संसद की बरसी के मौके पर संसद भवन में घुसकर हंगामा करने वाले लोगों को ‘सिख फॉर जस्टिस’ के गुरपतवंत सिंह पन्नू ने 10 लाख रुपए की कानूनी सहायता देने का ऐलान किया है। उसने संदेश में कहा है 13 दिसंबर को संसद की नींव हिल गई और खालिस्तान जनमत संग्रह के लिए मतदाता रजिस्ट्रेशन शुरुआत के साथ हिलती रहेगी। इससे पहले पन्नू ने कहा था कि भारतीय एजेंसियों की साजिश उसे मार देने की विफल हो गई और इसका जवाब वह संसद पर हमला करेगा देगा।
बता दें कि बुधवार (13 दिसंबर 2023) को संसद में जीरो ऑवर के दौरान हुए तमाशे में शामिल 7 लोगों में से पुलिस ने 6 लोगों (विशाल-वृंदा, नीलम देवी, अमोल शिंदे, सागर शर्मा, डी मनोरंजन) को गिरफ्तार कर लिया है। ये छह के छह आरोपित एक दूसरे को 4 सालों से जानते थे और पिछले कुछ समय से इस घटना को अंजाम देने का प्लान बना रहे थे। कहा ये भी जा रहा है कि इन्होंने संसद में ये कारनामा करने से पहले रेकी की हुई थी।
इन सबके खिलाफ दिल्ली पुलिस ने अनलॉफुल एक्टिविटीज (प्रीवेंशन) एक्ट (UAPA) के तहत केस दर्ज कर लिया है। पुलिस ने छानबीन में पता लगाया है कि ये सारे के सारे भगत सिंग फैन क्लब के जरिए एक दूसरे से जुड़े थे। सागर शर्मा नाम के आरोपित संसद की सिक्योरिटी चेक के बारे में जाना था। वहीं अमोल शिंदे वो आरोपित है जो महाराष्ट्र से जाकर स्मोक कनस्तर लेकर आया था, जिसे उसने अपने साथियों को इंडिया गेट पर बाँटा।
कथिततौर पर इन सबकी प्लानिंग थी कि ये सारे संसद में घुसते। लेकिन सिर्फ सागर शर्मा और मनोरंजन को ही पास मिल पाए थे इसलिए अमोल और नीलम बाहर ही थे। इनकी एंट्री के बाद ही लोकसभा के जीरो ऑवर में अफरा-तफरी देखी गई। विजिटर गैलरी से सांसदों के बीच कूदने वाला सागर शर्मा था। बताया जा रहा है कि जैसे ही सागर वहाँ कूदा तो मनोरंजन ने पीछे से वो स्मोग पैकेट खोल दिए। इतनी देर में नीलम और अमोल ने लोकसभा के बाहर ये काम कर दिया और तानाशाही बंद करो के नारे लगाए जाने लगे।
इस पूरे हड़कंप के बाद 6 आरोपितों को दिल्ली पुलिस की एंटी टेरर सेल ने पकड़ा है। लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला ने आश्वासन दिया है कि इस मामले में जाँच कराई जाएगी। वहीं गृह मंत्रालय ने भी संसद की सुरक्षा में हुई चूक के खिलाफ जाँच करने के आदेश दिए हैं। सीआरपीएफ के डीजी अनीष दयाल सिंह के नेतृत्व में एंक्वायरी कमेटी बिठाई गई है। ये कमेटी पता लगाएगी कि आखिर किस स्तर पर इतनी बड़ी चूक हुई है और कैसे संसद की सुरक्षा को और बेहतर किया जा सकता है।