिया में एक फुटबॉल मैच पुरस्कार वितरण कार्यक्रम के दौरान भाकपा (माओवादी) ने झारखंड मुक्ति मोर्चा के सांसद सुनील महतो की हत्या कर दी। इस मामले की जाँच सीबीआई कर रही है।
9 जुलाई 2008 CPIM से जुड़े नक्सली कुंदन पाहन के नेतृत्व नक्सलियों ने रांची के बुंडू के एक स्कूल में एक समारोह के दौरान रमेश सिंह मुंडा की गोली मारकर हत्या कर दी थी। इस हमले में रमेश सिंह मुंडा के दो बॉडीगार्ड और एक छात्र की मौत हो गई थी। वह तामार से जद(यू) के मौजूदा विधायक थे। इस घटना की जाँच एनआईए कर रही है।
पश्चिम बंगाल में अपने नेता किशनजी की हत्या का बदला लेने के लिए 3 दिसंबर 2011 को भाकपा (माओवादी) ने लातेहार जिले के लाडू मोड़ में झारखंड विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष और चतरा से मौजूदा सांसद इंदर सिंह नामधारी के काफिले पर घात लगाकर हमला किया था। इस घटना में 8 पुलिसकर्मियों समेत 10 लोगों की मौत हुई थी।